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बीमारी के कारण भी टूट जाता है लोगों का दिल, जानिए क्या है ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम और इसके लक्षण

Broken heart syndrome symptoms Diagnosis and causes : भावनात्मक झटके की वजह से दिल सच में बीमार पड़ सकता है। इस मेडिकल स्थिति को ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम कहा जाता है।
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बीमारी के कारण भी टूट जाता है लोगों का दिल, जानिए क्या है ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम और इसके लक्षण


Broken heart syndrome symptoms Diagnosis and causes :  गर्लफ्रेंड छोड़कर चली गई, मां से किसी बात पर बहस हो गई और भी कई ऐसे मौके आते हैं, जब हम खुद भावनात्मक तौर पर अकेला और टूटा हुआ महसूस करते हैं। आमतौर पर भावनात्मक रूप से टूटने को लोग यूं ही मान लेते हैं। लेकिन भावनात्मक झटके की वजह से दिल सच में बीमार पड़ सकता है। इस मेडिकल स्थिति को ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम कहा जाता है। ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम एक अस्थायी हार्ट कंडीशन है, जो भावनात्मक या मानसिक आघात के बाद किसी व्यक्ति को होती है।

ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम क्या होता है- What is broken heart syndrome

नई दिल्ली के मनोचिकित्सक डॉ. आस्तिक जोशी (Dr Astik Joshi, Child, Adolescent & Forensic Psychiatrist, New Delhi) के अनुसार, ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम एक प्रकार का हार्ट मसल डिसऑर्डर है। इसमें हार्ट का एक हिस्सा (अक्सर लेफ्ट वेंट्रिकल) कुछ समय के लिए कमजोर हो जाता है और सही तरीके से पंप नहीं कर पाता है।यह स्थिति हार्ट अटैक जैसी लग सकती है, लेकिन इसमें नसों में किसी प्रकार का ब्लॉकेज नहीं होता है। ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम की परेशानी मुख्य रूप से तब होता है, जब मानसिक और भावनात्मक तनाव का स्तर बढ़ जाए।

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ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम के लक्षण- Symptoms of Broken Heart Syndrome

डॉ. आस्तिक जोशी का कहना है कि ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम के लक्षण हार्ट अटैक जैसे ही होते हैं। अगर आप भावनात्मक रूप से कमजोर महसूस रहे हैं, तो इसके लक्षण तेजी से दिखाई देते हैं।

- तेजी से सांस लेना या सांस लेने में किसी प्रकार की परेशानी होना

- छाती पर तेज दबाव महसूस होना

-  बेहोशी महसूस करना

- ब्लड प्रेशर बढ़ने के कारण बेचैनी

- सीने में घरघराहट की आवाज आना

- दिल की धड़कन का अचानक से तेज होना

अगर आपको खुद में ऊपर बताया गया कोई लक्षण नजर आता है, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें या नजदीकी अस्पताल से संपर्क करें।

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ब्रोकन हार्ट संड्रोम होने के कारण- Causes of Broken Heart Syndrome

जैसा ही हम पहले ही बात कर चुके हैं कि ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम की परेशानी व्यक्ति के भावनात्मक प्रक्रिया के कमजोर होने पर नजर आती है। इसके अन्य कारण नीचे बताए गए हैं।

- किसी खास व्यक्ति की दुर्घटना या किसी अन्य घटना में मृत्यु होना

- पार्टनर के साथ ब्रेकअप होना

- पार्टनर या किसी खास व्यक्ति द्वारा धोखा मिलना

-  वित्तीय संकट

- किसी व्यक्ति के साथ बड़ा झगड़ा होना।

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ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम से बचाव के उपाय- Tips to prevent broken heart syndrome

डॉ. आस्तिक जोशी के अनुसार, ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम मुख्य रूप से मानसिक तनाव से जुड़ी बीमारी है। अगर कोई व्यक्ति लंबे समय तक किसी प्रकार के मानसिक दबाव या तनाव में रहता है, तो यह समस्या हो सकती है। इससे बचाव के लिए मेडिटेशन, योग, गहरी सांसें (deep breathing) जैसी एक्टिविटी करें।

- मानसिक शांति के लिए रोजाना 8 से 9 घंटे की सही नींद लें। नींद के दौरान अगर आपको झटके लेना या कोई अन्य परेशानी हो रही है, तो इस विषय पर डॉक्टर से बात करें।

- अगर आपको किसी प्रकार का दुख या तनाव महसूस हो रहा है, तो इस विषय पर अपने परिवार के सदस्य या काउंसलर से बात करें।

- तनाव को कम करने के लिए खाने में फाइबर युक्त आहार का सेवन करनें। लो फैट और नमक वाला खाना खाएं।

- भावनात्मक रूप से अगर आप कमजोर महसूस करते हैं, तो खुद को हील करने के लिए थोड़ा सा वक्त दें।

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ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम का इलाज- Treatment of Broken Heart Syndrome

डॉक्टर का कहना है कि ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम का इलाज मुख्य रूप से मानसिक और भावनात्मक हीलिंग के जरिए किया जाता है। इस दौरान व्यक्ति को काउंसलिंग और थेरेपी दी जाती है। कई बार थेरेपी के दौरान दवाओं का सेवन करने की भी सलाह दी जाती है, ताकि तनाव को कम किया जा सके।

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निष्कर्ष

ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम, मुख्यतः मानसिक और भावनात्मक स्थिति के कारण होती है। मानसिक तौर पर खुद को फिट रखकर आप इस परेशानी से बच सकते हैं।

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