
Binge Eating Disorder Causes Symptoms And Treatment In Hindi: कई लोग ऐसे होते हैं, जो न चाहते हुए भी बहुत ज्यादा खाना खा लेते हैं। एक हद तक इस तरह की स्थिति से कोई गंभीर समस्या उत्पन्न नहीं होती है। लेकिन, जब किसी व्यक्ति का अपने खाने पर कंट्रोल नहीं होता है, पेट भरे होने के बावजूद वह खाता रहता है और कम समय में बहुत अधिक खा लेता है। यह स्थिति बिल्कुल सही नहीं है। यह एक तरह की डिसऑर्डर है, इसका नाम है, बिंज ईटिंग डिसऑर्डर। इस बीमरी के होने के गंभीर परिणाम देखने को मिलते हैं। इसलिए, यह जरूरी है कि आप भी इसके लक्षण, कारण के बारे में जानकर इलाज करवाएं। इस विषय पर हमने न्यू दिल्ली स्थित, दी लाइफस्टाइल क्लीनिक की सलाहकार मनोचिकित्सक, डॉ. वर्षा महादिक, एमबीबीएस डीएनबी मनोरोग से विस्तार से बातचीत की है। पेश है, बिंज ईटिंग डिसऑर्डर के लक्षण, कारण और इलाज से जुड़ी जानकारी।
बिंज ईटिंग डिसऑर्डर के लक्षण (Symptoms Of Binge Eating Disorder)
बिंग-ईटिंग डिसऑर्डर करने वाले अक्सर मोटे होते हैं। हालांकि, कुछ लोग ऐसे भी देखे गए हैं, जिनका वजन सामान्य होता है। इसके बावजूद, वे इस बीमारी का शिकार होते हैं। इस बीमारी के कुछ लक्षण इस प्रकार हैं-
- एक समय में बहुत ज्यादा खाना खाना।
- प्रत्येक दो घंटे बाद बहुत ज्यादा खाना खाने की चाह होना है।
- यह महसूस करना कि खाने की आदत कंट्रोल करने में मुश्किल आ रही है।
- पेट भरे होने या भूख न लगने पर भी खाना खाना।
- खाने की चाह होने पर बहुत तेजी से खाना खाना।
- जब तक खाना खाने के बाद असहज न महसूस हो, तब तक खाते रहना।
- बार-बार खाना खाना और अकेले या दूसरों से छिपाकर खाना खाना।
- अपनी खाने की आदत को लेकर शर्मिंदगी महसूस करना।
- अपनी खाने की आदत से परेशान होकर खुद को कोसना और निराशा से भर जाना।
- बार-बार खाने से दूर जाना, लेकिन खाने की आदत को छोड़ न पाना।
बिंज ईटिंग डिसऑर्डर का कारण (Causes Of Binge Eating Disorder)
आनुवंशिकी (Genetics)
बिंज ईटिंग डिसऑर्डर के विषय में कई एक्सपर्ट्स इस बात का दावा करते हैं यह आनुवांशिकी है। इसका मतलब है कि अगर परिवार में कोई पहले बिंज ईटिंग डिसऑर्डर का शिकार रहा है, तो परिवार के भावी पीढ़ी को इस समस्या के होने की संभावना काफी बढ़ जाती है।
जेंडर (Gendre)
बिंज ईटिंग डिसऑर्डर के होने पीछे जेंडर को भी एक वजह माना गया है। विशेषज्ञों के अनुसार बिंज ईटिंग डिसऑर्डर पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा होता है। यूएस की एक रिपोर्ट के अनुसार एक निश्चित समयावधि में जहां, 3.6 फीसदी महिलाएं बिंज ईटिंग डिसऑर्डर से ग्रसित थीं, वहीं पुरुषों की संख्या 2.0 फीसदी थी। विशेषज्ञों का कहना है कि संभवतः ऐसा बायोलॉजिकल फैक्टर की वजह से हो सकता है।
ब्रेन स्ट्रक्चर में बदलाव (Changes In Brain Structure)
विशेषज्ञ यह भी दावा करते हैं कि जो लोग बिंज ईटिंग डिसऑर्डर के मरीज हैं, उनके ब्रेन स्ट्रक्चर में कुछ बदलाव महसूस किए गए हैं। यही कारण है कि इन लोगों का खाना खाने पर कोई कंट्रोल नहीं रह जाता है।
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शारीरिक वजन (Body Size)
बिंज ईटिंग करने वालों को अक्सर देखा गया है कि वे मोटे और भारी शरीर के होते हैं। ऐसा उनके खाने की आदत की वजह से भी हो सकता है। लेकिन, विशेषज्ञों का कहना है कि बिंज ईटिंग डिसऑर्डर का एक कारण मोटापा भी है।
बॉडी इमेज (Body Image)
बिंज ईटिंग डिसऑर्डर के कुछ मरीज ऐसे भी होते हैं, जिन्हें अपनी बॉडी इमेज को लेकर शर्मिंगदी होती है। उन्हें लगता है कि वे किसी भी तरह से खूबसूरत या गुड लुकिंग नहीं है। इसलिए ज्यादातर लोग उन्हें नापसंद करते हैं। उनकी यह भावना इनके मन-मस्तिष्क में हावी होती है कि वे इससे डील नहीं कर पाते। अपने गुस्से और हीन भावा को दबाने के लिए ऐसे लोग बिंज ईटिंग डिसऑर्डर का शिकार हो जाते हैं।
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बिंज ईटिंग डिसऑर्डर का इलाज (Treatment Of Binge Eating Disorder)
बिंज ईटिंग डिसऑर्डर जैसी समस्या का कोई सटीक इलाज नहीं है। इसके लिए, आपको चाहिए कि जैसे ही आपको लक्षण नजर आएं, आप तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। उनके द्वारा दी गई सलाह को अमल में लाएं और जरूरी होने पर अपनों की मदद लें। इसके अलावा, संभवतः डॉक्टर आपको कोई दवा या विशेष ट्रीटमेंट की सलाह दें, तो उन्हें आवश्यक तौर पर फॉलो करें।
बिंज ईटिंग डिसऑर्डर के मरीजों की मदद कैसे करें (How To Help Someone With Binge Eating Disorder)
बिंज ईटिंग डिसऑर्डर से पीड़ित कोई व्यक्ति अगर आपका परिचित है, दोस्त है या घर कोई छोटा बच्चा है, तो आपकी जिम्मेदारी बनती है कि आप उसकी मदद करें। इसके लिए आप निम्न उपाय आजमाएं-
- बिंज ईटिंग डिसऑर्डर से पीड़ित व्यक्ति के लक्षणों पर गौर करें।
- अगर वह छिपकर खाना खाता है, तो उससे बातचीत करने की कोशिश करें।
- अगर व्यक्ति अपनी इमेज को लेकर शर्मिंदगी महसूस करता है, तो उसे मोटिवेट करें।
- अगर बच्चा इस तरह की समस्या से पीड़ित है, तो आप उन्हें अकेला न छोड़ें। उसके हर लक्षण की ओर गौर करें और जरूरत होने पर डॉक्टर से संपर्क करें।
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