सर्दी-खांसी को अक्सर केवल ठंड के मौसम की समस्या माना जाता है, लेकिन सच यह है कि गर्मी के मौसम में भी कई लोग सर्दी-खांसी से परेशान रहते हैं। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण होता है तापमान में अचानक बदलाव। जब कोई व्यक्ति तेज धूप से पसीने से लथपथ होकर आता है और तुरंत फ्रिज का ठंडा पानी पी लेता है या सीधे एसी के सामने बैठ जाता है, तो शरीर को झटका लगता है। इसका सीधा असर रेस्पिरेटरी सिस्टम पर पड़ता है, जिससे गले में खराश, नाक बंद होना, छींकें आना और खांसी जैसी समस्याएं शुरू हो जाती हैं। आयुर्वेद में ऐसे मौसमी इंफेक्शन और श्वसन से जुड़ी समस्याओं के लिए कई प्राकृतिक और प्रभावी उपचार बताए गए हैं। इन्हीं में से एक है घनेरी का काढ़ा। इस लेख में मेवाड़ विश्वविद्यालय में प्रोफेसर एवं प्राकृतिक चिकित्सालय बापू नगर, जयपुर की वरिष्ठ चिकित्सक योग, प्राकृतिक चिकित्सा पोषण और आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. किरण गुप्ता (Dr. Kiran Gupta, Yoga, Naturopathy, Nutrition and Ayurveda Specialist, Professor at Mewar University and Senior Physician at Naturopathy Hospital, Bapunagar, Jaipur) से जानेंगे कि घनेरी का काढ़ा कैसे बनाया जाता है, इसके क्या फायदे हैं और इसका सही उपयोग कैसे करें।
सर्दी-खांसी के लिए घनेरी के काढ़े के फायदे - Benefits of Ghaneri Kadha for cold and cough
1. इम्यूनिटी बढ़ाना
घनेरी के सेवन से शरीर की इम्यूनिटी मजबूत होती है, जिससे मौसमी बुखार, सर्दी और खांसी जैसी समस्याओं से बचाव हो सकता है।
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2. श्वसन तंत्र को मजबूत करे
यह श्वसन तंत्र को साफ करता है और बलगम को बाहर निकालने में मदद कर सकता है, जिससे खांसी में राहत मिलती है।
3. वायरल बुखार में सहायक
घनेरी का काढ़ा वायरल बुखार के लक्षणों को कम करने में मदद करता है और शरीर को जल्दी ठीक होने में सहायक होता है।
4. एंटीऑक्सीडेंट गुण
इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं, जिससे शरीर स्वस्थ रहता है।
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5. पाचन में सुधार
यह पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है और अपच जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है।
घनेरी का काढ़ा बनाने का तरीका
- घनेरी के ताजे तने या पत्तियां -10-15 ग्राम
- पानी - 1 गिलास
- अदरक - 1 इंच का टुकड़ा
1. घनेरी के ताजे तने या पत्तियों को अच्छे से धोकर काट लें।
2. एक बर्तन में 1 गिलास पानी में घनेरी के टुकड़े और अदरक डालें।
3. इसे मध्यम आंच पर उबालें जब तक पानी आधा न रह जाए।
4. उबालने के बाद इसे छानकर गुनगुना होने पर पिएं।
इस काढ़े का सेवन दिन में 1-2 बार करें। यदि स्वाद में सुधार चाहिए तो इसमें थोड़ा सा शहद मिला सकते हैं, शहद को अधिक गर्म न करें, क्योंकि इससे उसके गुण नष्ट हो सकते हैं। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह के बाद ही घनेरी के काढ़ा को पिएं। ऐसा इसलिए, क्योंकि कुछ घनेरी की प्रजातियों में विषैले तत्व भी होते हैं।
सावधानियां
- गर्भवती महिलाओं को घनेरी का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
- यदि किसी को घनेरी से एलर्जी है तो इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
- बच्चों को 5 वर्ष से कम आयु में इसका सेवन नहीं कराना चाहिए।
निष्कर्ष
आयुर्वेद में घनेरी का काढ़ा सर्दी-खांसी, बुखार और अन्य मौसमी बीमारियों से राहत पाने के लिए एक प्रभावी उपाय है। इसके सेवन से शरीर की इम्यूनिटी बढ़ती है और श्वसन तंत्र मजबूत होता है। हालांकि, किसी भी औषधीय पदार्थ का सेवन करने से पहले एक योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लेना जरूरी है, ताकि किसी भी प्रकार की एलर्जी या नुकसान से बचा जा सके।
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FAQ
खांसी बंद नहीं हो रही है तो क्या करें?
अगर खांसी लंबे समय से बंद नहीं हो रही है, तो सबसे पहले डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है। घरेलू उपायों में तुलसी की चाय, शहद और अदरक का सेवन, भाप लेना और गुनगुना पानी पीना फायदेमंद हो सकता है। धूल, धुएं और ठंडी चीजों से बचें। अगर खांसी के साथ बलगम, बुखार या सांस लेने में दिक्कत हो रही हो, तो इसे नजरअंदाज न करें।खांसी आने का मुख्य कारण क्या है?
खांसी आने के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन इसका मुख्य कारण श्वसन तंत्र में किसी तरह का इंफेक्शन होता है। सर्दी-जुकाम, वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन, एलर्जी, धूल या धुएं का संपर्क, अस्थमा, साइनस की समस्या और धूम्रपान खांसी के सामान्य कारण हैं। गले में खराश, बलगम का जमाव या गले में जलन भी खांसी को उत्पन्न कर सकते हैं। अगर खांसी तीन सप्ताह से अधिक समय तक बनी रहे, तो यह टीबी या अन्य गंभीर रोग का संकेत हो सकता है, इसलिए जांच जरूरी है।ज्यादा खांसी आने पर क्या पीना चाहिए?
ज्यादा खांसी आने पर गुनगुना पानी पीना सबसे फायदेमंद होता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि यह गले को शांत करता है और बलगम को ढीला करने में मदद करता है। इसके अलावा शहद और अदरक मिलाकर गर्म पानी में पीने से राहत मिलती है। तुलसी, मुलेठी और काली मिर्च से बनी हर्बल चाय भी खांसी में आराम देती है। हल्दी वाला दूध रात को पीने से सूखी खांसी में लाभ हो सकता है। भाप लेना और नमक वाले गुनगुने पानी से गरारे करना भी उपयोगी है।