आयुर्वेद एक प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति है जो हजारों वर्षों से चली आ रही है। आयुर्वेद एक ऐसी चिकित्सा पद्धति है जो कि प्राकृतिक और शारीरिक प्रक्रियाओं पर आधारित है। आयुर्वेद में अनेक रोगों का इलाज संभव है, आयुर्वेद में सिर्फ बीमारी का इलाज ही नहीं बताया जाता है बल्कि इसमें जीवन जीने के तरीके के बारे में भी बताया गया है। अगर आप आयुर्वेद के अनुसार अपनी लाइफस्टाइल को मेंटेन करेंगे तो इससे आप हेल्दी रह सकते हैं और कई तरह की बीमारियों से बच सकते हैं। लेकिन वर्तमान में कई लोगों की एक शिकायत होती है कि उन्होंने आयुर्वेदिक उपायों को आजमाया लेकिन उन्हें इससे किसी भी प्रकार का फायदा प्राप्त नहीं हुआ। इस बारे में हम ने रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से बात की, यहां जानिए, शरीर पर आयुर्वेद के उपायों का फायदा न होने के कारण क्या हैं।
शरीर पर आयुर्वेद के उपायों का फायदा न होने के कारण - Why Ayurvedic Remedies Not Giving Benefits
आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा ने बताया कि आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रणाली में विभिन्न रोगों के लिए जड़ी-बूटियों, घरेलू उपचारों, आहार और जीवनशैली की सलाह दी जाती है। जब आप अपनी किसी समस्या को लेकर आयुर्वेदिक डॉक्टर के पास जाते हैं तो डॉक्टर आपकी नाड़ी परीक्षा करता है, जिससे व्यक्ति के शरीर की प्रकृति के बारे में पता चलता है। इसके बाद डॉक्टर व्यक्ति के शरीर की प्रकृति के साथ शारीरिक और मानसिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए उचित इलाज बताते हैं। डॉक्टर ने बताया कि लोगों को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि आयुर्वेदिक उपचारों के प्रभाव में समय लगता है और इसके लिए नियमित और धैर्यपूर्वक पालन की आवश्यकता होती है। डॉक्टर ने आयुर्वेदिक उपायों का असर शरीर पर न होने के कारण बताए हैं।
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सोशल मीडिया पर देखकर न अपनाएं आयुर्वेदिक उपाय
डॉक्टर का कहना है कि सोशल मीडिया के इस दौर में लोग इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर वीडियोज देखकर आयुर्वेदिक उपायों को आजमाने लगते हैं। इसके बाद जब उन्हें इससे लाभ नहीं मिलता है तो आयुर्वेद की बुराई करते हैं। डॉक्टर ने बताया कि लोगों को इस बारे में जागरुक होना चाहिए कि यूं ही वीडियोज को देखकर या किसी लेख को पढ़कर किसी भी प्रकार का इलाज खुद से नहीं करना चाहिए। आयुर्वेद का इलाज तब ही कारगर साबित होता है, जब आयुर्वेदिक डॉक्टर आपके शरीर की प्रकृति के बारे में जानकर उचित इलाज बताएं।
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डॉक्टर ने बताया कि यहां तक की लोगों को अपनी डाइट में खड़े मसालों जैसे कि दालचीनी, लौंग, काली मिर्च, बड़ी इलायची, जायफल और जावित्री का सेवन भी अपनी शरीर की प्रकृति के हिसाब से करना चाहिए। जैसे कि अगर आपके शरीर में पित्त दोष है तो आपको गर्म तासीर वाले मसालों से दूरी बनानी चाहिए। पित्त दोष वालों को दालचीनी, मेथी, लौंग आदि का पानी या काढ़ा फायदा नहीं करेगा बल्कि इससे नुकसान हो सकता है। पित्त दोष वाले लोगों के लिए धनिया के बीज का पानी लाभदायक हो सकता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि धनिया के बीजों की तासीर ठंडी होती है, जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को दूर करने में सहायक होती है। धनिया में पित्त दोष को संतुलित करने का गुण होता है, ऐसे में पित्त प्रकृति के लोग धनिया पानी या धनिया की चाय का सेवन कर सकते हैं।
डॉक्टर की सलाह है कि कभी ही आयुर्वेदिक उपायों को बिना आयुर्वेदाचार्य या डॉक्टर की सलाह के न आजमाएं।
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