ओस्टियोमलेसिया (Osteomalacia) यानि हड्डी का नरम होना। अगर हड्डी मुलायम होगी तो उसमें जल्दी फ्रैक्चर या क्रेक आ सकता है। ओस्टियोमलेसिया का मुख्य लक्षण भी यही है। इस समस्या के होने पर फ्रैक्चर बार-बार आने लगता है। यह समस्या विटामिन डी की कमी के कारण होती है। अगर किसी बच्चे को या व्यस्कों को यह समस्या हो जाती है तो भविष्य में उनकी हड्डी मुड़ने लगती है, जिसके कारण चलने में भी दिक्कत हो सकती है। आज का हमारा ये लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि ओस्टियोमलेसिया के क्या कारण (causes of osteomalacia) हैं। साथ ही इसके लक्षण और इलाज (soft bones treatment) के बारे में भी जानेंगे। पढ़ते हैं आगे...
ओस्टियोमलेसिया के कारण (causes of osteomalacia)
1 - विटामिन डी की कमी के कारण ओस्टियोमलेसिया रोग पनपने लगता है।
2 - जब व्यक्ति पोषक तत्वों से भरपूर आहार नहीं ले पाता या अपने आहार में खनिज पर्याप्त मात्रा से नहीं जोड़ पाता तब भी समस्या पैदा हो जाती है।
3 - जब कोई व्यक्ति celiac disease का शिकार हो जाते हैं तो डॉक्टर उसे ग्लूटेन युक्त खाद पदार्थों का सेवन करने की सलाह देते हैं, जिनकी वजह से कभी-कभी इम्यून सिस्टम आंतों को क्षति पहुंचाना शुरू कर देता है और यही कारण होता है कि शरीर में पोषक तत्व अवशोषित नहीं हो पाते, जिसके कारण शरीर में कैल्शियम के साथ विटामिन डी की कमी हो जाती है।
4 - विटामिन डी के लिए गुर्दे और लीवर भी बेहद जरूरी होते हैं। ऐसे में यदि कोई व्यक्ति किडनी की समस्या का शिकार हो जाता है तो विटामिन डी सही से सक्रिय नहीं हो पाता और यह रोग हो जाता है।
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ओस्टियोमलेसिया के लक्षण (symptoms of osteomalacia)
अगर इसकी मुख्य लक्षण की बात की जाए तो हड्डियों के हल्के से मोड़ने पर अगर फ्रैक्चर हो जाए तो यह इसका मुख्य कारण होता है। वहीं मांसपेशियों में दर्द भी इसी के लक्षण हैं। जानते हैं इसके अन्य लक्षणों के बारे में-
1 - चलने में परेशानी होना।
2 - चाल में बदलाव आना
3 - कूल्हे की हड्डी में दर्द होना
4 - शरीर के निचले हिस्सों में दर्द रहना
5 - कमर के निचले हिस्से में दर्द होना
6 - मांसपेशियों में दर्द
7 - हड्डियों के जोड़ में दर्द
अगर बच्चे को ओस्टियोमलेसिया की कमी हुई या कैल्शियम का स्तर कम है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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इस समस्या की जांच करने के लिए सबसे पहले डॉक्टर मौखिक तौर पर व्यक्ति से पूछताछ करते हैं उसके बाद विटामिन डी की जांच के लिए ब्लड टेस्ट, हड्डियों की संरचना के लिए एक्स-रे और कैल्शियम की जांच के लिए बोन मिनिरल डेंसिटी स्कैन करवाने की सलाह देते हैं। जब स्थिति गंभीर हो जाती है तो डॉक्टर बोन बायोप्सी की भी सलाह देते हैं।
ओस्टियोमलेसिया का इलाज (treatment of osteomalacia)
1 - इस समस्या से बचने के लिए विटामिन डी जरूरी है। ऐसे में धूप की मदद से विटामिन डी को अपने शरीर में बनने दें। साथ ही विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए डॉक्टर की सलाह पर सप्लीमेंट्स ले सकते हैं। इसके अलावा कैल्शियम की कमी को पूरा करना भी आपकी जिम्मेदारी है ऐसे में कैल्शियम युक्त आहार का सेवन करें। साथ ही कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए डॉक्टर की सलाह पर सप्लीमेंट्स लें।
नोट - ऊपर बताए गए बिंदुओं से पता चलता है कि ओस्टियोमलेसिया रोग काफी गंभीर रोग है, जिसके कारण हड्डियों को क्षति पहुंचती है। ऐसे में ऊपर बताए गए लक्षणों को महसूस करने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। साथ ही अपने आहार में विटामिन डी और कैल्शियम को जरूर जोड़ें।
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