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Critical Limb Ischemia: पैरों का 'हार्ट अटैक' क्यों कहा जाता है इस बीमारी को?

कई बार लोगों को क्रिटिकल लिम्ब इस्किमिया की समस्या का सामना करना पड़ता है। इसके कारण लोगों को पैरों में कई परेशानी होती हैं। आइए लेख में जानें - 
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Critical Limb Ischemia: पैरों का 'हार्ट अटैक' क्यों कहा जाता है इस बीमारी को?

How Can I Prevent Critical Limb Ischemia In Hindi: कई बार लोगों को क्रिटिकल लिम्ब इस्किमिया की समस्या होती है, जिसके कारण लोगों को पैरों में कमजोरी होने, थकान होने और पैरों में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। बता दें, क्रिटिकल लिम्ब इस्किमिया को पैरों का हार्ट अटैक भी कहा जाता है, जो पैरों में गंभीर परेशानियों का खतरा बढ़ता है। ऐसे में आइए पारस हेल्थ, गुरुग्राम के इंटरनल मेडिसिन विभाग के एचओडी, डॉ. आरआर दत्ता (Dr. RR Dutta, HOD, Internal Medicine, Paras Health, Gurugram) से जानें क्या है क्रिटिकल लिम्ब इस्किमिया? और इसको पैरों का हार्ट क्यों कहा जाता है?


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CLI को क्यों कहते हैं पैरों का हार्ट अटैक? - Why is CLI called heart attack of the legs?

डॉ. आरआर दत्ता के अनुसार, CLI यानी क्रिटिकल लिम्ब इस्किमिया (Critical limb ischemia) को पैरों के हार्ट अटैक भी कहा जाता है। इस बीमारी में पैरों के पंजों में ब्लड सर्कुलेशन बहुत कम हो जाती है, जिसके कारण आराम करने के दौरान भी पैरों की मांसपेशियों और स्किन को ठीक से ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है। इसके कारण व्यक्ती को पैरों में दर्द बना रहता है, खासकर रात के समय। इसके अलावा, इस स्थिति में पैरों में घाव होने, गैंग्रीन (gangrene) होने या पैर के हिस्से के काला पड़ने की समस्याएं भी होती हैं।

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क्रिटिकल लिम्ब इस्किमिया से बचने के लिए क्या करें? - What can be done to prevent critical limb ischemia?

क्रिटिकल लिम्ब इस्किमिया से बचने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल को फॉलो करना बेहद जरूरी है। इससे बीमारियों से बचाव करने में मदद मिल सकती है।

नियमित रूप से वॉक करें

क्रिटिकल लिम्ब इस्किमिया की समस्या में दर्द होने पर भी नियमित रूप से वॉक करने की कोशिश करें। इससे पैरों में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करने में मदद मिलती है। इससे स्वास्थ्य को भी कई लाभ मिलते हैं।

ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर को कंट्रोल रखें

क्रिटिकल लिम्ब इस्किमिया की बीमारी का खतरा ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को अधिक होती है। ऐसे में इस समस्या से बचने के लिए ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल में रखने की जरूरत होती है। ऐसे में इन समस्याओं से राहत के लिए डॉक्टर की सलाह के अनुसार, खून को पतला करने वाली दवाइयों और इन समस्याओं की दवाइयां लें।

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नियमित एक्सरसाइज करें

क्रिटिकल लिम्ब इस्किमिया की समस्या से बचने के लिए व्यक्ति को नियमित एक्सरसाइज करें या फिजिकल एक्टिविटीज करें। इससे पैरों में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ावा देने और स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद मिलती है।

वजन को नियंत्रित करें

क्रिटिकल लिम्ब इस्किमिया की समस्या अधिक वजन होने के कारण भी हो सकता है। ऐसे में इन समस्याओं से बचने के लिए वजन को नियंत्रित रखने की कोशिश करें।

हेल्दी डाइट लें

क्रिटिकल लिम्ब इस्किमिया की समस्या से बचने के लिए हेल्दी और पोषक तत्वों से युक्त डाइट लें। इससे शरीर में पोषक तत्वों की कमी को दूर करने और स्वास्थ्य को दुरुस्त करने में मदद मिलती है।

निष्कर्ष

क्रिटिकल लिम्ब इस्किमिया की समस्या से बचाव करने के लिए नियमित रूप से वॉक करें, नियमित रूप से एक्सरसाइज करें, वजन को कंट्रोल करें, हेल्दी डाइट लें, ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करें। इससे स्वास्थ्य को दुरुस्त रखने और क्रिटिकल लिम्ब इस्किमिया से बचाव करने में भी मदद मिलती है। ध्यान रहे, चलने में अधिक परेशानी होने, पैरों में अधिक घाव होने, पैरों में अधिक दर्द होने पर डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

All Images Credit- Freepik

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  • Current Version

  • Nov 22, 2025 20:18 IST

    Published By : Priyanka Sharma

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