Neem Nimboli Ayurvedic Health Benefits: नीम का पेड़ आयुर्वेद में एक औषधीय गुणों से भरपूर वृक्ष माना जाता है। आयुर्वेद में नीम की पत्तियां, छाल, फूल, बीज और विशेष रूप से नीम की निंबोली (यानी उसके फल का बीज) को काफी उपयोगी कहा गया है। नीम की निंबोली का प्रयोग कई प्रकार की बीमारियों, ब्लड फ्यूरिफेशन और घाव को ठीक करने के लिए सदियों से होता आया है। इस लेख में दिल्ली की आशा आयुर्वेदा की डायरेक्टर डॉ. चंचल शर्मा (Dr. Chanchal Sharma, Director of Aasha Ayurveda) से जानेंगे नीम की निंबोली के फायदों के बारे में।
नीम की निंबोली क्या होती है?
डॉ. चंचल शर्मा के अनुसार, नीम के फल को आसान भाषा में निंबोली कहा जाता है। निंबोली मुख्य रूप से छोटे अंडाकार और हरे से पीले रंग का फल है। निंबोली के अंदर का बीज निकालकर ही नीम का तेल भी बनाया जाता है। यूं तो निंबोली का स्वाद कड़वा होता है, लेकिन इसमें विभिन्न प्रकार के औषधीय गुण होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिहाज से फायदेमंद माने जाते हैं। आयुर्वेद में निंबोली (neem nimboli ke fayde) को 'तिक्त' (कड़वा), 'शीतल' (शीतल प्रभाव वाला), और 'कफ-पित्त शामक' माना गया है।
नीम की निंबोली के फायदे - Neem nimboli ayurvedic health benefits
1. ब्लड प्यूरिफिकेशन में मददगार- Neem's Nimboli is helpful in blood purification
नीम में एंटीबैक्टीरियल, नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम, टैनिक एसिड जैसे गुण होते हैं। नियमित तौर पर नीम की निंबोली का सेवन करने से ब्लड को प्यूरीफाई (खून से अशुद्धियां) करने में मदद मिलती है। जिससे त्वचा संबंधी समस्याएं जैसे पिंपल्स, एक्ने और एलर्जी की परेशानी कम होती है। नीम की निंबोली के तत्व ब्लड को साफ करके महिलाओं को पीरियड्स के दौरान होने वाली समस्याओं से बचाते हैं।
2. ब्लड शुगर को करें मैनेज- Neem's Nimboli manages blood sugar
नीम की निंबोली ब्लड शुगर लेवल मैनेज करने में भी मददगार होती है। डॉ. चंचल शर्मा का कहना है कि नियमित तौर पर एक सीमित मात्रा में नीम की निंबोली का सेवन किया जाए, तो यह इंसुलिन सेंसिटिविटी को कम करती है। साथ ही, शरीर में ग्लूकोज की मात्रा का भी संतुलन बनाती है। टाइप 2 डायबिटीज के रोगी नीम की निंबोली का सेवन करे, तो यह उनके लिए लाभदायक साबित हो सकती है।
3. पाचन तंत्रिका को बनाए दुरुस्त- Neem's Nimboli keeps the digestive system healthy
आयुर्वेद में नीम की निंबोली को जठराग्नि को उत्तेजित करने के लिए जाना जाता है। नीम की निंबोली पेट में मौजूद बैक्टीरिया को खत्म करके गुड बैक्टीरिया को बढ़ावा देती है। नियमित पर निंबोली का सेवन करने से कब्ज, पेट में दर्द, एसिडिटी और गैस की परेशानी दूर होती है। लेकिन पाचन तंत्रिका से जुड़ी परेशानी में सिर्फ वयस्कों को ही नीम की निंबोली का सेवन करना चाहिए। बच्चों को निंबोली खिलाने से सेहत पर विपरीत असर पड़ सकता है।
4. त्वचा की परेशानियों को करता है दूर- Neem's Nimboli removes skin problems
नीम की निंबोली को आयुर्वेद में प्राकृतिक त्वचा रोग निवारक औषधि के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। इसमें एंटी बैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं, जो त्वचा को अंदर से हील करने में मदद करते हैं। निंबोली का सेवन करने से त्वचा पर बनने वाले इंफेक्शन कम होते हैं। यह मुंहासे और एक्ने पैदा करने वाले बैक्टीरिया को भी खत्म करता है। निंबोली एक्जिमा और सोरायसिस जैसे त्वचा रोगों को भी दूर रखती है।
5. कैंसर रोधी गुण- Neem's Nimboli Anti-Cancer Properties
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की वेबसाइट पर प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, नीम की निंबोली में कैंसर रोधी गुण पाए जाते हैं। इसका सेवन करने कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में मदद मिलती है। यह शरीर में सेल म्यूटेशन को नियंत्रित करके कैंसर से बचाव करता है।
नीम का निंबोली का सेवन तरीका- Method of consuming neem Nimboli
आयुर्वेद के अनुसार सुबह खाली पेट 2 से 3 पीस नीम की निंबोली को चबाना स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है।
आप नीम की निंबोली को सुखाकर इसका पाउडर बनाकर भी कर सकते हैं और गुनगुने पानी के साथ इसे खा सकते हैं।
नीम की निंबोली का स्वाद कड़वा होता है, इसलिए हर किसी को यह पसंद नहीं आता है। ऐसे में आप बाजार में मौजूद कैप्सूल और गोलियों का सेवन भी कर सकते हैं। डॉ. चंचल शर्मा का कहना है कि नीम की निंबोली एक शक्तिशाली एजेंट है, इसका सेवन सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए। महिलाओं को प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग के दौरान नीम की निंबोली का सेवन करने से बचना चाहिए।
निष्कर्ष
नीम की निंबोली एक ऐसी प्राकृतिक औषधि है। इसका सेवन करने से स्वास्थ्य को कई प्रकार से फायदा मिलता है। लेकिन इसका सेवन करने से पहले एक्सपर्ट की सलाह लेना जरूरी है। बिना एक्सपर्ट की सलाह के नीम की निंबोली का सेवन किया जाए, तो यह स्वास्थ्य पर विपरीत असर डाल सकती है।