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शहर की तेज रफ्तार जिंदगी बन रही दिल की दुश्मन, जानें क्या है अर्बन हार्ट सिंड्रोम और इसके लक्षण

तेज रफ्तार और तनावभरी शहरी जिंदगी दिल की सेहत बिगाड़ रही है, इसी स्थिति को अर्बन हार्ट सिंड्रोम (Urban Heart Syndrome) कहा जाता है।
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शहर की तेज रफ्तार जिंदगी बन रही दिल की दुश्मन, जानें क्या है अर्बन हार्ट सिंड्रोम और इसके लक्षण


राजीव, 38 वर्षीय राजीव, मुंबई की क आईटी कंपनी में बतौर आई प्रोफेशनल काम करते हैं। उनका दिन सुबह 9 बजे से देर रात तक कंप्यूटर स्क्रीन के सामने बीतता है। काम का दबाव, नींद की कमी, असंतुलित खानपान और एक्‍सरसाइज की कमी ने उसके स्वास्थ्य पर गहरा असर डाला। पिछले कुछ महीनों से उसे सीने में हल्का दर्द, चक्कर और थकान महसूस हो रही थी, लेकिन उसने इसे नजरअंदाज किया। एक दिन ऑफिस में प्रेजेंटेशन के दौरान उसे पसीना, घबराहट और तेज धड़कन के साथ हल्का स्ट्रोक आया। जांच में सामने आया कि उसे अर्बन हार्ट सिंड्रोम है, जो शहरों की अस्वस्थ जीवनशैली से जुड़ी हृदय की समस्‍या है।

आज की शहरी जिंदगी जितनी अच्‍छी लगती है, उतनी ही स्‍ट्रेस से भरी हुई और स्वास्थ्य के लिए खतरनाक भी होती जा रही है। ट्रैफिक जाम, काम का दबाव, नींद की कमी, जंक फूड, शारीरिक गतिविधि की कमी और प्रदूषण, ये सब मिलकर एक नई स्वास्थ्य समस्या को जन्म दे रहे हैं, जिसे डॉक्‍टर अर्बन हार्ट सिंड्रोम (Urban Heart Syndrome) कह रहे हैं। यह कोई मेडिकल टर्म नहीं है, बल्कि बदलती जीवनशैली का एक संकेत है, जिसमें दिल की सेहत तेजी से बिगड़ रही है। अर्बन हार्ट सिंड्रोम का सीधा मतलब है कि शहरों में रहने वाले लोगों का दिल अब पहले जितना मजबूत नहीं रहा। इस सिंड्रोम में व्यक्ति को थकान, सीने में भारीपन, सांस फूलना, हाई ब्लड प्रेशर और दिल की धड़कनों में गड़बड़ी जैसी समस्याएं होने लगती हैं। यह स्थिति धीरे-धीरे हृदय रोगों का कारण बन सकती है, खासकर उन लोगों में जो लगातार मानसिक तनाव में रहते हैं और अपनी सेहत पर ध्यान नहीं देते। आइए, जानते हैं अर्बन हार्ट सिंड्रोम के लक्षण, कारण, और इससे बचाव के उपाय। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के पल्‍स हॉर्ट सेंटर के कॉर्ड‍ियोलॉज‍िस्‍ट डॉ अभ‍िषेक शुक्‍ला से बात की।

क्या है अर्बन हार्ट सिंड्रोम?- What is Urban Heart Syndrome

अर्बन हार्ट सिंड्रोम एक ऐसी स्थिति है जो शहरी जीवनशैली से जुड़ी आदतों जैसे मानसिक तनाव, असंतुलित आहार, एक्‍सरसाइज की कमी और नींद की गड़बड़ी के कारण दिल पर असर डालती है। इसमें दिल की कार्यक्षमता धीरे-धीरे घटने लगती है।

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अर्बन हार्ट सिंड्रोम के लक्षण- Symptoms of Urban Heart Syndrome

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  • चलते समय सांस फूलना या थकान होना
  • सीने में हल्का दर्द या भारीपन
  • दिल की धड़कनों का असामान्य होना
  • बार-बार हाई ब्लड प्रेशर
  • नींद की कमी और बेचैनी

अर्बन हार्ट सिंड्रोम के कारण- Causes of Urban Heart Syndrome

  • लगातार मानसिक तनाव और वर्क प्रेशर में रहना।
  • प्रोसेस्ड फूड और जंक फूड का ज्‍यादा सेवन करना।
  • फिजिकल एक्टिविटी की कमी होना।
  • स्मोकिंग और एल्कोहल की लत लगना।
  • वायु और ध्वनि प्रदूषण का प्रभाव होना।

अर्बन हार्ट सिंड्रोम का सबसे ज्यादा खतरा क‍िसे होता है?- Who is at Higher Risk of Urban Heart Syndrome

  • कॉर्पोरेट सेक्टर में काम करने वाले।
  • 30 से 50 वर्ष की उम्र के शहरी लोग।
  • डायबिटीज या ब्लड प्रेशर के मरीज।
  • दिनभर बैठकर काम करने वाले लोग।
  • वे लोग जो तनाव या अनियमित नींद से जूझते हैं।

अर्बन हार्ट सिंड्रोम से कैसे बचें?- How to Prevent Urban Heart Syndrome

  • रोजाना कम से कम 30 मिनट वॉक या योग करें।
  • गहरी नींद के लिए स्क्रीन टाइम कम करें।
  • डाइट में फाइबर, फल, हरी सब्जियां और ओमेगा-3 शामिल करें।
  • ऑफिस के तनाव को घर न लाएं और मेडिटेशन करें।
  • हर 6 महीने में हेल्थ चेकअप जरूर करवाएं।

अर्बन हार्ट सिंड्रोम का इलाज कैसे क‍िया जाता है?- Treatment of Urban Heart Syndrome

  • अर्बन हार्ट सिंड्रोम कोई एक विशेष बीमारी नहीं, बल्कि शहरी जीवनशैली से जुड़ी हृदय संबंधी समस्याओं का एक कॉम्बिनेशन है। इसका मेडिकल इलाज व्यक्ति के लक्षणों और रिपोर्ट्स के आधार पर किया जाता है-
  • ईसीजी, ईकोकार्डियोग्राफी और स्ट्रेस टेस्ट से दिल की कार्यक्षमता को चेक क‍िया जाता है।
  • अगर धड़कनें तेज या अनियमित हैं, तो एंटी-एरिदमिक दवाएं दी जाती हैं।
  • अगर मरीज को डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल या थायरॉइड की समस्या भी है, तो उसका भी इलाज साथ में किया जाता है, ताकि दिल पर दबाव न बढ़े।
  • कई बार साइकॉलॉजिकल काउंसलिंग, सीबीटी थेरेपी (Cognitive Behavioral Therapy) या एंटी-एंग्‍जाइटी मेडिकेशन की जरूरत होती है।
  • अगर मरीज को बार-बार एंजाइना या हार्ट अटैक जैसे लक्षण हों, तो एंजियोग्राफी, स्टेंटिंग (Angioplasty) या बायपास सर्जरी की सलाह दी जा सकती है।

समय रहते सतर्क होकर जीवनशैली में छोटे-छोटे बदलाव लाकर हम न केवल इस सिंड्रोम से बच सकते हैं, बल्कि एक स्वस्थ जिंदगी भी जी सकते हैं।

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FAQ

  • कौन सा सिंड्रोम हृदय रोग का कारण बनता है?

    मेटाबॉलिक सिंड्रोम, हृदय रोग का कारण बन सकता है। यह हाई ब्लड प्रेशर, शुगर, हाई कोलेस्ट्रॉल और मोटापे के कारण हृदय रोग का खतरा बढ़ाता है।
  • हार्ट सिंड्रोम के लक्षण क्या हैं?

    सीने में दबाव या दर्द, सांस लेने में तकलीफ, थकान, धड़कन तेज होना और चक्कर आना, हार्ट सिंड्रोम के आम लक्षण हैं।
  • दिल का दौरा पड़ने के 3 शुरुआती लक्षण क्या हैं?

    दिल का दौरा पड़ने पर छाती में अचानक दर्द या जलन होती है। बांह, जबड़े या पीठ में दर्द होता है और ठंडा पसीना और चक्कर आने जैसी समस्‍याएं होती हैं।

 

 

 

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