छोटे बच्चों में ब्लड शुगर बढ़ने (डायबिटीज) के क्या लक्षण होते हैं? मां-बाप डायबिटीज से बच्चों को कैसे बचाएं?

बच्चों में टाइप 1 डायबिटीज के लक्षण जन्म के कुछ सप्ताह बाद दिखने लगते हैं, जबकि टाइप 2 डायबिटीज के लक्षण कई बार महीनों/सालों बाद दिखते हैं।
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छोटे बच्चों में ब्लड शुगर बढ़ने (डायबिटीज) के क्या लक्षण होते हैं? मां-बाप डायबिटीज से बच्चों को कैसे बचाएं?

क्या आपको भी लगता है कि ब्लड शुगर सिर्फ वयस्कों का बढ़ सकता है, बच्चों का नहीं? डायबिटीज को लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारी माना जाता है, इसलिए बहुत सारे लोगों को लगता है कि ये बच्चों को नहीं हो सकता है। मगर आपको बता दें कि डायबिटीज एक अनुवांशिक बीमारी है, यानी माता-पिता से ये बीमारी उनके बच्चे को मिल सकती है। आमतौर पर छोटे बच्चों में टाइप 1 डायबिटीज पाया जाता है। इसे जुवेनाइल डायबिटीज (juvenile diabetes) भी कहते हैं। टाइप 1 डायबिटीज में बच्चे का पैंक्रियाज इंसुलिन हार्मोन नहीं बना पाता है। बिना इंसुलिन के शुगर बच्चे के सेल्स तक पहुंचने के बजाय खून में घुलने लगता है, इसलिए ब्लड शुगर बढ़ जाता है।

बच्चों में टाइप 1 डायबिटीज के लक्षण

डायबिटीज.यूके के अनुसार बच्चों में डायबिटीज के लक्षणों को 4T से पहचाना जा सकता है।

  • टॉयलेट (Toilet)- आमतौर पर बढ़े हुए ब्लड शुगर के कारण बच्चे बहुत जल्दी-जल्दी डाइपर गीला करते हैं, थोड़ा बड़े बच्चे जल्दी-जल्दी पेशाब जाते हैं। कई बार ऐसे बच्चों में बिस्तर गीला करने के लक्षण भी देखे जाते हैं।
  • प्यास (Thirsty)- बच्चे को सामान्य से ज्यादा प्यास लगती है और पर्याप्त पानी पीने के बाद भी उसकी प्यास कम नहीं होती है।
  • थकान (Tired)- ऐसे बच्चों में थकान की समस्या बनी रहती है, यानी बिना मेहनत किए हुए भी ये हर समय थके-बुझे रहते हैं।
  • पतलापन (Thinner)- बच्चों का वजन घटने लगता है।

इसके अलावा छोटे बच्चों में आंखों से धुंधला दिखाई देना, सांसों से फलों के जूस जैसी बदबू आना आदि भी इसके लक्षण हो सकते हैं।

बच्चों में टाइप 2 डायबिटीज के लक्षण

छोटे बच्चों में टाइप 2 डायबिटीज के निम्न लक्षण दिख सकते हैं-

  • धुंधला दिखाई देना
  • ज्यादा प्यास लगना
  • जननांग के आसपास खुजली होना
  • बार-बार पेशाब लगना, खासकर रात के समय
  • बिना कारण वजन घटने लगना
  • चोट लगने या कटने पर घाव का बहुत धीरे भरना
  • थकान और आलस
  • लड़कियों में पीसीओएस होना
  • त्वचा पर गहरे काले और मुलायम उभार आना।

कब दिखते हैं बच्चों में डायबिटीज के लक्षण?

आमतौर पर जो बच्चे टाइप 1 डायबिटीज का शिकार होते हैं, उनमें जन्म के कुछ सप्ताह बाद ही ऊपर बताए गए लक्षण दिखने लगते हैं। वहीं, टाइप-2 डायबिटीज के लक्षण धीरे-धीरे दिखते हैं और कई बार कुछ महीनों या सालों की उम्र के बाद दिखते हैं।

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मां-बाप बच्चों को डायबिटीज से बचाने के लिए क्या कर सकते हैं?

आपको जानकर निराशा होगी कि फिलहाल बच्चों को टाइप 1 डायबिटीज से बचाने का कोई तरीका नहीं खोजा जा सका है। मगर हां, अगर मां-बाप कुछ बातों का ध्यान दें तो टाइप 2 डायबिटीज से बच्चों को बचा सकते हैं।

मीठे पर कंट्रोल करें

बच्चों के मीठी चीजें, खासकर सफेद चीनी वाली चीजों खाने पर कंट्रोल करें। बाजार में मिलने वाले फ्रूट जूस, कोल्ड ड्रिंक, टॉफी, कैंडीज, टोमैटो सॉस और बेकरी फूड्स में काफी मात्रा में शुगर होता है। इसलिए इनके सेवन पर शुरू से ही रोकथाम लगाएं।

वजन न बढ़ने दें

आजकल बचपन में ही बहुत सारे बच्चे मोटापे का शिकार हो जाते हैं। मोटापे के कारण शरीर इंसुलिन का ठीक से इस्तेमाल नहीं कर पाता है। यही कारण है कि मोटापा टाइप 2 डायबिटीज का सबसे आम कारण है। इसलिए बच्चे का वजन न बढ़ने दें।

एक्टिव रखें

बच्चों को खेलने-कूदने की आजादी दें। अगर बच्चे एक ही जगह बैठे रहेंगे और शारीरिक मेहनत नहीं करेंगे, तो उन्हें कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। बच्चे अगर टीवी देखें, गेम खेलें या दिनभर घर में बैठे-लेटे रहें, तो उन्हें समझाएं। उन्हें बाहर जाकर आउटडोर गेम्स खेलने के लिए प्रेरित करें।

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