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आयुर्वेद में नहीं है चिकन-मटन खाने की मनाही, एक्सपर्ट ने बताया क्या है नॉनवेज खाने का नियम

Ayurveda Rules Of Eating Non Veg Foods: एक्सपर्ट का कहना है कि आयुर्वेद में चिकन और मटन को खाने की मनाही नहीं है। लेकिन इसके लिए कुछ नियम बनाए गए हैं, जिसे फॉलो करना जरूरी है।  
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आयुर्वेद में नहीं है चिकन-मटन खाने की मनाही, एक्सपर्ट ने बताया क्या है नॉनवेज खाने का नियम


Ayurveda Rules Of Eating Non Veg Foods: आजकल के युवाओं को चिकन और मटन खाना बहुत पसंद होता है। कुछ लोग मटन के शौकीन होते हैं, तो वहीं कुछ लोगों को चिकन खाने का शौक होता है। चिकन और मटन दोनों ही नॉनवेज फूड हैं। दोनों में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाता है। कई रिसर्च में यह बात सामने आ चुकी है कि रोजाना एक सीमित मात्रा में नॉनवेज फूड खाया जाए तो इससे वजन बढ़ता है। यूं तो नॉनवेज फूड्स सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं, लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि आयुर्वेद में इसे खाने से मना किया जाता है। मेरे कुछ दोस्त भी इसी वजह से चिकन और मटन नहीं खाते हैं, क्योंकि वह भी इस बात को मानते हैं कि आयुर्वेद में इसे खाने से मना किया जाता है। लेकिन इस दावे में कितनी सच्चाई है इसकी जानकारी दे रही हैं आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ. नितिका कोहली।

क्या आयुर्वेद में नॉनवेज खाने से मना किया गया है?

डॉ. नितिका कोहली के अनुसार आयुर्वेद में हर उस चीज के सेवन को सही माना जाता है, जो प्रकृति मांस सहित भोजन या दवा के रूप में प्रदान करती है। मांस आयुर्वेदिक आहार और दवाओं का एक अभिन्न हिस्सा है। आयुर्वेद के अनुसार मांस का सेवन करने करने से पुनर्वास, ताकत के पुनर्निर्माण में मदद मिलती है। यही वजह है आयुर्वेद में कमजोर, दुबले और शारीरिक रूप से दुर्बल लोगों को नॉनवेज यानी कि मांस खाने की सलाह दी जाती है। डॉ. नितिका कोहली का कहना है, "आयुर्वेद या कोई भी शास्त्र नॉनवेज या मांस खाने से मना नहीं करता है। बस आपको मांस खाने के लिए कुछ विशेष प्रकार के नियमों का पालन करना होता है। आयुर्वेद में इस बात का स्पष्ट जिक्र है कि आपको कब कौन से नॉनवेज फूड का सेवन करना चाहिए।"

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Can We Eat Meat As Per Ayurveda

आयुर्वेद में नॉनवेज खाने के नियम क्या है? - Rules to Eat Non Vegetarian Food as per Ayurveda

डॉ. नितिका कोहली के अनुसार आयुर्वेद में बहुत सारे नॉन वेजिटेरियन फूड्स को खाने का जिक्र किया गया है। आयुर्वेद में यह बात स्पष्ट तौर पर बताई गई है कि किसी व्यक्ति को किस बीमारी में कौन सा मांस खाना चाहिए और  कौन सा नहीं खाना चाहिए। आयुर्वेद में नॉनवेज खाने को एक दवा की तरह माना जाता है। जिन लोगों का कफ दोष भारी होता है, उन्हें मटन खाने से परहेज करना चाहिए। ऐसे लोगों को चिकन खाना चाहिए।

वात दोष में नहीं खाना चाहिए नॉनवेज

डॉक्टर का कहना है कि आयुर्वेद के अनुसार जिन लोगों को वात दोष होता है, उन्हें नॉनवेज या किसी भी तरह के मांस से परहेज करना चाहिए। दरअसल वात दोष वालों को पाचन संबंधी समस्याएं होती हैं। ऐसे लोगों को गैस, पेट में दर्द,कब्ज और एसिडिटी की परेशानी होती है। ऐसे लोगों को मांस छोड़कर हरी सब्जियों और फलों का सेवन करना चाहिए। दरअसल, चिकन और मटन को पचाने में वक्त लगता है, जिसकी वजह से वात दोष से पीड़ित व्यक्ति को इसे खाने से मना किया जाता है। एक्सपर्ट का कहना है कि हमेशा व्यक्ति को अपने पेट की क्षमता के मुताबिक फूड्स और मात्रा का चुनाव करना चाहिए।

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आयुर्वेद के अनुसार नॉनवेज कब नहीं खाना चाहिए- When To Avoid Eating Meat

डॉक्टर के अनुसार कुछ स्वास्थ्य स्थितियों में अगर आप नॉनवेज खाते हैं, तो परेशानियां बढ़ सकती हैं। कुछ मामलों में स्थिति बिगड़ सकती है और आजीवन बीमारी का कारण बन सकती हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में

  • कफ और पित्त असंतुलित होने पर
  • ब्लीडिंग डिसऑर्डर में
  • त्वचा संबंधी रोग में
  • भावनात्मक स्वास्थ्य संबंधी परेशानी के कारण
  • गट हेल्थ खराब होने पर चिकन और मटन का सेवन करने से परहेज करना चाहिए। 

All Image Credit: Freepik.com

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