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थूथी का पत्ता बवासीर के मरीजों के लिए कितना कारगर? एक्सपर्ट से जानें सेवन का तरीका और फायदे

थूथी का पत्ता बवासीर के लिए: बवासीर एक दर्दनाक स्थिति है जिसमें व्यक्ति को मलाशय से जुड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसे में कुछ चीजों का सेवन आपको कई समस्याओं से बचा सकता है। जैसे थूथी का पत्ता। जानते हैं इसके तमाम फायदे के बारे में।
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थूथी का पत्ता बवासीर के मरीजों के लिए कितना कारगर? एक्सपर्ट से जानें सेवन का तरीका और फायदे


थूथी का पत्ता बवासीर के लिए: बवासीर एक ऐसी बीमारी है जिसमें व्यक्ति के मलाशय में सूजन आ जाती और जिससे मलत्याग काफी मुश्किल हो जाता है। इसमें व्यक्ति को बार-बार मल त्याग से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है जैसे कि मल त्याग में तेज दर्द, मलाशय में दर्द की वजह बैठने में मुश्किल और मल के साथ खून आना। ऐसे में कुछ हर्बल उपाय आपको इस स्थिति से राहत पाने में मदद कर सकता है। जैसे कि थूथी का पत्ता। आयुर्वेद में इसे बवासीर की समस्या के रूप में देखा जाता है जो कि इसके कई लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। लेकिन, यह कैसे काम करता है और इसके क्या फायदे हैं। जानते हैं इन तमाम चीजों के बारे में Dr Abishek Bharadwaj B U, Assistant Professor, Dept of Dravyaguna, SDM Institute of Ayurveda and Hospital, Bangalore से।

थूथी का पत्ता बवासीर के मरीजों के लिए कितना कारगर-Can Thuthi leaf cure piles?

थूथी आयुर्वेद, पारंपरिक और लोककथाओं में व्यापक रूप से इस्तेमाल की जाने वाली जड़ी-बूटी है, जिसे संस्कृत में अतिबला के नाम से जाना जाता है। इसका इस्तेमाल आमतौर पर बुखार, ब्रोंकाइटिस और अन्य सूजन संबंधी स्थितियों के इलाज के लिए किया जाता है। इस जड़ी-बूटी ने खास तौर पर बवासीर के इलाज में अपनी प्रभावकारिता दिखाई है। दरअसल, Dr Abishek Bharadwaj बताते हैं कि बवासीर या पाइल्स, मलाशय और गुदा के निचले हिस्से में सूजन वाली नसों के कारण होने वाली एक आम गुदा-मलाशय संबंधी स्थिति है, जो विशेष रूप से मल त्याग के दौरान दर्द, खुजली, रक्तस्राव का कारण बनती है। बवासीर दो प्रकार की होती है - आंतरिक और बाहरी; आंतरिक - मलाशय के अंदर स्थित और बाहरी - गुदा के आसपास की त्वचा के नीचे। मल त्याग के दौरान या अन्य गतिविधियों के दौरान तनाव जो मलाशय में दबाव बढ़ाते हैं, अक्सर सूजी हुई नसों को परेशान करते हैं और इसके परिणामस्वरूप रक्तस्राव होता है, इस स्थिति को रक्तस्रावी बवासीर कहा जाता है।

Thuthi for piles

ऐसे में थूथी का पत्ता (thuthi ka patta ke fayde) जो कि मीठे स्वाद वाली औषधी है बवासीर की समस्या में आपके लिए मददगार हो सकता है। यह रक्तस्राव की स्थिति से राहत दिलाने में मदद करता है। यह मलशाय के चोटों को ठीक करने में उपयोगी है और कब्ज से राहत दिलाने में मददगार है। थूथी का पत्ता सूजन को कम करता है और दर्द निवारक के रूप में कार्य करता है इससे बवासीर में होने वाले दर्द और जलन से राहत मिलती है।

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खास बात यह है कि यह मूत्रवर्धक के रूप में काम करते हुए किडनी के काम काज को भी बेहतर बनाने में मददगार है। इससे अलावा यह मल को मुलायम बनाने और फिर मल त्याग को आसान बनाने में मददगार है। इस वजह से बवासीर की समस्या वाले थूथी का पत्ते का उपयोग कर सकते हैं।

बवासीर में थूथी का उपयोग कैसे करें-How to use Thuthi in piles

अरंडी के तेल में थूथी के पत्तों को गर्म (thuthi leaves for piles) करके प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं जो सूजन और दर्द से राहत दिलाने में मदद करता है। थूथी के पत्तों का काढ़ा बनाने के लिए 20 ग्राम पत्तों और जड़ के चूर्ण को 100 मिली पानी में मिलाकर 50 मिली पानी में मिला लें। इसे सुबह खाली पेट पीना चाहिए। 2-3 पत्तों का पेस्ट बनाकर छाछ के साथ सेवन करने से दर्द कम होता है। पत्तियों के रस को गुड़ के साथ मिलाकर बवासीर के कारण होने वाले दर्द और परेशानी से राहत पाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इश प्रकार से बवासीर में थूखी के पत्ते का उपयोग मददगार है।

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सुझाव-

हालांकि, थूथी का पत्ता बवासीर में मददगार है लेकिन बिना एक्सपर्ट की राय लिए इसका सेवन नुकसानदेह भी हो सकता है। साथ ही इसकी मात्रा पर खास ध्यान दें और ज्यादा मात्रा में इसे लेने से बचें। इसके अलावा बवासीर की समस्या से बचने के लिए सूखा, कठोर, मसालेदार भोजन के सेवन से बचें। लंबे समय तक बैठे रहने से बचें क्योंकि यह स्थिति को और खराब कर सकती है। यह कम फाइबर वाला आहार और पानी का कम सेवन कब्ज का कारण बनता है। इसलिए ज्यादा फाइबर और शरीर को हाइड्रेट करने वाली चीजों का सेवन करें जो कि कब्ज की समस्या को कम करने में मददगार है।

FAQ

  • कौन सा फल खाने से बवासीर ठीक होता है?

    बवासीर को कम करने में फाइबर से भरपूर फल का सेवन फायदेमंद हो सकता है। जैसे सेब और केला। यह कब्ज की समस्या को कम करने और मल त्याग को आसान बानने में मददगार है। 
  • बवासीर चावल या रोटी के लिए कौन सा बेहतर है?

    बवासीर में चावल या रोटी दोनों ही फायदेमंद नहीं है। इनकी जगह आप मोटे अनाजों को खाएं तो मल मुलायम होने के साथ बवासीर की समस्या को कम करने में मदद मिल सकती है। 
  • चाय बवासीर के लिए अच्छी है?

    चाये से गैस बनती है और मेटाबलिज्म स्लो होता है। ऐसे में यह कब्ज की दिक्कत को बढ़ा सकता है और मल त्याग को मुश्किल कर सकता है। इससे बवासीर की दिक्कत बढ़ सकती है।

 

 

 

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