Bandha Yoga: बंध योग मुद्रा क्या है? जानें इस मुद्रा को करने के फायदे और प्रकार

बंध योग मुद्रा का अभ्यास करना सेहत के लिए कई तरीकों से फायदेमंद होता है। आइये जानते हैं क्या है यह मुद्रा, इसके प्रकार और इसे करने का तरीका। 
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Bandha Yoga: बंध योग मुद्रा क्या है? जानें इस मुद्रा को करने के फायदे और प्रकार


Bandha Yoga Mudra Benefits: प्रकृति ने हमें कई प्रकार के योग और मुद्राएं दी हैं, जिनका हम शायद ठीक तरह से उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। ऐसी बहुत सी योग मुद्राएं हैं, जिनके बारे में हमें पता तक नहीं है। क्या आपने कभी बंध योग मुद्रा है के बारे में सुना है? अगर नहीं, तो इस लेख के माध्यम से आज हम आपको इस मुद्रा और इसके प्रकार के बारे में बताएंगे। इस मुद्रा का अभ्यास करना फीजिकल और मेंटल हेल्थ के लिए कई तरीकों से फायदेमंद होता है। आइये सात्विक योगा मूवमेंट से जानते हैं बंध योग क्या है और इससे होने वाले फायदे। 

क्या है बंध योग मुद्रा? 

बंध योग मुद्रा एक प्रकार की मुद्रा है, जो शरीर में एनर्जी को स्टोर करके रखने का काम करती है। दरअसल, जब हम ज्यादा एक्सरसाइज करते हैं या अच्छा खानपान फॉलो करते हैं तो यह मुद्रा उससे शरीर की एनर्जी को बचाकर रखती है। वहीं, बाकि की एनर्जी आप अपने रोजमर्रा के कार्यो में खर्च कर देते हैं। पुराने समय में भी योगी और तपस्वी इस मुद्रा का अभ्यास करते थे, जिससे वे अपनी एनर्जी को स्टोर करके रख पाएं। 

 

 

 

 

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बंध योग मुद्रा का अभ्यास करने के फायदे 

  • बंध योग मुद्रा का अभ्यास करना सेहत के लिए कई तरीकों से फायदेमंद माना जाता है। 
  • इस मुद्रा का अभ्यास करके आप अपनी एनर्जी को स्टोर करके सही दिशा में लगा सकते हैं। 
  • इसका अभ्यास करने से इम्यून सिस्टम हेल्दी रहता है और इम्यूनिटी बढ़ती है। 
  • इससे आपकी शरीर और दिमाग का आपसी तालमेल अच्छा रहता है। 
  • इस मुद्रा का अभ्यास करने से दिमाग शांत रहता है और मेंटल हेल्थ भी अच्छी रहती है। 
  • यह मुद्रा शरीर में रक्त संचार को बढ़ाने में भी मददगार होती है। 

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कितने प्रकार की होती है बंध योग मुद्रा? 

  • बंध योग मुद्रा 3 प्रकार की होती हैं। 
  • पहली मुद्रा मूला बंध होती है, यह मुद्रा शरीर के मुख्य चक्र को एक्टिवेट करने के साथ ही एनर्जी को बढ़ाती है। 
  • दूसरी उड्डियान बंध मुद्रा होती है, जो शरीर के बीच मौजूद एनर्जी को उपर की ओर धकेलती है।
  • वहीं, तीसरी जलंधर मुद्रा होती है, जो गले के चक्र के जरिए एनर्जी के बहाव को कंट्रोल करती है। 
  • इन मुद्राओं का अभ्यास आपको किसी एक्सपर्ट की देखरेख में ही करना चाहिए। 

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