How much water to drink in pregnancy: प्रेग्नेंसी जैसे जैसे आगे बढ़ती है महिलाओं के ब्लैडर पर प्रेशर पड़ता है। इसकी वजह से महिलाओं को बार-बार पेशाब लगने की समस्या होती है। कुछ महिलाओं की दिक्कत ये होती है कि उनके शरीर में सूजन की समस्या बढ़ जाती है और वॉटर रिटेंशन इसका एक बड़ा कारण है। ऐसे में समझ नहीं आता कि पानी ज्यादा पिएं या कम पिएं। जबकि गर्भ में पल रहे बच्चे को देखते हुए आपको शरीर को हाइड्रेटेड रखना होता है और इसके लिए ज्यादा से ज्यादा हाइड्रेटिंग फूड्स को डाइट में शामिल करना होता है। ऐसे में कुछ ही देर में ब्लैडर फिर पानी से भर जाता है और पेशाब करने की फ्रीक्वेंसी बढ़ जाती है और खासकर कि रात में। ऐसे में Dr. N Sapna Lulla, Lead Consultant-Obstetrics & Gynaecology, Aster CMI Hospital, Bangalore से जानते हैं कि प्रेग्नेंसी में रात को कितना पानी पिएं।
गर्भावस्था के दौरान रात में कितना पानी पीना चाहिए?
Dr. N Sapna Lulla बताती हैं कि गर्भावस्था के दौरान, पर्याप्त पानी पीना बहुत जरूरी है, लेकिन समय भी मायने रखता है। रात में, गर्भवती महिला को एक साथ बहुत ज्यादा पानी पीने से बचना चाहिए क्योंकि इससे बार-बार पेशाब आ लग सकती और नींद में खलल पड़ सकती है। औसतन, सोने से पहले एक छोटा गिलास पानी पर्याप्त है, जब तक कि महिला को बहुत प्यास न लगे।
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अगर महिलाओं को बार-बार पेशाब आए तो दिनभर में कितना पानी पिएं?
शरीर को दिन में लगभग 8-10 गिलास पानी की जरूरत होती है, इसलिए ज्यादा पानी दिन के समय पीना चाहिए। एक बार में ज्यादा पानी पीने के बजाय दिन भर धीरे-धीरे पानी पीना बेहतर है। सोने से कम से कम एक से दो घंटे पहले आखिरी बड़ा गिलास पानी पीने से रात में बार-बार पेशाब जाने की समस्या कम हो सकती है। यह मूत्राशय को ज्यादा भरे बिना हाइड्रेटेड रहने में मदद करता है।
दिनभर में हाइड्रेटिंग फूड्स को भी बैलेंस करें
प्रेग्नेंसी के महिलाएं अक्सर हाइड्रेटिंग फूड्स को डाइट में शामिल करती हैं लेकिन, ज्यादा मात्रा में इनका सेवन ब्लैडर का प्रेशर बढ़ा सकता है जिससे पेशाब की फ्रीक्वेंसी बढ़ जाती है। ऐसी स्थिति में आपको अपनी डाइट को कुछ इस तरह से डिजाइन करना चाहिए कि आप एक साथ ज्यादा पानी पीने से बचें जैसे कि सुबह नारियल पानी ले रहे हैं तो दिन में खीरा और अन्य प्रकार के जूस लें। दूध या छाछ ले रहे हैं तो ये शाम से लेकर रात 8 बजे के बीच ले लें। डिनर के आधे घंटे के बाद पानी पिएं ताकि सोने के समय तक ब्लैडर अपने आप को खाली कर ले और आपको नींद से बीच में उठकर वॉशरूम न जाना पड़े।
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हाइड्रेशन क्यों जरूरी है?
गर्भावस्था के दौरान पर्याप्त मात्रा में हाइड्रेटेड रहना बेहद जरूरी है क्योंकि पानी ही है जो कि एमनियोटिक द्रव बनाए रखने में मदद कर सकता है। इसी के जरिए शिशु तक पोषक तत्व और ऑक्सीजन पहुंचता है। अच्छा हाइड्रेशन पाचन में मदद करता है, कब्ज से बचाता है और त्वचा को स्वस्थ रखता है। इसके अलावा जब आप प्रेग्नेंसी में पर्याप्त मात्रा में पानी पीते हैं मूत्र मार्ग में संक्रमण को रोकने और शरीर के तापमान को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है। पर्याप्त पानी पीने से अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने, ऊतक निर्माण में सहायता मिलती है और सिरदर्द, सूजन और थकान जैसी गर्भावस्था की सामान्य असुविधाओं को कम करने में मदद मिल सकती है।
लेकिन, ध्यान रखें कि अगर बार-बार पेशाब आने के साथ दर्द या जलन हो, तो डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। प्रेग्नेंसी शरीर के लिए बेहद अलग फेज है और इसमें हर एक लक्षण बच्चे से जुड़ा हुआ हो सकता है इसलिए किसी भी बदलाव को यूंही इग्नोर न करें और डॉक्टर से बात जरूर करें।
FAQ
अगर आप गर्भावस्था के दौरान पर्याप्त पानी नहीं पीती तो क्या होगा?
अगर आप प्रेग्नेंसी के दौरान सही मात्रा में पानी नहीं पीती तो आपको डिहाइड्रेशन की वजह से सिरदर्द, थकान और कब्ज की समस्या हो सकती है। इतना ही नहीं शिशु के लिए गंभीर जटिलताएं पैदा हो सकती हैं जैसे दूसरी या तीसरी तिमाही में एमनियोटिक द्रव का कम होना और शिशु तक पोषक तत्वों का न पहुंच पाना।क्या नारियल पानी एमनियोटिक द्रव बढ़ाता है?
हां, नारियल पानी एमनियोटिक द्रव के स्तर को बढ़ाने में मदद कर सकता है क्योंकि ये एक हाइड्रेटिंग ड्रिंक है जो इलेक्ट्रोलाइट्स से भरपूर है। खासकर तीसरी तिमाही के दौरान नारियल पानी पीना बच्चे और मां को हेल्दी रखने में मदद कर सकता है।किस तरह से सोना एमनियोटिक द्रव को बढ़ाती है?
तीसरी तिमाही में बाईं करवट में सोना एमनियोटिक द्रव को बढ़ा सकता है। इससे बच्चे तक ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है और उसकी ग्रोथ अच्छी होती है।