बवासीर में बहेड़ा: बवासीर एक मलद्वार से जुड़ी एक दर्दनाक स्थिति है। इसमें मल त्याग के दौरान दर्द, जलन के साथ ब्लीडिंग की समस्या भी होती है। ऐसे में जरूरी यह है कि आप उन चीजों का सेवन करें जो कि मल को मुलायम करने के साथ, मल त्याग को आसान बनाए। इससे मल त्याग में दर्द और जलन में कमी आती है और आंतों की गति बेहतर होती है। ऐसे में बवासीर में बहेड़ा का सेवन फायदेमंद हो सकता है। यह जड़ीबूटी बवासीर के लक्षणों को कम करने और राहत पाने में मदद कर सकता है। लेकिन कैसे और बवासीर की समस्या (hemorrhoids) में इसका सेवन कैसे करें। जानते हैं इस बारे में Suparna Mukherjee, Clinical Nutrition & Dietetics, Narayana Health City, Bengaluru से विस्तार से।
Suparna Mukherjee बताती हैं कि बहेड़ा (Terminalia bellirica), जिसे संस्कृत में बिभीतकी के नाम से भी जाना जाता है, आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण जड़ी बूटी है, जिसे अक्सर इसके चिकित्सीय गुणों के लिए पहचाना जाता है, खासकर त्रिफला में तीन फलों में से एक के रूप में। विशेषज्ञ कई प्रमुख क्रियाओं के कारण बवासीर (बवासीर) के लिए इसके लाभों पर प्रकाश डालते हैं:
बवासीर में फायदेमंद है बहेड़ा-How baheda is beneficial for Piles?
बवासीर में बहेड़ा का सेवन कई प्रकार से फायदेमंद है और बवासीर के अलग-अलग लक्षणों के लिए काम करता है। जैसे कि
- -यह कब्ज से राहत दिलाता है: बहेड़ा अपने हल्के रेचक गुणों के लिए जाना जाता है। यह मल को नरम करने और मल त्याग को सुचारू बनाने में मदद करता है, जो शौच के दौरान तनाव को कम करके बवासीर को रोकने और उसका इलाज करने में महत्वपूर्ण है।
- -पाचन में सहायता करता है: पाचन में सुधार करके और पाचन रस के स्राव को उत्तेजित करके, बहेड़ा पोषक तत्वों के बेहतर अवशोषण में मदद करता है और अपशिष्ट के संचय को रोकता है जो कब्ज और बाद में बवासीर में योगदान कर सकता है।
- -सूजनरोधी गुण से भरपूर है बवासीर: बहेड़ा की सूजनरोधी प्रकृति बवासीर से जुड़ी सूजन और दर्द को कम करने में मदद कर सकती है।
- -उपचार को बढ़ावा देता है: अध्ययनों से पता चलता है कि बहेड़ा का अर्क घाव भरने में सहायता कर सकता है, जो अक्सर बवासीर के साथ होने वाली दरारों और असुविधा के लिए फायदेमंद हो सकता है।
- -एंटीऑक्सीडेंट क्रिया: एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होने के कारण, बहेड़ा शरीर को मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करता है, जो संभावित रूप से प्रभावित क्षेत्र के समग्र स्वास्थ्य में योगदान देता है।

बवासीर में बहेड़ा का सेवन कैसे करें-How to have Baheda for piles in Hindi
1. बहेड़ा चूर्ण-Baheda Powder
आम तौर पर, बहेड़ा चूर्ण का आधा से एक चम्मच लगभग 3-5 ग्राम, दिन में एक या दो बार लिया जा सकता है। इसे गर्म पानी, शहद या घी के साथ मिलाकर लिया जा सकता है। कब्ज के लिए, इसे अक्सर रात को सोने से पहले गर्म पानी के साथ लेने की सलाह दी जाती है। यह तरीका काफी कारगर हो सकता है।
2. बहेड़ा का पल्प लें-Baheda Pulp
आप बेहड़ा का गूदा या पल्प ले सकते हैं। इसके लिए एक फल के गूदे का आधा से एक चम्मच भोजन के बाद दिन में दो बार लिया जा सकता है। इसे पानी या शहद के साथ लिया जा सकता है। त्रिफला, जिसमें आंवला और हरीतकी के साथ बहेड़ा भी शामिल है, पाचन स्वास्थ्य और बवासीर के प्रबंधन के लिए व्यापक रूप से अनुशंसित आयुर्वेदिक सूत्रीकरण है। यह पाउडर, टैबलेट या कैप्सूल के रूप में उपलब्ध है। खुराक रूप और व्यक्तिगत जरूरतों के आधार पर अलग-अलग होती है, इसलिए उत्पाद के निर्देशों का पालन करना या आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श करना सबसे अच्छा है।
3. बहेड़ा का काढ़ा पिएं-Baheda Kadha
बहेड़ा को पानी में उबालकर काढ़ा तैयार किया जा सकता है। फिर इस तरल का सेवन किया जा सकता है। इसके लिए आप बहेड़ा को पानी में उबाल लें और इस पानी को छान लें। इसमें शहद मिला लें और फिर इस काढ़ा को पिएं। यह आपको कई समस्याओं से बचाने में मदद कर सकता है। त्रिफला, जिसमें आंवला और हरीतकी के साथ बहेड़ा भी शामिल है, पाचन स्वास्थ्य और बवासीर के प्रबंधन के लिए व्यापक रूप से अनुशंसित आयुर्वेदिक सूत्रीकरण है। यह पाउडर, टैबलेट या कैप्सूल के रूप में उपलब्ध है। खुराक रूप और व्यक्तिगत जरूरतों के आधार पर अलग-अलग होती है, इसलिए उत्पाद के निर्देशों का पालन करना या आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श करना सबसे अच्छा है। इसे आप दिन में दो बार ले सकते हैं। इसे पानी या शहद के साथ लिया जा सकता है।
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इसके अलावा आप एक ड्रिंक बनाकर पी सकते हैं जिसमें त्रिफला, आंवला और हरीतकी के साथ बहेड़ा भी शामिल होता है। पाचन स्वास्थ्य और बवासीर के प्रबंधन के लिए व्यापक रूप से अनुशंसित आयुर्वेदिक सूत्रीकरण है। यह खुराक और व्यक्तिगत जरूरतों के आधार पर अलग-अलग होती है। बहेड़ा को पानी में उबालकर काढ़ा तैयार किया जा सकता है। फिर इस तरल का सेवन किया जा सकता है।
विशेषज्ञ से सलाह लें
जबकि बहेड़ा को अधिकांश लोगों के लिए सुरक्षित माना जाता है, किसी भी नए हर्बल उपचार को शुरू करने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक या स्वास्थ्य सेवा पेशेवर से परामर्श करना हमेशा सबसे अच्छा होता है, खासकर अगर आपको कोई अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्या है या आप अन्य दवाएं ले रहे हैं। वे आपकी व्यक्तिगत संरचना और स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर उचित खुराक और रूप के बारे में आपको मार्गदर्शन कर सकते हैं। सुनिश्चित करें कि आप किसी प्रतिष्ठित स्रोत से उच्च गुणवत्ता वाले बहेड़ा पाउडर या फल का उपयोग कर रहे हैं।
सर्वोत्तम परिणामों के लिए एक्सपर्ट के बताए अनुसार बहेड़ा का लगातार सेवन करें। बहेड़ा, एक सहायक चिकित्सा के रूप में देखा जाना चाहिए। बहेड़ा के लाभों और सेवन के उचित तरीकों को समझकर, आप संभावित रूप से बवासीर से जुड़ी असुविधा से राहत पा सकते हैं। हालांकि, व्यक्तिगत और प्रभावी प्रबंधन के लिए हमेशा एक्सपर्ट की मदद ले सकते हैं।
FAQ
बहेड़ा खाने से क्या फायदा होता है?
बहेड़ा खाने के कई फायदे हैं। सबसे पहले तो यह पाचन क्रिया को तेज करने में मददगार है। इसके अलावा बहेड़ा एंटी बैक्टीरियल भी है जो कि आपको बैक्टीरियल इंफेक्शन से कम करने में मददगार है। इसके अलावा यह इम्यूनिटी बूस्टर गुणों से भरपूर है जो कि आपको कई बीमारियों से बचा सकता है।बहेड़ा की तासीर क्या होती है?
बहेड़ा की तासीर गर्म होती है जिसका सेवन आपको कई बीमारियों से बचा सकता है। ये सर्दी-जुकाम को कम करने के साथ कई बीमारियों से बचाव में मददगार है। इसके अलावा इसकी गर्म तासीर कंजेशन को भी कम करने में सहायक है।बहेड़ा चूर्ण से क्या लाभ होता है?
बहेड़ा चूर्ण का उपयोग लोग वजन घटाने से लेकर शरीर की अलग-अलग समस्याओं के लिए करते हैं। आप बहेड़ा का सेवन करके स्किन की कई समस्याओं से बच सकते हैं। इसके अलावा यह लिवर डिटॉक्स में भी मददगार है और डायबिटीज में भी आप इसका सेवन कर सकते हैं।