Medically Reviewed by Dr KS Somasekhar Rao

पेट में बार-बार गैस बनना ल‍िवर की गड़बड़ी तो नहीं? डॉक्‍टर से जानें कारण

पेट में बार-बार गैस, ब्लोटिंग या थोड़ा खाने पर भारीपन होता है? इसे सिर्फ पाचन की समस्या न समझें। एक्सपर्ट बता रहे हैं कि लगातार गैस लिवर की गड़बड़ी का संकेत हो सकती है। जानें कारण, लक्षण और समय पर जांच क्यों जरूरी है?
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पेट में बार-बार गैस बनना ल‍िवर की गड़बड़ी तो नहीं? डॉक्‍टर से जानें कारण

पेट में लगातार गैस, जैसे पेट फूलना, बार-बार गैस निकलना या थोड़ा सा खाने के बाद ही भारीपन की शिकायतें आम होती जा रही हैं। ज्‍यादातर लोग इसे सामान्य पाचन समस्या मान लेते हैं जैसे ज्‍यादा खाना, अपच या किसी खाने से न पचना। हालांकि ये कारण हो सकते हैं, लेकिन लगातार गैस होना हमेशा सिर्फ पेट की बीमारी नहीं होता। कई मामलों में यह लिवर की अंदरूनी बीमारी का संकेत भी हो सकता है, जिसे नजरअंदाज करने से इलाज में देर हो सकती है। इस लेख में जानेंगे पेट में गैस बनने जैसे लक्षण और ल‍िवर की बीमारी के बीच का संबंध और डॉक्‍टर से जानेंगे सही इलाज। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने Dr. K. S. Somasekhar Rao, Senior Consultant Gastroenterologist, Hepatologist, Clinical Director, Yashoda Hospitals, Hyderabad से बात की।


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पेट की गैस ल‍िवर की बीमारी का संकेत है: Dr. K. S. Somasekhar Rao

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लिवर हमारे शरीर का अहम अंग है, जो पित्त (Bile) बनाता है। पित्त फैट को पचाने में मदद करता है। Dr. K. S. Somasekhar Rao ने बताया क‍ि जब लिवर ठीक से काम नहीं करता जैसे फैटी लिवर, हेपेटाइटिस, सिरोसिस या शुरुआती लिवर फाइब्रोसिस में, तो पित्त के बनने की प्रक्र‍िया प्रभावित हो जाती है। इससे फैट सही से नहीं पचता और आंतों में खाना सड़ने लगता है, जिससे ज्यादा गैस बनती है। इसके लक्षण पेट फूलना, डकार आना, पेट में असहजता और शौच की आदतों में बदलाव जैसे हो सकते हैं, जो आम पाचन समस्याओं जैसे लगते हैं।

लिवर से जुड़ी गैस अक्सर-

  • थकान
  • त्वचा या आंखों का पीला पड़ना
  • गहरे रंग का पेशाब
  • बिना वजह वजन कम होना जैसे लक्षणों के साथ भी दिखाई देती है, जो सामान्य एसिडिटी या आईबीएस में नहीं होते।

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नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लिवर डिजीज हो सकती है कारण

आजकल नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) बहुत आम हो गई है, खासकर शहरी भारत में, जहां मोटापा, डायबिटीज और कम शारीरिक गतिविधि बढ़ रही है। कई बार यह बीमारी सिर्फ गैस के रूप में ही सामने आती है। इसके अलावा वायरल हेपेटाइटिस या अल्‍कोहल से हुआ नुकसान भी जोखिम बढ़ाता है।

गैस दो हफ्ते से ज्‍यादा बनी रहे तो जांच कराएं

Dr. K. S. Somasekhar Rao ने बताया क‍ि बार-बार एंटासिड लेने या खुद से अंदाजा लगाने के बजाय, अगर गैस दो हफ्ते से ज्यादा बनी रहे या ब्लड टेस्ट में लिवर एंजाइम बढ़ना, अल्ट्रासाउंड में फैट जमा होना या फाइब्रोस्कैन में लिवर की सख्ती जैसे लक्षण नजर आएं, तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें। साधारण जांच जैसे स्टूल टेस्ट, पेट का अल्ट्रासाउंड या लिवर फंक्शन टेस्ट से कारण पता चल सकता है।

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सही डाइट और एक्‍सरसाइज से फैटी ल‍िवर ठीक हो सकता है

अच्छी बात यह है कि समय पर पहचान होने पर इलाज बहुत असरदार होता है। सही डाइट, वजन कम करना और नियमित व्यायाम से 70 से 80% मामलों में फैटी लिवर (Fatty Liver) ठीक हो सकता है। ल‍िवर इंफेक्‍शन या सूजन होने पर दवाओं और आधुनिक इलाज से लाभ मिलता है।

न‍िष्‍कर्ष:

अपने लिवर का ध्यान रखें। अगर गैस लगातार बनी हुई है, तो यह लिवर की चेतावनी हो सकती है। बेहतर सेहत और मानसिक शांति के लिए जांच करवाने में देर न करें।

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  • Current Version

  • Dec 24, 2025 16:24 IST

    Published By : Yashaswi Mathur

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