यहां पढ़ें सेहत से जुड़े अंधविश्वासों और मिथकों का वैज्ञानिक सच, ताकि दकियानूसी बातों के चक्कर में न खराब हो आपकी सेहत
हमारे समाज में कई तरह के अंधविश्वासों की बड़ी गहरी जड़ें हैं। पुराने समय में लोग बहुत अधिक पढ़े-लिखे नहीं थे इसलिए कई वैज्ञानिक तथ्यों को किसी प्रथा, रिवाज या नियम रूप में ढालकर आम लोगों के जीवन में शामिल कर दिया गया, ताकि वो संजीदगी से उनका पालन कर सकें। समय के साथ ये नियम अंधविश्वास में बदल गए। आज 21वीं सदी में इनमें से बहुत सारी रूढ़ियों और रिवाजों की जरूरत नहीं है या इन्हें वैज्ञानिक रूप से गलत साबित कर दिया गया है। इसके बावजूद बहुत सारे लोग इनसे पीछा नहीं छुड़ा पाए हैं। वैसे तो सारे अंधविश्वास गलत हैं लेकिन अगर कोई अंधविश्वास सेहत से जुड़ा हो, तो ये बहुत खतरनाक हो सकता है। इसलिए अंधविश्वास और विज्ञान दोनों के बीच के अंतर को समझना आज के समय में बेहद जरूरी है। हमारे 'अंधविश्वास और साइंस' कैंपेन का उद्देश्य इन परंपरागत धारणाओं को तोड़ना या इनके शुरू होने का वैज्ञानिक दृष्टिकोण जानना है। इस कैंपेन के जरिए हम समाज में फैले हुए अंधविश्वासों को उजागर करके, तमाम हेल्थ एक्सपर्ट्स, डॉक्टर्स,वैज्ञानिकों आदि से बात करके व रिसर्च स्टडीज में बताई गई जानकारियां साझा करके उनके पीछे के विज्ञान को समझाने का प्रयास करते हैं, ताकि लोग सच और मिथक के बीच फर्क पहचान सकें।
ऐसे कई अन्य अंधविश्वास हैं, जिनका हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ता है। इस कैंपेन के अंतर्गत हम आपको बताते हैं कि कैसे वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाकर और तथ्यों को समझ कर आप अंधविश्वास से बच सकते हैं। 'अंधविश्वास और साइंस' कैंपेन का मकसद यही है कि हम विज्ञान आधारित समाधान को अपनाएं, जिससे न केवल हमारे स्वास्थ्य में सुधार हो, बल्कि मानसिक शांति भी प्राप्त हो।