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Migraine Warning Signs: माइग्रेन एक किस्म का सिरदर्द है। हालांकि, यह सामान्य सिरदर्द से अलग होता है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोलॉजिकल डिस्ऑर्डर एंड स्ट्रोक के अनुसार माइग्रेन के कारण हो रहा सिरदर्द अक्सर आता-जाता रहता है और इसके लक्षण हर व्यक्ति में अलग हो सकते हैं। कई लोगों को माइग्रेन की वजह से उल्टी, थकान, कमजोरी, मूड में बदलाव आदि समस्याओं का सामना करना पड़ता है। बहरहाल, हाल के दिनों में बढ़ते काम के प्रेशर की वजह से कई लोगों को माइग्रेन जैसी समस्या का सामना करना पड़ा है। ऐसे में यह जान लेना आवश्यक हो जाता है कि आखिर यह समस्या कब खतरनाक हो जाती है और डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए?
माइग्रेन कब खतरनाक हो जाता है?- When Is A Migraine Dangerous
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अचानक और तीव्र दर्द होने पर: माइग्रेन का दर्द अपने आप में काफी परेशान करना वाला होता है, क्योंकि यह आता-जाता रहता है। साथ ही यह सामान्य से तीव्र हो सकता है। लेकिन, अगर किसी को अचानक और तीव्र माइग्रेन के कारण सिरदर्द होने लगे, तो यह सही संकेत नहीं है। इसे हल्के में न लें।
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न्येरोलॉजिकल लक्षणः अगर आपको माइग्रेन के साथ-साथ ऐसे लक्षण नजर आएं, जो न्यूरोलॉजी से जुड़े हुए हैं, जैसे बोलने में कठिनाई, धुंधला नजर आना, पैरों में सुन्नपन, कमजोरी, बैलेंस करने में दिक्कत आना और कंफ्यूजन महसूस करना। ये सभी लक्षण असामान्य हैं और लोगों को इन्हें लेकर लापरवाही नहीं करनी चाहिए।
सिरदर्द के साथ गर्दन में अकड़नः माइग्रेन में सिरदर्द होता है, यह तो हम सभी जानते हैं। अगर आपको सिरदर्द होने के साथ-साथ गर्दन में अकड़न महसूस हो और बुखार भी आए, तो इसे भी आप खतरे का संकेत समझें। ऐसा होने पर आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
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निष्कर्ष
माइग्रेन के कारण हो रहे सिरदर्द को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए। डॉक्टर द्वारा ट्रीटमेंट जरूरी होता है। इसके बावजूद, अगर मौजूद ट्रीटमेंट प्लान की मदद से माइग्रेन का दर्द कंट्रोल नहीं हो रहा है, तो डॉक्टर की मदद से ट्रीटमेंट में बदलाव करवाएं। ऐसे ही कोई अन्य लक्षण दिखे, तो भी इसकी चर्चा अपने एक्सपर्ट से करना न भूलें।
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FAQ
माइग्रेन से क्या खतरा हो सकता है?
आमतौर पर माइग्रेन जानेलवा नहीं होता है। हालांकि, माइग्रेन अपने आप में ऐसी कंडीशन है, जो लोगों की असहजता और तकलीफ बढ़ा सकती है। वहीं, डॉक्टरों का यह भी कहना है कि माइग्रेन की वजह से कुछ बीमारियों का रिस्क बढ़ जाता है।माइग्रेन की लास्ट स्टेज में क्या होता है?
माइग्रेन की लास्ट स्टेज को पोस्टड्रोम या माइग्रेन हैंगओवर कहा जाता है। इस स्थिति में सिरदर्द ठीक होने के बावजूद मरीज परेशान रहता है, क्योंकि बॉडी ठीक होने की कोशिश करता है। ऐसे में मरीज को थकान, ब्रेन फॉग, चिड़चिड़ापन, सुस्ती आदि परेशानियां झेलनी पड़ती हैं।माइग्रेन की जांच कैसे होती है?
वैसे तो माइग्रेन की जांच करने के लिए डॉक्टर मरीज की मेडिकल हिस्ट्री और लक्षणों की जानकारी लेते हैं। लेकिन, अगर किसी व्यक्ति को लंबे समय तक सिरदर्द की तकलीफ होती है और किसी अन्य मेडिकल कंडीशन का अंदेशा होता है, तो उसे कंफर्म करने के लिए कुछ टेस्ट किए जा सकते हैं, जैसे एमआरआई , सीटी स्कैन और ब्लड टेस्ट जैसे इमेजिंग किए जा सकते हैं।
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Nov 10, 2025 08:07 IST
Published By : Anurag Gupta