Frequent Hunger in Children: अधिकतर माता-पिता डॉक्टर से शिकायत करते हैं कि उनका बच्चा खाना नहीं खाता है। लेकिन कुछ माता-पिता ऐसे भी है, जो बच्चे को बार-बार भूख (Frequent Hunger) लगने की वजह से परेशान रहते हैं। यानी उनका बच्चा हर समय कुछ न कुछ खाता रहता है, उसे हर आधे या एक घंटे में भूख लग जाती है। ऐसे में माता-पिता का सवाल रहता है कि क्या बच्चों को बार-बार भूख लगना सामान्य है? बच्चों को बार-बार भूख क्यों लगती है? इस बारे में विस्तार से जानने के लिए हमने मसीना हॉस्पिटल के सलाहकार बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अमीन काबा (Dr Amin Kaba, MD, Consultant Paediatrician, Masina Hospital, Mumbai) से बातचीत की-
बच्चों को बार-बार भूख लगने के कारण (Frequent Hunger in Children causes)
1. अधिक मीठा खाना (child eating too much sugar): डॉक्टर अमीन काबा बताते हैं कि ज्यादातर पेरेंट्स शिकायत करते हैं कि बच्चा खाता नहीं है। लेकिन अगर बच्चा बार-बार खाना मांग रहा है, तो इसकी मुख्य वजह है कि बच्चा सिर्फ शक्कर या मीठी चीजों का ही सेवन कर रहा है। इसकी वजह से बच्चे के शरीर में शुगर लेवल हाई हो जाता है और इंसुलिन बढ़ जाता है। इंसुलिन बढ़ने की वजह से शुगर फिर लो हो जाता है। शरीर में लो शुगर लेवल बार-बार भूख का कारण बनता है।
2. डायबिटीज (diabetes in children): टाइप टू डाइयबिटीज भी बच्चे को जल्दी-जल्दी भूख लगने का कारण हो सकता है। वैसे तो शरीर में लो ब्लड शुगर होने पर अधिक भूख लगती है, लेकिन जब हाई ब्लड शुगर (high blood sugar level) होता है तो भी बच्चा भूख का अहसास कर सकता है। इसलिए बच्चे की डाइट बैलेंस (balance diet for children) रखें। बार-बार भूख लगना छोटे बच्चों में डायबिटीज का लक्षण हो सकता है।
3. थायराइड की मात्रा अधिक होना (thyroid in children): थायराइड ग्रंथि थायराइड हार्मोन का उत्पादन करती है। यह ग्रंथि मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करता है। जब बच्चे के शरीर में थायराइड हार्मोन की मात्रा अधिक होती है, तो भी उसे बार-बार भूख का अहसास हो सकता है।
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4. पेट में कीड़े (worms in stomach symptoms): बच्चे को बार-बार भूख लगने का कारण पेट के कीड़े भी हो सकते हैं। जिन बच्चों के पेट में कीड़े होते हैं, उन्हें भूख अधिक लगती है। ये कीड़े बच्चों के शरीर से जरूरी पोषण ले लेते हैं, जिससे उन्हें अधिक भूख लगती है।
5. बच्चे का एक्टिव रहना (child being active): जो बच्चा एक्टिव रहता है, उसे दूसरे बच्चों की तुलना में अधिक भूख लग सकती है। क्योंकि वह खेल-कूद या स्पोर्ट्स की वजह से एक्टिव रहता है, उसकी कैलोरी बर्न होती है तो भूख लगना स्वाभाविक होता है।
डॉक्टर अमीन काबा कहते हैं कि अगर बच्चे को प्रोटीन, फैट और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा सही दिया जाए, तो बच्चा समय-समय पर ही खाएगा। इसलिए बच्चे को पौष्टिक भोजन दें और उसकी बैलेंस डाइट रखें।
बच्चों के लिए डाइट टिप्स (diet tips for children)
मणिपाल हॉस्पिटल, विजयवाड़ा के वरिष्ठ सलाहकार बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर पी.रवि कुमार (Dr.P.Ravi Kumar – Sr. Consultant Pediatrics, Manipal Hospitals, Vijayawada) बताते हैं कि बच्चों का विकास तेजी से होता है। 20 हफ्तों तक का भ्रूण सिर्फ 500 ग्राम का होता है। लेकिन उसके अगले 20 हफ्तों में बच्चा 2-3 किलोग्राम का हो जाता है। जन्म लेने के बाद हर महीने बच्चे का 1 किलो वजन बढ़ता है। इसके बाद उसका विकास धीमा हो जाता है, खाने में उसकी रुचि होने लगती है। डॉक्टर पी.रवि बताते हैं कि सही बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) बनाए रखने के लिए संतुलित आहार बहुत जरूरी है। प्रतिदिन 50% कार्बोहाइड्रेट, 20-25% वसा, 15-20% प्रोटीन, विटामिन और खनिज लेना एक बैलेंस डाइट (balance diet for children) होता है। भोजन के अनुसार ही बच्चे के बीएमआई (BMI) में उतार-चढ़ाव होता है। इसलिए माता-पिता को बच्चों की हेल्दी डाइट (diet tips for children) को लेकर कॉन्शियस होना चाहिए।
डॉक्टर पी.रवि बताते हैं कि जब बीएमआई कम या अधिक होता है, तो यह बच्चों में कई रोगों का कारण बनता है। इसलिए आपको उसकी डाइट का खास ध्यान रखना चाहिए। बच्चे को फलों, सब्जियों, दालों और अनाज का सेवन करवाएं। इससे बच्चा हमेशा स्वस्थ और बीमारियों से मुक्त रहेगा।
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डायबिटीज, थायराइड, पेट में कीड़े, लो शुगर लेवल की वजह से बच्चे को जल्दी-जल्दी भूख लग सकती है। अगर आपके बच्चे को भी बार-बार भूख लगती है, तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं।