Types of Autoimmune Liver Diseases in Hindi: लिवर हमारे शरीर का एक अहम अंग है। इसलिए स्वस्थ शरीर के लिए, लिवर का हेल्दी रहना बहुत जरूरी होता है। हालांकि, आजकल लोगों को लिवर से जुड़े कई रोगों का सामना करना पड़ रहा है। इसमें ऑटोइम्यून लिवर डिजीज भी शामिल हैं। आपको बता दें कि ऑटोइम्यून लिवर रोग तब होते हैं, जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली लिवर पर हमला करती है। इससे लिवर में सूजन और घाव हो जाता है। आपको बता दें कि ऑटोइम्यून लिवर रोग, लिवर में सूजन का कारण भी बन सकते हैं। यह लिवर सिरोसिस या लिवर कैंसर के जोखिम को भी बढ़ सकते हैं। आइए, इस लेख में नारायण हेल्थ एसआरसीसी चिल्ड्रन हॉस्पिटल, मुंबई के पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट डॉ. आदित्य कुलकर्णी से जानते हैं ऑटोइम्यून लिवर रोग के प्रकार के बारे में-
ऑटोइम्यून लिवर डिजीज के प्रकार- Types of Autoimmune Liver Diseases in Hindi
1. ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस (AIH)
ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस, ऑटोइम्यून लिवर डिजीज का एक प्रकार है। आपको बता दें कि ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस एक पुरानी स्थिति है, जिसमें प्रतिरक्षा प्रणाली लिवर की कोशिकाओं पर हमला करती है। इस स्थिति में लिवर में सूजन और घाव हो जाता है। ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस, पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अधिक देखने को मिलता है। यह रोग 20 से 40 वर्ष की आयु वर्ग की महिलाओं को ज्यादा प्रभावित करता है। थकान, त्वचा का रंग पीला, आंखों में पीलापन और पेट दर्द ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस के लक्षण हो सकते हैं।
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2. प्राथमिक पित्त संबंधी पित्तवाहिनीशोथ (Primary Biliary Cholangitis)
Primary Biliary Cholangitis भी, एक प्रकार का ऑटोइम्यून लिवर रोग है। यह एक क्रोनिक स्थिति है, जिसमें धीरे-धीरे लिवर के भीतर की पित्त नलिकाएं नष्ट हो जाती हैं। इस स्थिति में लिवर में घाव हो जाते हैं। इतना ही नहीं, यह सिरोसिस का कारण बन सकता है। यह रोग 40 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को ज्यादा प्रभावित करता है। थकान, त्वचा पर खुजली, पीलिया इसके आम लक्षण हो सकते हैं।
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3. प्राथमिक स्क्लेरोजिंग चोलैंगाइटिस (Primary Sclerosing Cholangitis)
Primary Sclerosing Cholangitis, एक प्रकार का ऑटोइम्यून लिवर रोग है। यह एक दुर्लभ और क्रोनिक स्थिति है। इस स्थिति में पित्त नलिकाओं में सूजन हो जाती है। यह लिवर में घाव का कारण भी बन सकता है। यह लिवर को बुरी तरह से खराब कर सकता है। आपको बता दें कि यह 30 से 60 वर्ष की आयु के लोगों को प्रभावित करता है। त्वचा पर पीले रंग, आंखों में पीलापन, थकान और पेट में दर्द इसके लक्षण होते हैं।
ऑटोइम्यून लिवर डिजीज कई कारणों से हो सकते हैं। अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण नजर आए, तो बिलकुल भी नजरअंदाज न करें। इस स्थिति में आपको तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए।