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तीखा खाने से तोतलापन दूर होता है? एक्सपर्ट से जानें यह अंधविश्वास है या साइंस

आपने देखा होगा कि कुछ लोग बोलते समय तुतलाते हैं। उनके मुंह से कई शब्द साफ नहीं निकलते और एक पूरा वाक्य बोलने में ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। ऐसे में तोतलेपन को दूर करने के लिए हरी मिर्च जैसी तीखी चीजों को खाना सही है? 
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तीखा खाने से तोतलापन दूर होता है? एक्सपर्ट से जानें यह अंधविश्वास है या साइंस


तोतलापन (stammering in hindi) एक ऐसी दिक्कत है जिसमें व्यक्ति सफाई से बोल नहीं पाता है। व्यक्ति के मुंह से शब्दों की आवाज स्पष्ट नहीं आती है जैसे 'त' को 'ट' बोलना, 'बी' को 'वी' बोलना और 'स' को 'च' स्वर में बोलना। ऐसे लोग तमाम शब्दों को बोलने में फंसते हैं और इस वजह से स्पीच क्वालिटी खराब होती है। यह दिक्कत अक्सर लोगों को बचपन से होती है और सही इलाज न लेने पर बड़े होने तक बनी रह सकती है। इस तरह के तोतले बच्चों को ज्यादा तीखा खिलाने की सलाह दी जाती थी। पुराने लोग तोतले बच्चों को हरी मिर्च खाने की सलाद हेते थे ताकि उनकी जबान साफ हो। लेकिन सवाल यह है कि क्या सच में तीखा खाने से तोतलापन दूर हो सकता है? यह अंधविश्वास है या साइंस, इस बारे में विस्तार से जानने के लिए हमने Dr. Abhishek Srivastava, Director, Centre for Physical Medicine and Rehabilitation Consultant in Rehabilitation Medicine, Neuro rehabilitation Specialist, Kokilaben Dhirubhai Ambani, Hospital, Mumbai से बात की। साथ ही जानें तोतलेपन का इलाज (Tutlane Ka Ilaj in Hindi)

तीखा खाने से तोतलापन दूर होता है?

Dr. Abhishek Srivastava बताते हैं कि ''प्रभावी संचार (effective communication) में आवाज की स्पष्टता एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जो न केवल इस बात को प्रभावित करती है कि दूसरे आपको कितनी अच्छी तरह समझते हैं, बल्कि सामाजिक और व्यावसायिक परिस्थितियों में आपके आत्मविश्वास को भी प्रभावित करती है।' लेकिन, तीखा खाने से तोतलापन दूर नहीं होता।'' बल्कि, इसके कुछ दूसरे कारण होते हैं जिनके बारे में लोगों को जानकारी होनी चाहिए।

Is stammering curable

तुतलाने का क्या कारण है?

American Speech-Language-Hearing Association की मानें, तो तोतलापन तनाव और बात करने को लेकर नकारात्मक भावनाओं से भी जुड़ा हुआ हो सकता है। इस तरह के लोग अपनी भावनाओं को छिपाने की कोशिश करते हैं क्योंकि उन्हें इस बात की चिंता होती है कि दूसरे क्या सोचेंगे। ऐसे में मन की बात ब्रेन के साथ मेल नहीं खाती है और व्यक्ति तुतलाकर बोलता है। यह दिन-प्रतिदिन बदल सकता है और तनाव या उत्तेजना के कारण यह समस्या बढ़ सकती है।  डॉ. अभिषेक बताते हैं कि आवाज की स्पष्टता को कई कारक प्रभावित कर सकते हैं, जिनमें न्यूरोलॉजिकल दिक्कत से लेकर कुछ गंभीर चोट तक कई कारण शामिल हैं। जैसे कि

  • -स्पीच डिसऑर्डर (speech disorders)
  • -श्रवण दोष (hearing impairments)
  • -तंत्रिका संबंधी स्थितियां (neurological conditions)
  • -विकासात्मक देरी (developmental delays)
  • -चोटें (injuries) और यहां तक कि समय के साथ विकसित होने वाले आदतन पैटर्न भी शामिल हैं।

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तोतलेपन का इलाज संभव है-Is stammering curable?

Stamma.org में प्रकाशित इस लेख की मानें तो तोतलेपन का कोई इलाज नहीं है, लेकिन इसके प्रभाव को नियंत्रित करने और आवाज को ठीक करने के लिए कुछ थेरेपी उपलब्ध हैं। ये थेरेपी धाराप्रवाह बोलने और संचार कौशल में उल्लेखनीय सुधार ला सकती हैं।

तोतलापन कैसे दूर करें- Tutlane Ka Ilaj in Hindi

तोतलापन को दूर करने के लिए डॉक्टर कुछ इलाज (stammering treatment) सुझा सकते हैं, जिसकी मदद से आपकी आवाज साफ हो सकती है और बालने में आने वाली कठनाई दूर हो सकती है। जैसे कि

स्पीच थेरेपी-Speech therapy

स्पीच थेरेपी अस्पष्ट आवाज के लिए सबसे आम और प्रभावी उपचार है। एक प्रमाणित भाषा रोग विशेषज्ञ (एसएलपी) द्वारा किया जाता है और इसमें अस्पष्ट उच्चारण के मूल कारण की पहचान की जाती है। इसके बाद उच्चारण में सुधार, मौखिक मांसपेशियों को मजबूत करने, श्वास नियंत्रण में सुधार और सही ध्वनि निकालने की एक्सरसाइज करवाई जाती है।

मेडिकल समस्याओं का समाधान-Addressing underlying medical issues

अगर यह समस्याएं सुनने से जुड़ी कोई दिक्कत, कान के संक्रमण, तालु में गैप होने (cleft palate) या तंत्रिका संबंधी विकारों, जैसे पार्किंसंस रोग से जुड़ी हैं, तो मूल समस्या का समाधान करना जरूरी है। इसमें सर्जरी, श्रवण यंत्र या अन्य प्रकार के मेडिकल ट्रीटमेंट की मदद ली जा सकती है।

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अभ्यास और जीवनशैली में बदलाव जरूरी

इस समस्या के लाइलाज लोगों के लिए सचेत अभ्यास से स्पष्ट वाणी में सुधार किया जा सकता है। इसमें वाणी को धीमा करना, जीभ और होंठों के व्यायाम का अभ्यास करना, जोर से पढ़ना और समस्याग्रस्त ध्वनियों की पहचान करने के लिए खुद को रिकॉर्ड मददगार हो सकता है। हाइड्रेशन, ज्यादा शराब या कैफीन से बचना स्पष्टता में योगदान देता है। इसके अलावा तनाव कम करने से भी भाषा के सुधार में मदद मिल सकती है।

ध्यान दें कि बोलने में कठिनाई की जितनी जल्दी पहचान और उपचार किया जाए, परिणाम उतने ही बेहतर होते हैं। माता-पिता, शिक्षकों और देखभाल करने वालों को बच्चों में लगातार गलत उच्चारण तोतलेपन, हकलाना या अस्पष्ट आवाज के लक्षणों पर नजर रखनी चाहिए, जबकि वयस्कों को अचानक वाणी में बदलाव होने पर मदद लेनी चाहिए।

FAQ

  • बोलने में दिक्कत हो तो क्या करें?

    बोलने में दिक्कत हो तो इस समस्या पर ध्यान देते हुए पहले डॉक्टर को दिखाएं। उपचार हमेशा कारण पर निर्भर करता है। फिर कारण अनुसार आप दवा, स्पीच थेरेपी या जरूरत पड़े तो सर्जरी की मदद ले सकते हैं।
  • साफ बोलने के लिए क्या करें?

    साफ बोलने के लिए सबसे पहले धीमे बोलना सीखें और शब्दों का उच्चारण स्पष्ट करें। इसके अलावा एक वाक्य से दूसरे वाक्य पर जाने से पहले गहरी सांस लें। इस तरह खुद को शांत रखकर साफ बोलने का अभ्यास करें।
  • रुक-रुक कर बोलना कैसे ठीक करें?

    रुक-रुक कर बोलने की समस्या के लिए सबसे पहले तो आप स्पीच थेरेपिस्ट की मदद लें। दूसरा, आप किताब जोर-जोर से पढ़े और स्पीड बढाएं। इस तरह से अभ्यास करने से आपको खुद ही अंतर महसूस होगा।

 

 

 

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