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दिमाग हो जाएगा स्लो अगर बच्चों को खिलाया पिज्जा बर्गर जैसे फास्ट फूड, होंगे ब्रेन से जुड़े ये बड़े नुकसान

जंक फूड न सिर्फ बच्चों की फिजिकल हेल्थ बल्कि मेंटल हेल्थ को भी नुकसान कर सकते हैं। जानें ये बच्चों की मेंटल हेल्थ पर क्या असर डालते हैं।
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दिमाग हो जाएगा स्लो अगर बच्चों को खिलाया पिज्जा बर्गर जैसे फास्ट फूड, होंगे ब्रेन से जुड़े ये बड़े नुकसान


How Does Junk Food Affect a Child's Brain: आजकल बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी में जंक फूड का क्रेज बढ़ रहा है। पेरेंट्स को जंक फूड खाने की आदत होती है, जिसे देखकर बच्चे भी जंक फूड खाना सीख जाते हैं। यही गलती बच्चों में जंक फूड का क्रेज बढ़ाने की वजह बनती हैं। इस वजह से बच्चे घर का खाना खाने के बजाय बाहर का जंक फूड ज्यादा खाना पसंद करते हैं। पिज्जा, बर्गर, फ्रेंच फ्राइज, कोल्ड ड्रिंक्स और चॉकलेट्स जैसी चीजें बच्चों को ज्यादा आकर्षित करती हैं। अक्सर लोगों को लगता है कि जंक फूड पेट खराब होने या फूड पॉइजनिंग की वजह बन सकता है। लेकिन जंक फूड इससे कहीं ज्यादा आपके बच्चे की सेहत को प्रभावित करते हैं। इनके कारण बच्चों की ब्रेन हेल्थ पर भी बुरा असर पड़ता है। जंक फूड खाने के कारण बच्चों को दिमाग से जुड़ी समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है। इस लेख में हम दिल्ली के ब्लूम क्लीनिक की आयुर्वेदिक डॉक्टर और न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. अंजना कालिया (Dr. Anjana Kalia, Ayurvedic Doctor and Nutritionist, Bloom Clinic, Delhi) से जानेंगे, जंक फूड खाने से बच्चों की ब्रेन हेल्थ पर क्या असर पड़ता है।

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पहले जानें जंक फूड बच्चों के लिए क्यों नुकसानदायक हैं- How Does Junk Food Affect Children's Mental Health?

जंक फूड में शरीर के लिए जरूरी मिनरल्स की कमी होती है। इनमें ट्रांस फैट, प्रिजर्वेटिव्स, कलर्स, केमिकल्स, ज्यादा मात्रा में चीनी, नमक भी मौजूद होते हैं। ये सभी चीजें सेहत को फायदे के बजाय नुकसान करती हैं। इनके सेवन से कई बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। ये केमिकल्स बॉडी में हार्मोन्स इंबैलेंस होने की वजह बन सकते हैं। इनके कारण बच्चों की ओवरऑल हेल्थ को नुकसान होता है और उनकी ग्रोथ भी स्लो हो सकती है।

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जंक फूड बच्चों की मेंटल हेल्थ को कैसे प्रभावित कर सकता है?

पोषक तत्व की कमी होना

बच्चों का दिमाग विकासशील अवस्था में होता है। इसलिए उसे बेहतर तरीके से काम करने के लिए ऐसे संतुलित आहार की जरूरत होती है, जिसमें सभी पोषक तत्व मौजूद हो। जब बच्चों को जंक फूड खाने की आदत हो जाती है, तो इस कारण उनके शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। जंक फूड बच्चों में विटामिन्स, ओमेगा-3 फैटी एसिड, आयरन और जरूरी पोषक तत्वों की कमी की वजह बन सकते हैं। इस कारण फोकस की कमी, याददाश्त कमजोर होना, चिड़चिड़ापन और सोचने-समझने की ताकत कम होने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

न्यूरोलॉजिकल डिजीज हो सकती हैं

जंक फूड जैसे कि पिज्जा, बर्गर, फ्रेंच फ्राइज, कोल्ड ड्रिंक्स और चॉकलेट्स में ट्रांस फैट्स, शुगर और साल्ट ज्यादा मौजूद होता है। इनके कारण दिमाग में सूजन बढ़ सकती है, जो कि न्यूरोलॉजिकल डिजीज का कारण बन सकती है। कुछ अध्ययनों में यह भी देखा गया है कि जंक फूड खाने वाले बच्चों में डिप्रेशन और एंग्जायटी के लक्षण भी ज्यादा पाए जाते हैं।

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अन्य समस्याएं होना

लंबे समय तक जंक फूड खाने की आदत न सिर्फ मेंटल हेल्थ बल्कि फिजिकल हेल्थ को नुकसान भी करती है। इसके कारण कई बीमारियों का खतरा होता सकता है। जंक फूड के ज्यादा सेवन से वजन बढ़ने, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं का खतरा हो सकता है।

एक्सपर्ट टिप

  • पेरेंट्स को अपने बच्चों में जंक फूड की आदत कम करने की कोशिश करनी चाहिए। अगर बच्चा बाहर का खाना खाने की जिद करता है तो घर पर ही हेल्दी तरह से कुछ बनाकर देना चाहिए। बच्चों की डाइट को बैलेंस्ड रखें और उन्हें जंक फूड की आदत से बचाएं।
  • बच्चों के सामने कभी भी जंक फूड न खाएं। अन्यथा बच्चा भी आपको देखकर जंक फूड खाने की जिद करेगा। समय रहते सावधानी बरतने से बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास को नुकसान होने से बचाया जा सकता है।
  • इस लेख में आपको सामान्य जानकारी दी गई है। इस विषय पर ज्यादा जानने के लिए एक्सपर्ट से संपर्क करें।

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