Right way of Eating Nuts and Seeds as per Ayurveda: आज भी जो तरीका आयुर्वेद में जीवन को जीने का बताए गए हैं, वो किसी और पद्धति में नहीं है। आयुर्वेद में खान-पान, रहने और सोने तक एक सही तरीका बताया गया है। आयुर्वेदाचार्य और एक्सपर्ट की मानें तो आयुर्वेद में शरीर की प्रकृति, मौसम, समय, बीमारी, खाने की तासीर और वातावरण को देखकर खाने में बदलाव करने की सलाह दी जाती है। उदाहरण के लिए जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर होती है, उन्हें मौसम बदलने पर गर्म तासीर वाली चीजें खाने की सलाह (Eating Rules in Ayurveda) दी जाती है। इसके अलावा नट्स और सीड्स खाने के लिए भी आयुर्वेद में कुछ नियम बताए गए हैं।
आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स ब्रांड द कदंब ट्री की फाउंडर और BAMS डॉक्टर दीक्षा भावसार का कहना है कि, नट्स और सीड्स में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर को बीमारियों से लड़ने की क्षमता प्रदान करते हैं। फायदों को मद्देनजर रखते हुए लोग नट्स और सीड्स (Health Benefits of Nuts and Seeds) का सेवन तो करते हैं, लेकिन उन्हें इसका पूरा फायदा नहीं मिलता है। इसका मुख्य कारण है, लोगों को नट्स और सीड्स का सेवन करने का सही तरीका क्या (Right way of Eating Nuts and Seeds as per Ayurveda), इसकी जानकारी नहीं है। आयुर्वेद के अनुसार नट्स और सीड्स खाने का नियम क्या है, इससे संबंधित डॉ. दीक्षा ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो भी शेयर किया है।
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आयुर्वेद के अनुसार नट्स और सीड्स खाने का सही तरीका क्या है- Right way of Eating Nuts and Seeds as per Ayurveda
डॉ. दीक्षा के अनुसार, 'नट्स और सीड्स विटामिन ई, कैल्शियम, सेलेनियम, कॉपर, मैग्नीशियम और राइबोफ्लेविन से भरपूर होते हैं। नट्स और सीड्स में आयरन, पोटैशियम, जिंक और बी विटामिन, नियासिन, थायमिन और फोलेट भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसलिए रोजाना नट्स और सीड्स का सेवन हर उम्र के लोगों को करना चाहिए। आयुर्वेद के अनुसार, नट्स पचाने में भारी होते हैं (गुरु) क्योंकि उनमें पर्याप्त मात्रा में हेल्दी फैट, प्रोटीन और फाइबर होते हैं और इनकी तासीर भी गर्म होती है।' डॉ. दीक्षा का कहना है कि नट्स और सीड्स को खाने से पहले 6 से 8 घंटे पानी में भिगोना जरूरी है। पानी में भिगोने से नट्स और सीड्स की उष्णता (गर्मी) कम हो जाती है, टैनिन निकल जाता है जिसके कारण हमारे पाचन तंत्र को उनके पोषण को अवशोषित करना आसान हो जाता है।
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नट्स को नमक के पानी में भिगोने के फायदे- Benefits of Soaking Nuts in Salt Water
डॉ. दीक्षा की मानें तो नट्स को सादे पानी की बजाय नमक के पानी में भिगोना ज्यादा बेहतर होता है। दरअसल, नमक, नट्स के फाइटिक एसिड को बेअसर कर देता है, जिससे नट्स पचाने में आसान हो जाते हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि 1 कप पानी के लिए ½ चम्मच समुद्री नमक का इस्तेमाल करें। बादाम को 8-12 घंटे, काजू को 2-3 घंटे और अखरोट, हेजलनट्स और पेकान को 6-8 घंटे नमक के पानी में भिगोने से सेहत को ज्यादा मिलते हैं।
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नट्स और सीड्स का सेवन कब करना चाहिए?- When should you eat nuts and seeds?
डॉ. दीक्षा का कहना है कि नट्स और सीड्स का सेवन सुबह खाली पेट या शाम को नाश्ते के तौर पर करना चाहिए। इसके अलावा नट्स का सेवन बीच-बीच में होने वाली खाने की क्रेविंग को भी कम करता है।
अगर आपको नट्स और सीड्स से किसी तरह की एलर्जी है, तो इसका सेवन बिल्कुल न करें।
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