गर्मी के मौसम में हीटवेव या लू अस्थमा के मरीजों के लिए एक गंभीर चुनौती साबित हो सकता है। ज्यादा गर्मी और प्रदूषण से अस्थमा के लक्षण बढ़ सकते हैं। अस्थमा के मरीजों को ज्यादा पसीना, गर्मी की वजह से शरीर का तापमान बढ़ना और हवा की गुणवत्ता में गिरावट जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जो उनके फेफड़ों पर बुरा असर डाल सकते हैं। इस दौरान अगर अस्थमा के मरीज सतर्क नहीं रहते, तो इससे सांस लेने में कठिनाई, खांसी और सीने में जकड़न जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में, अस्थमा के मरीजों को अपनी सेहत का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है। इस लेख में हम ऐसे 7 उपायों के बारे में जानेंगे, जो हीटवेव के दौरान अस्थमा के मरीजों को अपने फेफड़ों की सुरक्षा करने में मदद कर सकते हैं। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
1. अस्थमा ट्रिगर्स को पहचानें- Know Your Asthma Triggers
अस्थमा के मरीजों के लिए यह जरूरी है कि वे अपने ट्रिगर्स को पहचानें। गर्मी, नमी और प्रदूषण अस्थमा के लक्षणों को बढ़ा सकते हैं। धूल, धुआं, पॉलन और अन्य एलर्जी पैदा करने वाले तत्वों से बचने के लिए इनकी पहचान करना जरूरी है। ट्रिगर्स से बचने के लिए, आपको दिन के ऐसे समय में बाहर जाने से बचना चाहिए जब हवा में प्रदूषण लेवल ज्यादा हो और धूप ज्यादा हो।
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2. अपने आसपास एयर क्वालिटी चेक करें- Monitor Air Quality Around You
हीटवेव के दौरान वायु प्रदूषण का लेवल बढ़ सकता है, जो अस्थमा के मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। वायु गुणवत्ता को नियमित रूप से चेक करें और ऐसे समय में बाहर जाने से बचें जब वायु गुणवत्ता खराब हो। कई ऑनलाइन एप्लिकेशन और वेबसाइट आपको वायु गुणवत्ता के बारे में जानकारी देती हैं। जब वायु गुणवत्ता खराब हो, तो घर के अंदर रहें और खिड़कियां बंद करके रखें।
3. इनहेलर का सही तरीके से इस्तेमाल करें- Use Your Inhaler Properly
अस्थमा के मरीजों के लिए उनके इनहेलर का सही तरीके से इस्तेमाल जरूरी है, खासकर जब गर्मी और प्रदूषण का लेवल बढ़ जाता है। डॉक्टर की सलाह के अनुसार, इनहेलर का नियमित रूप से इस्तेमाल करें और अगर आपको सांस लेने में कठिनाई महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
4. शारीरिक गतिविधि को सीमित करें- Limit Physical Exertion
गर्मियों में ज्यादा शारीरिक गतिविधि करने से बचना चाहिए, खासकर जब हीटवेव (लू) चल रही हो। ज्यादा एक्सरसाइज करने से शरीर का तापमान और ज्यादा बढ़ सकता है, जिससे अस्थमा के लक्षणों भी बढ़ने लगते हैं। अगर आपको बाहर जाना है, तो सुबह या शाम के समय जब तापमान ठंडा होता है, तब बाहर जाएं। किसी भी शारीरिक गतिविधि के दौरान अपने शरीर पर ध्यान दें और जरूरत से ज्यादा स्ट्रेस न लें।
5. पर्याप्त पानी पीएं- Stay Hydrated
गर्मी में शरीर में पानी की कमी हो सकती है और इससे अस्थमा के लक्षण भी बढ़ सकते हैं। इसलिए, यह जरूरी है कि आप पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, ताकि आपका शरीर हाइड्रेट रहे और सांस की तकलीफ को कम किया जा सके। हाइड्रेशन से आपके फेफड़े साफ रहते हैं और आसानी से सांस लेने में मदद मिलती है।
6. गर्मी से बचने के लिए ठंडा वातावरण बनाए रखें- Keep a Cool Environment
हीटवेव के दौरान अस्थमा के मरीजों को ज्यादा गर्मी से बचने की जरूरत होती है। घर में ठंडक बनाए रखने के लिए एयर कंडीशनर का इस्तेमाल करें और खिड़कियां बंद रखें। अगर एयर कंडीशनर नहीं है, तो पंखे का इस्तेमाल करें और ठंडी हवा के लिए रूम के अंदर कूलर या पानी की बोतलें रखें। गर्मी से बचने के लिए छांव में रहना और ठंडे पानी से नहाना भी फायदेमंद हो सकता है।
7. डॉक्टर की सलाह मानें- Follow Doctor's Advice
अगर अस्थमा के मरीज को किसी प्रकार की समस्या हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। किसी भी प्रकार की दवाओं या इलाज में बदलाव करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है। यह सुनिश्चित करें कि आप नियमित रूप से अपने मेडिकल चेकअप करवा रहे हैं।
हीटवेव के दौरान अस्थमा के मरीजों के लिए ये उपाय बहुत जरूरी हैं। सही जानकारी और सावधानी बरतने से आप अपने फेफड़ों को सुरक्षित रख सकते हैं और गर्मी के मौसम में अस्थमा के लक्षणों को कंट्रोल कर सकते हैं।
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FAQ
अपने फेफड़ों की सुरक्षा कैसे करें?
फेफड़ों की सुरक्षा के लिए प्रदूषण से बचना, धूम्रपान न करना और साफ हवा में सांस लेना जरूरी है। नियमित एक्सरसाइज, हाइड्रेट रहना और स्वस्थ आहार का पालन भी फेफड़ों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखता है।बिना इनहेलर के अस्थमा अटैक आने पर क्या करें?
अगर आपके पास इनहेलर नहीं है, तो तुरंत बैठें और गहरी सांस लें। ठंडी हवा में सांस लेना, पानी पीना और शरीर को आराम देना भी मदद कर सकता है। अगर अटैक गंभीर हो, तो तुरंत मेडिकल हेल्प लें।क्या बिना दवा के अस्थमा ठीक हो सकता है?
अस्थमा एक दीर्घकालिक स्थिति है, जिसे दवाओं और जीवनशैली में सुधार करके कंट्रोल किया जा सकता है। हालांकि, बिना दवा के इसे पूरी तरह ठीक करना संभव नहीं है।सांस की तकलीफ से तुरंत राहत कैसे पाएं?
सांस की तकलीफ से राहत पाने के लिए गहरी सांस लें और धीरे-धीरे छोड़ें। आराम से बैठें और ताजी हवा में सांस लें। अगर समस्या बनी रहती है, तो तुरंत अपनी दवाएं लें या डॉक्टर से संपर्क करें।