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हम सभी जानते हैं कि ज्यादा खाना या ओवरईटिंग हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। ज्यादा खाने के कारण मोटापा, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और पाचन से जुड़ी समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है। ओवरईटिंग करने के पीछे कई कारण होते हैं, जिससे भूख और प्यास में अंतर न समझ पाना, स्ट्रेस, नर्वसनेस आदि। बहुत से कम लोग जानते हैं कि ओवरईटिंग का सीधा कनेक्शन हमारे मेंटल हेल्थ पर नकारात्मक असर डालता है। इसलिए, आइए इस लेख में हम नोएडा के मेट्रो अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट- न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. नीरज कुमार से जानते हैं कि ओवरईटिंग का मेंटल हेल्थ पर क्या असर पड़ता है?
ओवरईटिंग का मेंटल हेल्थ पर असर - Mental health effects of overeating in hindi
न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. नीरज कुमार का कहना है कि, हमारे दिमाग और भोजन के बीच गहरा कनेक्शन है। दरअसल जब हम खाना खाते हैं, खासकर मीठा या फैटी फूड तो हमारा दिमाग डोपामिन नाम का केमिकल छोड़ता है, जो खुशी और संतुष्टि की भावना को बढ़ावा देता है। यही कारण है कि तनाव या दुख होने पर लोगों को चॉकलेट, जंक फूड और मिठाई खाने की क्रेविंग होती है। लेकिन, समस्या तब होती है, जब यह प्रक्रिया एक आदत बन जाती है, जिसमें धीरे-धीरे दिमाग को उसी खुशी के लिए बार-बार खाने की जरूरत महसूस होने लगती है। इसी स्थिति से ओवरइटिंग हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर असर डालना शुरू करती है।
न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. नीरज कुमार के अनुसार, लगातार ओवरईटिंग करने से शरीर में सेरोटोनिन और डोपामाइन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर का संतुलन बिगड़ जाता है, जिससे मूड स्विंग्स, चिड़चिड़ापन, नींद में गड़बड़ी और उदासी जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं।
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ओवरईटिंग और मेंटल हेल्थ के कनेक्शन पर स्टडी - Connection between overeating and mental health in hindi
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की एक स्टडी के अनुसार, "तनाव और ओवरईटिंग के बीच एक गहरा कनेक्शन है, जो अक्सर मोटापे और बिंज ईटिंग डिसऑर्डर का कारण बनता है। तनावग्रस्त होने या नकारात्मक भावनाओं के कारण लोगों में बहुत ज्यादा खाने की आदत बढ़ सकती है। इस स्टडी में उन तरीकों पर अध्ययन किया गया है, जिससे पता चल सके कि तनाव दिमाग की नियंत्रण प्रणालियों और शरीर के चयापचय को प्रभावित करता है और ओवरईटिंग का कारण बनता है।"
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हेल्दी मेंटल हेल्थ के लिए ओवरईटिंग से कैसे बचें?
न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. नीरज कुमार का कहना है कि, एक डॉक्टर के रूप में, मैं अक्सर अपने मरीजों को बताता हूँ कि ओवरईटिंग से बचना सिर्फ कम खाना नहीं है, बल्कि अपने शरीर और मन को समझना है। इसलिए, आप इन बातों का ध्यान रखें-
- माइंडफुल ईटिंग करें: खाना खाते समय टीवी या मोबाइल से दूर रहें। खाने के हर निवाले का स्वाद महसूस करें, ताकि दिमाग को तृप्ति का संकेत समय पर मिल सके।
- तनाव को मैनेज करें: अगर आपको तनाव है तो उसे दूर करने के लिए खाना न खाएं, बल्कि योग, मेडिटेशन, गहरी सांसें लेना या वॉकिंग जैसी तकनीकों को अपनाएं।
- संतुलित आहार अपनाएं: एक बार में ज्यादा खाने के स्थान पर दिनभर में छोटे-छोटे भोजन करें, जिससे ब्लड शुगर लेवल स्थिर रहे और भूख कंट्रोल हो सके।
निष्कर्ष
ज्यादा खाना सिर्फ पेट की समस्या को नहीं बढ़ाता है, बल्कि यह मन का संकेत भी है कि आप मानसिक तौर पर परेशान हैं। भोजन हमारे शरीर को एनर्जी देता है, लेकिन जब यह भावनाओं का सहारा बन जाता है, तो यह मानसिक और शारीरिक दोनों स्तर पर आपकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।
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FAQ
ओवरईटिंग के क्या नुकसान हैं?
ज्यादा खाने के लिए आपके शरीर को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है और ब्लड फ्लो शरीर के दूसरे अंगों से हटकर आपके पाचन तंत्र की ओर मुड़ जाता है। इससे आपको थकान या सुस्ती की समस्या महसूस हो सकती है। ओवरईटिंग के दौरान जिन चीजों को हम खाते हैं जिनमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा ज्यादा होती है, जिससे शुगर रश के बाद शुगर बहुत ज्यादा बढ़ सकता है।ओवर ईटिंग डिसऑर्डर क्या है?
ओवर ईटिंग डिसऑर्डर से पीड़ित लोग अक्सर अपने खाने को सीमित करने या उसमें भारी कटौती करने की कोशिश करते हैं, लेकिन इससे खाने की इच्छा और ज्यादा बढ़ सकती है और पीड़ित ज्यादा खाना खाने लगता है।मोटापे से क्या समस्या हो सकती है?
मोटापे के कारण कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती है, जिसमें दिल की बीमारी, टाइप 2 डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर आदि शामिल है।
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Nov 10, 2025 11:04 IST
Published By : Katyayani Tiwari