शरीर के अन्य अंगों की तरह लिवर का स्वस्थ होना बेहद आवश्यक है। लिवर शरीर के रक्त को साफ करने, बॉडी के टॉक्सिन्स को बाहर करने, पाचन के लिए आवश्यक पित्त (Bile) बनाने, ब्लड की मात्रा को नियंत्रत करने और ग्लाइकोजन बनाने का कार्य करता है। लेकिन, ऑटोइम्यून हैपेटाइटिस (Autoimmune Hepatitis) एक गंभीर स्थिति है। इसमें व्यक्ति का रोग प्रतिरोधक तंत्र लिवर की कोशिकाओं को बाहरी और हानिकारक मानकर नुकसान पहुंचाने लगता है। इस एक क्रोनिक स्थिति है जो समय के साथ लिवर में सूजन और डैमेज पहुंचाने का कारण बन सकता है। डॉक्टर्स की मानें तो यदि सही समय पर इस बीमारी का पता नहीं लगाया जाए तो लिवर से जुड़ी अन्य बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है। इस दौरान व्यक्ति को पेट में दर्द, थकान और जोड़ों में दर्द महसूस हो सकता है। इसे लेख में यशोदा अस्पताल के इंटरनल मेडिसिन सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर एपी सिंह से जानते हैं कि क्या ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस लिवर सिरोसिस (Liver Cirrhosis) का कारण बन सकता है और इस समस्या का बचाव कैसे किया जा सकता है?
क्या ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस लिवर सिरोसिस का कारण बन सकता है? - Can Autoimmune Hepatitis Cause Of Liver Cirrhosis In Hindi
ऑटोइम्यून रोग में व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक तंत्र शरीर के अंग की स्वस्थ कोशिकाओं को गलती से नुकसान पहुंचाने लगता है। इस तरह ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस के दौरान इम्यून सिस्टम लिवर के हेल्दी सेल्स को डैमेज करने लगता है। इसकी वजह से लिवर में सूजन हो जाती है। वहीं लिवर सिरोसिस में लिवर की कोशिकाएं डेड हो जाती हैं। इन कोशिकाओं के स्थान पर फाइब्रोसिस टिश्यू बन जाते हैं। यह लिवर के कार्य को बाधित करती है। लिवर से जुड़ी किसी तरह की समस्या या अत्यधिक शराब पीना, आदि इसका कारण बन सकते हैं। ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस भी उन कारणों में से एक है जो सिरोसिस का कारण बन सकता है।
ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस से लिवर सिरोसिस के बीच क्या संबंध हो सकता है? - Connection Between Autoimmune Hepatitis And Liver Cirrhosis In Hindi
ऑटोइम्यून रोग एक गंभीर रोग होता है। यदि, समय पर ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस का इलाज नहीं किया जाए तो यह अनियंत्रित हो सकता है। इसके कारण लिवर की कोशिकाएं तेजी से डैमेज हो सकते हैं। जब लिवर की कोशिकाएं नष्ट (Cells Damage) होती है तो टिश्यू में निशान ब सकते हैं। यह स्थिति लिवर के रोजाना के कार्य को बाधित करने में सहायक होते हैं। इसकी वजह से सिरोसिस की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। सिरोसिस (Liver Cirrhosis) में लिवर के कार्य की क्षमता कम होती है, जो पाचन, डिटॉक्सिफिकेशन और पोषक तत्वों के स्टोर होने में समस्या का कारण बन सकता है।
ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस में लिवर सिरोसिस से बचाव के लिए क्या करें? Prevention Tips Of Liver Cirrhosis during Autoimmune Hepatitis In Hindi
- शराब से पूरी तरह से परहेज करें।
- संतुलित आहार लें, जिसमें ताजे फल, सब्जियां, और पर्याप्त प्रोटीन शामिल हो।
- नियमित रूप से डॉक्टर से परामर्श लें और अपनी दवाओं का सही तरीके से सेवन करें।
- संक्रमण से बचने के लिए स्वच्छता का ध्यान रखें।
इसे भी पढ़ें : क्या ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस फैटी लिवर का कारण बन सकता है? डॉक्टर से जानें
ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस एक गंभीर लिवर रोग है, जो समय पर इलाज न होने पर लिवर सिरोसिस का कारण बन सकता है। यह अत्यधिक महत्वपूर्ण है कि इसके लक्षणों को नजरअंदाज न करें और समय पर इलाज शुरु करें। यदि आपको पाचन संबंधी समस्या रहती हो तो ऐसे में आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।