सेरोटोनिन एक किस्म का हार्मोन है, जिसे हैप्पी हार्मोन के नाम से भी जाना जाता है। जब सेरोटोनिन का स्तर बैलेंस्ड रहता है, तो व्यक्ति का शरीर पोजीटिव तरीके से काम करता है। जैसे उसे भूख लगती, अच्छी नींद आती है, काम के प्रति इच्छा बनी रहती है। वहीं, अगर सेरोटोनिन बैलेंस्ड न हो, तो व्यक्ति का मूड प्रभावित होता है, डिप्रेशन में रहता है, तनाव होता है और कई इसी तरह की अन्य समस्याएं भी होने लगती हैं। कहने का मतलब है कि शरीर में सेरोटोनिन का स्तर संतुलित होना बहुत जरूरी है। ऐसा न हो, तो व्यक्ति का मन और शरीर दोनों बीमार हो सकते हैं। इसके लिए जरूरी नहीं है कि आपको ट्रीटमेंट के तौर पर दवा ही लेनी पड़े। आप नेचुरल तरीक से भी सेरोटोनिन का स्तर बैलेंस रख सकते हैं। इस संबंध में हमने शारदा अस्पताल के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. भूमेश त्यागी से बात की।
डाइट में करें बदलाव (Take Healthy Diet)
आपको पहले ही स्पष्ट कर दें कि किसी भी खाने के पदार्थ में सेरोटोनिन मौजूद नहीं होता ळै। आप अपनी डाइट में ऐसी चीजें शामि करें, जिसमें ट्रिप्टोफैन है। यह एक तरह का अमीनो एसिड होता है, जो दिमाग में जाकर सेरोटोनिन में बदल जाता है। ट्रिप्टोफैन के लिए आप अपनी डाठट में मछली, नॉन-वेज फूड और हाई प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थ शामिल कर सकते हैं। इसके अलावा, नट्स, साबुत अनाज जैसी चीजों का भी सेवन करें।
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एक्सरसाइज करें (Get More Exercise)
सेरोटोनिन हार्मोन को बैलेंस करने के लिए आप एक्सरसाइज करें। एक्सरसाइज करने से ब्लड में ट्रिप्टोफैन का स्राव शुरू हो जाता है। यह अमीनो एसिड की संख्या को भी कम कर सकता है। इसका मतलब है कि सेरोटोनिन को बैलेंस रखने के लिए जितना संभव हो एक्सरसाइज करें। ध्यान रखें कि एक्सरसाइज करने की कोई विशेष लिमिट नहीं होती है। आपकी बॉडी एक्सरसाइज करने में जितनी सहज है, उतने लंबे समय तक आप एक्सरसाइज कर सकते हैं। एक्सरसाइज में ऐरोबिक्स को शामिल करना अच्छा विकल्प रहेगा। इसके अलावा, साइक्लिंग, स्विमिंग, वॉकिंग, जॉगिंग आदि से भी सेरोटोनिन को बैलेंस करेन में मदद मिल सकती है।
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मसाज थेरेपी लें (Try Massage Therapy)
आपने अक्सर लोगों को कहते सुना होगा कि मसाज करवाने से शरीर को बहुत रिलैक्स फील होता है। कई बार, तो मसाज करवाने के बहुत अच्छी नींद आती है। इसी तरह, मसाज थेरेपी लेने से सेरोटोनिन के साथ-साथ डोपोमाइन का स्तर भी बढ़ने लगता है। सेरोटोनिन की ही तरह डोपामाइन भी मूड रिफ्रेशिंग हार्मोन के तौर पर जाना जाता है। यही नहीं, मसाज करवाने कार्टिसोल नाम का हार्मोन का स्तर कम होता है। यह हार्मोन स्ट्रेस के दौरान प्रोड्यूस होता है।
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पर्याप्त मात्रा में नींद लें (Good Sleep)
हर व्यक्ति के लिए पर्याप्त मात्रा में नींद लेना बहुत जरूरी है। आपको बता दें कि जब नींद पूरी नहीं होती है, तो इससे कई तरह की समस्याएं जन्म लेने लगती है। अच्छी नींद नहीं होने पर स्ट्रेस का स्तर भी बढ़ सकता है, जो कि सेरोटोनिन के स्तर को अपने आप कम करने के लिए जिम्मेदार है। इसलिए हर व्यक्ति को रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद आवश्यक तौर पर लेनी चाहिए। इससे भी शरीर में सेरोटोनिन हार्मोन का स्तर बैलेंस रहता है।
स्ट्रेस के स्तर को मैनेज करें (Manage Stress Level)
कुछ देर पहले ही हमने आपको यह स्पष्ट किया है कि स्ट्रेस का स्तर बढ़ने पर अपने आप सेरोटोनिन का स्तर कम होने लगता है। ऐसा आपके साथ न हो, इसके लिए जरूरी है कि नियमित रूप से स्ट्रेस का स्तर कम करने की कोशिश करें। सवाल है, आप ऐसा कैसे कर सकते हैं? इसके लिए आप योगा करें, थेरेपीज की मदद लें, डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें, म्यूजिक सुनें और कुछ अपने मन का कुछ करें। इस तरह स्ट्रेस का स्तर कम होगा और सेरोटोनिन की मात्रा बैलेंस्ड रहेगी।
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