हेपेटाइटिस एक ऐसी बीमारी है, जो लिवर में सूजन पैदा करती है। यह सूजन आमतौर पर हेपेटाइटिस वायरस के कारण होती है। हेपेटाइटिस वैश्विक स्तर में एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है, जो हर साल लाखों लोगों की लाइफ को प्रभावित कर रही है। लेकिन, अच्छी बात यह है कि हेपेटाइटिस को रोका और कंट्रोल किया जा सकता है। हेपेटाइटिस एक ऐसी बीमारी है, जो कई बार बिना किसी लक्षण के आपके शरीर को धीरे-धीरे डैमेज करता है। इतना ही नहीं, ये एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी आसानी से फैल सकता है। इसलिए, समय पर हेपेटाइटिस की रोकथाम के लिए वैक्सीनेशन और स्क्रीनिंग जरूरी होती है। आइए कानपुर में स्थित पारस हेल्थ के सीनियर स्ट्रोएंटरोलॉजी कंसल्टेंट डॉ. अनुराग सचान (Dr. Anurag Sachan - Senior Consultant Gastroenterology, Paras Health Kanpur) से जानते हैं कि हेपेटाइटिस से बचाव के लिए वैक्सीनेशन और स्क्रीनिंग के साथ बचाव के अन्य उपायों के बारे में-
हेपेटाइटिस के लिए वैक्सीनेशन - Vaccination For Hepatitis in Hindi
हेपेटािटिस एक वायरल इंफेक्शन है, जो लिवर को प्रभावित करता है। यह इंफेक्शन लंबे समय तक व्यक्ति के शरीर में बना रह सकता है, जो लिवर सिरोसिस, लिवर कैंसर या लिवर फेलियर जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है। इसलिए, इसकी रोकथाम के लिए समय पर वैक्सीनेशन (hepatitis vaccination) करवाना बहुत जरूरी है।
हेपेटाइटिस बी के लिए वैक्सीनेशन
हेपेटाइटिस बी हेपेटाइटिस बी वायरस (एचबीवी) के कारण होती है, जिससे बचाव के लिए वैक्सीनेशन बहुत जरूरी है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार, "हेपेटाइटिस बी की वैक्सीन तीन खुराकों में लगाई जाती है, जो 95% से ज्यादा लोगों को सुरक्षित रखने में मदद करता है और इसे 18 साल से कम उम्र के बिना टीकाकरण वाले बच्चों को जन्म के समय और 59 साल के बुजुर्गों को दिया जाना चाहिए।" डॉ. अनुराग सचान ने बताया कि, नवजात शिशुओं को जन्म के 24 घंटे के अंदर पहली खुराक देना जरूरी होता है। 60 साल या उससे ज्यादा उम्र के ऐसे लोग जिनमें डायबिटीज, इंजेक्शन द्वारा नशीली दवाएं लेना या MSM होता है, उनके लिए भी हेपेटाइटिस बी वैक्सीनेशन जरूरी है।
हेपेटाइटिस ए के लिए वैक्सीनेशन
हेपेटाइटिस ए की वैक्सीनेस दो खुराकों में लगाई जाती है। यह वैक्सीन छोटे बच्चों, इंफेक्शन से प्रभावित क्षेत्रों में यात्रा करने वालों, नशीली दवाओं का सेवन करने वालों, MSM और लिवर की पुरानी बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए जरूरी है।
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गर्भवती महिलाओं के लिए वैक्सीनेशन
प्रेग्नेंसी के दौरान हेपेटाइटिस से बचाव के लिए सभी प्रेग्नेंट महिलाओं की HBsAg जांच होनी जरूरी होती है। अगर यह रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो बच्चे के जन्म के 24 घंटे के अंगर शिशु को हेपेटाइटिस बी की वैक्सीन और HBIG देना जरूरी होता है। इसके बाद बच्चे को पूरा हेपेटाइटिस वैक्सीनेशन कोर्स दिया जाता है और एक साल की उम्र से पहले HBsAg और एंटी-HBs की जांच करानी चाहिए।
हेपेटाइटिस के लिए स्क्रीनिंग - Screening For Hepatitis in Hindi
हेपेटाइटिस की सबसे बड़ी समस्या यह है कि इसके शुरुआत में कोई खास लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। कई लोग सालों तक हेपेटाइटिस के वायरस को अपने शरीर में लेकर चलते हैं, जिससे न सिर्फ उनका लिवर धीरे-धीरे डैमेज होता है, बल्कि ये दूसरों में भी इंफेक्शन फैलने का कारण बन सकता है। इसलिए, समय-समय पर हेपेटाइटिस स्क्रीनिंग कराना जरूरी होता है। स्क्रीनिंग की मदद से व्यक्ति में इस इंफेक्शन की आसानी से पहचान की जा सकती है, जिससे इसे फैलने से रोकने और समय पर इलाज में मदद मिल सकती है।
स्क्रीनिंग टेस्ट कैसे किए जाते हैं?
- हेपेटाइटिस बी की पहचान के लिए HBsAg टेस्ट किया जाता है।
- हेपेटाइटिस सी की जांच के लिए anti-HCV टेस्ट होता है।
- इन दोनों ही टेस्ट में ब्लड सैंपल लिया जाता है और फिर उसमें इंफेक्शन की जांच की जाती है।
हेपेटाइटिस स्क्रीनिंग किसे कराना चाहिए?
यू.एस. सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, 18 से 79 साल की उम्र के सभी लोगों को एक बार हेपेटाइटिस की स्क्रीनिंग जरूर करानी चाहिए। फिर चाहे उनके शरीर में हेपेटाइटिस का कोई लक्षण हो या नहीं। क्योंकि समय पर हेपेटाइटिस की पहचान करके इसका सही इलाज किया जा सकता है।
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हेपेटाइटिस से बचाव के उपाय - Prevention Tips For Hepatitis in Hindi
हेपेटाइटिस से बचाव के लिए सिर्फ वैक्सीनेशन और स्क्रीनिंग काफी नहीं है। बल्कि इस बीमारी को रोकने के लिए सही लाइफस्टाइल, साफ-सफाई और सामाजिक जागरुकता भी जरूरी है। इसलिए आप इन टिप्स को फॉलो कर सकते हैं।
- हेपेटाइटिस बी और सी से बचाव के लिए कोई भी इंजेक्शन लगवाते समय नई सुई का ही इस्तेमाल करें।
- सिर्फ टेस्ट किया हुआ ब्लड ही चढ़ावाएं।
- अस्पतालों में इन्फेक्शन कंट्रोल प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन होना जरूरी है।
- सुरक्षित यौन संबंध बनाए, दूसरे लोगों के रेजर टूथब्रश शेयर करने से बचें और टैटू या पियर्सिंग करवाने के लिए साफ-सुथरे उपकरण इस्तेमाल करें।
- हेपेटाइटिस ए की रोकथाम के लिए साफ पानी, सुरक्षित खाना और साफ-सफाई का ध्यान रखें।
- पुरानी हेपेटाइटिस वाले मरीजों को शराब के सेवन से बचना चाहिए, क्योंकि ये लिवार को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
- अगर हेपेटाइटिस के साथ फैटी लिवर की समस्या है तो वजन कंट्रोल रखने की कोशिश करें।
- नियमित रूप से डॉक्टर से जांच करवाएं।
निष्कर्ष
हेपेटाइटिस से बचाव के लिए जरूरी है कि आप समय पर वैक्सीनेशन और स्क्रीनिंग करवाएं। इसके साथ ही बचाव के लिए अन्य उपाय भी आजमाएं। हेपेटाइटिस से बचाव और सही इलाज के लिए जरूरी है कि आपको समय रहते इस बीमारी के बारे में पता चले।
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FAQ
हेपेटाइटिस बीमारी से क्या होता है?
हेपेटाइटिस, जिसे आमतौर पर पीलिया के रूप में भी जाना जाता है, एक ऐसी बीमारी है, जो हमारे लिवर में सूजन का कारण बनती है। यह समस्या आमतौर पर इंफेक्शन या टॉक्सिक पदार्थों के कारण होती है।हेपेटाइटिस से कौन सा अंग सबसे ज्यादा प्रभावित होता है?
हेपेटाइटिस के कारण सबसे ज्यादा हमारा लिवर प्रभावित होता है, क्योंकि इस बीमारी में लिवर में सूजन की समस्या बढ़ जाती है।हेपेटाइटिस बी कैसे खत्म होता है?
हेपेटाइटिस बी का कोई इलाज नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को कंट्रोल करने और लिवर को ज्यादा नुकसान होने से बचाने केल लिए कई तरह की दवाएं मौजूद है। साथ ही, हेल्दी लाइफस्टाइल और डाइट फॉलो करना जरूरी है।