
Consanguineous marriage problems: आपने देखा होगा कि कई बार ये चर्चा होती है कि अपने रिश्तेदारी में शादी करने से बच्चों में वंशानुगत बीमारियां आ सकती है? इसे कुछ जगहों पर अंधविश्वास माना जाता है तो कुछ जगहों पर इसे लोग सच मानते हैं। दुनियाभर में बहुत से लोग इस अपने रिश्तेदारी यानी मामा-मौसी, बुआ और चाचा के बच्चों से शादी करते हैं और कई बार उनके बच्चों में तरह-तरह की बीमारियां देखी जाती हैं। सवाल ये है कि ये बात कहां तक साइंटिफिक है या ये सिर्फ एक अंधविश्वास है? इस बारे में विस्तार से जानने के लिए हमने Dr. Pooja Pillai, Consultant - Internal Medicine, Aster CMI Hospital, Bangalore से बात की जिन्होंने बताया कि इस बारे में आप कहां तक सही है और ये कैसे जेनेटिक बीमारियों का कारण बन सकता है।
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क्या सगे संबंधियों में विवाह करने से बच्चों में आनुवंशिक रोगों का खतरा बढ़ जाता है?
Dr. Pooja Pillai बताते हैं कि निकट संबंधियों, जैसे चचेरे भाई-बहनों में विवाह करने से बच्चों में आनुवंशिक रोगों का खतरा बढ़ सकता है। यह अंधविश्वास नहीं, बल्कि विज्ञान है। हर व्यक्ति में कुछ छिपे हुए जीन दोष (gene defects) होते हैं और जब माता-पिता दोनों निकट संबंधी होते हैं, तो बच्चों में ये दोष होने की संभावना अधिक होती है। इससे जन्मजात विकार, हृदय रोग, रक्त विकार या विकास में देरी हो सकती है। डॉक्टर इसे "सगोत्रीय विवाह (consanguineous marriage)" कहते हैं और अध्ययनों से पता चलता है कि ऐसे विवाहों से उत्पन्न बच्चों में वंशानुगत रोगों का खतरा अधिक होता है।

आनुवंशिक रोगों का खतरा क्यों ज्यादा होता है?
चचेरे भाई-बहन लगभग 12.5% जीन साझा (Shared genes) करते हैं, जिससे उनमें एक ही पूर्वज से एक ही दोषपूर्ण जीन (faulty genes) विरासत में मिलने की संभावना बढ़ जाती है। जब माता-पिता रिश्तेदार होते हैं, तो दोनों के एक ही अप्रभावी जीन के वाहक होने की संभावना अधिक होती है। इस प्रकार से चचेरे भाई-बहनों के बच्चों में ऑटोसोमल अप्रभावी स्थिति विरासत में मिलने का जोखिम सामान्य आबादी की तुलना में लगभग दोगुना होता है। NIH की स्टडी ने कुछ रक्त संबंध को अन्य समस्याओं के उच्च जोखिम से भी जोड़ा है, जिनमें हृदय संबंधी समस्याएं शामिल हैं और कुछ हालिया विश्लेषणों के अनुसार, बच्चों में विकासात्मक कठिनाइयां भी हो सकती हैं।
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सगे संबंधियों में विवाह करने से बच्चों में हो सकते हैं ये आनुवंशिक रोग
डॉक्टर पिल्लई बताती हैं कि सेग संबंधियों में शादी करने से थैलेसीमिया (Thalassemia)की बीमारी हो सकती है। इसके अलावा सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic fibrosis) की समस्या हो सकती है। ये एक ऐसी स्थिति है जो फेफड़ों, पाचन तंत्र और अन्य अंगों को गंभीर क्षति पहुंचाती है। इसके अलावा अक्सर सिकल सेल रोग देखे जाते हैं जो लाल रक्त कोशिकाओं को विकृत कर देता है। इतना ही नहीं, ऐसे बच्चों में डाउन सिंड्रोम (Down syndrome) का खतरा भी बढ़ जाता है। ये एक आनुवंशिक विकार जो बौद्धिक और शारीरिक समस्याएं पैदा कर सकता है।
इसके अलावा चचेरे भाई-बहनों के बच्चों में मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (muscular dystrophy), शिशु मस्तिष्क पक्षाघात (infantile cerebral palsy) और श्रवण एवं दृष्टि संबंधी समस्याओं (hearing and visual impairments) जैसी स्थितियों का खतरा अधिक हो सकता है।
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हालांकि, यह खतरा पारिवारिक इतिहास और आनुवंशिकी पर निर्भर करता है। विवाह से पहले आनुवंशिक परामर्श इन जोखिमों को समझने और कम करने में सहायक हो सकता है। इसलिए, निकट संबंधियों में विवाह से बचना बच्चों के स्वास्थ्य की रक्षा का एक वैज्ञानिक तरीका है।
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FAQ
डाउन सिंड्रोम से क्या होता है?
डाउन सिंड्रोम एक जेनेटिक बीमारी है जो तब होती है जब बच्चा एक अतिरिक्त गुणसूत्र के साथ पैदा होता है यानी डाउन सिंड्रोम वाले व्यक्ति में 47 गुणसूत्र होते हैं। इससे बच्चे का शारीरिक और बौद्धिक विकास प्रभावित होता है।आनुवंशिक रोग क्या है
आनुवंशिक रोग, वे बीमारियां हैं जो व्यक्ति के डीएनए (DNA) में बदलाव के कारण होती हैं। ये गर्भधारण के दौरान अचानक हो सकते हैं जैसे सिकल सेल एनीमिया, सिस्टिक फाइब्रोसिस या हीमोफीलिया।आनुवंशिक लक्षण क्या होते हैं?
आनुवंशिक लक्षण (Genetic traits) वे विशेषताएं या गुण होते हैं जो माता-पिता से उनकी संतानों में DNA के माध्यम से विरासत में मिलते हैं, जैसे आंखों का रंग, बालों का प्रकार और आवाज।
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Dec 10, 2025 15:00 IST
Published By : Pallavi Kumari