बुजुर्ग लोगों में कई कारणों से गिरने की समस्या होती है। बुजुर्ग मरीजों में गिरने की वजह सिर्फ ऑस्टियोपोरोसिस ही नहीं होता बल्कि न्यूरोमस्कुलर कार्डिनेशन (neuromuscular coordination) का कमजोर होना भी है। इसमें बढती उम्र और कमजोरी के कारण मांसपेशियों की क्षमता कम हो जाती है। दूसरा ऐसे मरीजों में गिरने का एक कारण पॉश्चुरल हाइपोटेंशन (postural hypotension) भी होता है। पॉश्चुरल हाइपोटेंशन में बुजुर्ग जैसी खड़े होते हैं उनका सर्कुलेटरी सिस्टम कमजोर होता है वो ब्लड को पैरों से हार्ट की तरफ पंप नहीं कर पाता। जिसकी वजह से कुछ सैकेंड के लिए ब्रेन में खून की कमी हो जाती है। जिस वजह से मरीज को चक्कर आते हैं और गिर जाता है। जब पेशेंट गिर जाता है तब इन्हें ट्रिवियल फॉल कहा जाता है।
ट्रिवियल फॉल में हड्डी चटक जाती हैं, यह ओस्टियोपोरोसिस की वजह से होता है। ओस्टियोपोरोसिस में भी हड्डियां कमजोर हो जाती हैं, इस वजह से भी गिरने की समस्या बढ़ जाती है। ओस्टियोपोरोसिस में हड्डियां खोखली हो जाती हैं। ऐसे मरीज अगर किसी भी वजह से गिरते हैं तो हड्डियां टूटने की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है। धर्मशिला अस्पताल में हड्डी विभाग में वरिष्ठ डॉक्टर मोनू सिंह ने ऐसे मरीजों को गिरने से बचाने के लिए कई टिप्स दिए हैं।
किन लोगों में हड्डियां ज्यादा कमजोर होने का खतरा?
- वे लोग जिनकी उम्र ज्यादा है।
- वे लोग जो हाई डोज स्टेरॉयड ले रहे हैं।
- लंबे समय से जिनको डायबिटिज है।
- हाइपोथायराइडिज्म (जिनका लंबे समय से थायरॉयड गड़बड़ चल रहा है, वे लोग भी ओस्टियोपोरोसिस के शिकार होते हैं।)
(ऊपर बताए गए मरीजों में देखा जाता है कि इन लोगों में हल्की चोट से भी इनकी हड्डियां टूट सकती हैं।)
ऐसे पेशेंट्स में किन जगहों के फ्रेक्चर ज्यादा होते हैं?
डॉ. मोनू सिंह ने बताया कि ऐेस पेशेंट्स में रीढ़ी की हड्डी का, कूल्हे का और डिस्टल रेडियस (distal radius) का कॉमन होता है। इसके अलावा पसलियों का फ्रेक्चर कॉमन है।
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बुजुर्गों को गिरने से बचाने के लिए टिप्स (Fall prevention tips for elderly)
हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. मोनू सिंह का कहना है कि जो नॉर्मल लोग हैं जिनकी हड्डियां ठीक हैं, अगर वे हल्के तरीके से भी किसी भी वजह से गिरते हैं तो उनकी हड्डियां टूटती नहीं हैं, लेकिन जो बुजुर्ग मरीज हैं, उनकी हड्डियां टूट जाती हैं। जिनकी हड्डियां कमजोर हैं उनमें हल्की चोट से भी हड्डियां टूट जाती हैं। इसलिए ऐसे लोग कम गिरें उसके लिए हमें घर में निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए।
घर को सुरक्षित बनाएं
डॉक्टर मोनू का कहना है कि जिन मरीजों की हड्डियां किसी भी वजह से कमजोर हो गई हैं, और उन्हें हल्की चोट लगने से भी हड्डियां टूटने का खतरा है तो ऐसे मरीजों के लिए घर में हाई रिस्क एरिया जैसे बाथरूम आदि के फ्लोर चिकने न हों। ऐसे मरीजों के लिए स्पेशल टाइल आती हैं, जो थोड़ी खुरदरी होती हैं। जिस पर फिसलने की संभावना कम होती है।
घर की सीढ़ियों पर मरीज के सपोर्ट के लिए रेलिंग होनी चाहिए। तो वहीं, बाथरूम भी ऐसा होना चाहिए जिसमें मरीज के लिए सपोर्ट सिस्टम हो। इससे गिरने का गिरने का डर कम रहता है।
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छड़ी का प्रयोग
ऐसे पेशेंट्स को हमेशा एक छड़ी का प्रयोग करना चाहिए। जब भी चलते हैं तब उन्हें छड़ी का प्रयोग करना चाहिए। जिससे उन्हें चलते समय सपोर्ट मिल सके।
शारीरिक सहायता दें
ऐसे मरीज जो बुजुर्ग हैं उन्हें उनका सामान आप पहुंचाएं। उनकी जरूरत की चीजों को उन तक पहुंचाकर आप फिजिकल एसिस्टेंस दें सकते हैं।
एक्सरसाइज
बुजुर्गों को थोड़ा एक्सरसाइज कराना चाहिए ताकि हड्डियों में थोड़ी जान आए। वे योग भी कर सकते हैं। रोजाना वॉक कर सकते हैं।मांसपेशियों के लिए हल्की एक्सरसाइज कर सकते हैं।
कमजोर हड्डियों के कारण बुजुर्गों में गिरने की समस्या बढ़ जाती है। ऐसे मरीज को अगर हल्की भी चोट लगती है तो हड्डी टूट जाती है, इसलिए इन मरीजों को बचाने के लिए घर पर ऊपर बताई गई टिप्स का प्रयोग किया जा सकता है।
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