
हम में से बहुत से लोगों की सुबह बिना कैटेचिन के होती ही नहीं है। कैटेचिन यानी हमारी सुबह की चाय और कॉफी। दरअसल, चाय और कॉफी, आदत में आ जाने की वजह से कैटेचिन की मात्रा शरीर में हर दिन बढ़ती जाती है। इसका असर आपके नर्व्स और शरीर के तमाम अंगों के काम काज पर देखा जा सकता है। कैटेचिन की वजह से शरीर ऑक्सीडेटिव तनाव से लड़ पाता है और फ्री रैडिकल्स का असर कम होता है लेकिन आमतौर पर लोगों को इसके नुकसानों के बारे में ही पता होता और जबकि सेहत के लिए ये कई प्रकार से फायदेमंद भी है। कैसे? आइए जानते हैं इस बारे में डॉ. विक्रम सिंह, डायरेक्टर एंड कंसल्टेंट, विक्रम क्लिनिक एंड डे केयर सेंटर, जयपुर से।
कैटेचिन के फायदे और नुकसान-Catechin benefits side effects in hindi
डॉ. विक्रम सिंह बताते हैं कि कैटेचिन एक प्रकार का एंटीऑक्सिडेंट है जो मुख्य रूप से चाय में पाया जाता है, लेकिन ये कुछ अन्य खाद्य पदार्थों में भी होते हैं, जैसे हरी चाय, काली चाय, कॉको, अंगूर, लाल वाइन, और कुछ फलों और सब्जियों में। कैटेचिन शरीर में हानिकारक फ्री रेडिकल्स को कम करता है, जिससे संक्रमण और सूजन में कमी आती है। यह हृदय स्वास्थ्य बढ़ाने, वजन घटाने, और ब्लड शुगर नियंत्रण में भी मदद करता है। इसके अलावा भी सेहत के लिए कैटेचिन के कई अन्य फायदे (catechin benefits ) भी हैं जैसे कि
- -कैटेचिन एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर है। ये कैटेचिन ऑक्सीडेटिव तनाव से लड़ने में मदद करते हैं जो कि कई बार शरीर में बेकार की सूजन का कारण बनता है।
- -इतना ही नहीं कैटेचिन हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। ये संवहनी कार्य और लिपिड प्रोफाइल में सुधार करके हृदय स्वास्थ्य का समर्थन कर सकते हैं।
- -कैटेचिन सूजन-रोधी गुणों के लिए भी जाना जाता है जो कि उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो कि अचानक शरीर में यूंही होने वाली सूजन से परेशान रहते हैं।
- -इतना ही नहीं ग्रीन टी में मिलने वाला कैटेचिन चयापचय और वजन प्रबंधन में मददगार है। इससे वेट लॉस में तेजी से मदद मिसती है।
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कैटेचिन के नुकसान-Catechin side effects
डॉ. विक्रम सिंह बताते हैं कि कैटेचिन भले ही कुछ कारणों से फायदेमंद है लेकिन कई बार इससे आपको नुकसान भी हो सकता है। अत्यधिक कैटेचिन का सेवन कुछ लोगों में मतली, सिरदर्द या पाचन समस्या पैदा कर सकता है। ऐसे में संतुलित मात्रा में कैटेचिन लेना ही बेहतर होता है। दरअसल, कैटेचिन की उच्च खुराक कुछ व्यक्तियों में पाचन संबंधी परेशानी पैदा कर सकती है। कैटेचिन युक्त चाय में कैफीन भी होता है, जो संवेदनशील व्यक्तियों में अनिद्रा या घबराहट जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है। जब आप ज्यादा मात्रा में इसका सेवन करते हैं तो आपको एंग्जायटी हो सकती है। इतना ही नहीं कैटेचिन खून पतला करने वाली दवाओं जैसी कुछ दवाओं के साथ परस्पर क्रिया कर सकते हैं। कुछ मामलों में ज्यादा कैटेचिन लेना लिवर की समस्याओं से जुड़ी पाई गई है।
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हालांकि बहुत कम ही लोगों को कैटेचिन युक्त खाद्य पदार्थों से एलर्जी हो सकती है लेकिन चाय और डार्क चॉकलेट जैसे कैटेचिन युक्त खाद्य पदार्थों का संयमित सेवन एक स्वस्थ आहार का हिस्सा हो सकता है। बस ज्यादा मात्रा में इसके सेवन से बचें क्योंकि ये हमेशा नुकसान की वजह बन सकती है।
FAQ
कैटेचिन का सबसे अच्छा स्रोत क्या है?
NIH के अनुसार कैटेचिन का सबसे अच्छा स्रोत ग्रीन टी है। इसके अलावा कैटेचिन प्राकृतिक रूप से काली चाय, कॉफी, बेरीज, अंगूर और वाइन में भी पाए जाते हैं जिससे आपकी सेहत को नुकसान हो सकता है।ग्रीन टी कब पीना चाहिए?
ग्रीन टी कभी भी खाली पेट नहीं पीनी चाहिए। आप इसे सुबह हल्के नाश्ते के बाद या दोपहर के भोजन के 1-2 घंटे बाद पी सकते हैं लेकिन ध्यान रखें कि रात में इसे सोने से 2 घंटे पहले जरूर पी लें ताकि इससे आपकी सेहत को नुकसान न हो।चाय कब नहीं पीनी चाहिए?
चाय आपको खाली पेट पीने से बचना चाहिए। इसके अलावा भोजन के ठीक बाद या पहले भी चाय पीने से बचना चाहिए क्योंकि खाली पेट इसे पीने से एसिडिटी हो सकती है और अल्सर और कोर्टिसोल का लेवल बढ़ सकता है। इसलिए अगर आपको चाय पसंद भी है तो दिन में 2 बार और कम मात्रा में ही पिएं।
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Oct 17, 2025 19:01 IST
Published By : Pallavi Kumari