जोड़ों में होने वाले दर्द को ज्यादातर लोग गठिया की बीमारी समझ लेते हैं। लेकिन जरूरी नहीं कि जोड़ों में होने वाला दर्द गठिया ही हो। आर्थ्राल्जिया के कारण भी लोगों को जोड़ों में दर्द हो सकता है। आर्थ्राल्जिया और गठिया दोनों अलग-अलग बीमारी है। गठिया की परेशानी होने पर जोड़ों में दर्द के साथ-साथ जोड़ों में सूजन की परेशानी होने लगती है। दोनों ही बीमारियों में फर्क करना मुश्किल हो जाता है। आइए विस्तार से जानते आर्थ्राल्जिया के लक्षण, कारण और गठिया से कैसे है अलग?
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
नोएडा स्थिति सुमित्रा अस्पताल के फिजीशियन अंकित गुप्ता बताते हैं कि आर्थ्राल्जिया, गठिया से अलग है। गठिया लंबे समय तक होने वाली बीमारी है। वहीं, आर्थ्राल्जिया में आपको कुछ ही दिनों तक जोड़ों में दर्द होता है। खेलने के दौरान चोट लगने से भी कुछ लोगों को आर्थ्राल्जिया की परेशानी हो सकती है।
आर्थ्राल्जिया के लक्षण
- जोड़ों में अकड़न महसूस होना।
- जोड़ों के आसपास स्किन का लाल होना।
- चलने में परेशानी
- उठने-बैठने में तकलीफ होना।
- जोड़ों के आसपास सूजन की परेशानी होना।
- आर्थ्राल्जिया में जोड़ों की परेशानी कम से कम 3 दिनों तक बनी रहती है।
- बुखार होना।
आर्थ्राल्जिया के ये लक्षण आपको कुछ दिनों तक दिख सकते हैं और अपने आप ठीक हो जाते हैं। लेकिन ये लक्षण आपको लंबे समय तक दिख रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि इससे आपकी स्थिति खराब हो सकती है। ये लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- जोड़ों के आकार में अंतर होना।
- जोड़ों में गंभरी चोट लगना
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आर्थ्राल्जिया के कारण
- अर्थराइटिस की समस्या होना
- गंभीर चोट लगना
- जोड़ों में संक्रमण होना
- जोड़ों में किसी कारण से मोच आना
- जोड़ों के बीच का ग्रीस कम (तरल पदार्थ का उत्पादन) होना।
- तरल पदार्थ का उत्पादन प्रभावित होना
आर्थ्राल्जिया के निदान
आर्थ्राल्जिया (जोड़ों के दर्द) के लक्षण दिखने पर डॉक्टर आपको निम्न तरह का टेस्ट करने की सलाह दे सकते हैं।
- परिवारिक स्वास्थ्य स्थिति की जांच करना
- ब्लड टेस्ट
- एक्स-रे
- बायोप्सी
- सेडीमेंटेशन टेस्ट (इस टेस्ट में शरीर में होने वाले सूजन की जांच की जाती है।)
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आर्थ्राल्जिया के रोकथाम और नियंत्रण
आर्थ्राल्जिया की परेशानी से राहत पाने के लिए आप निम्न उपाय अपना सकते हैं-
- जोड़ों में दर्द और सूजन की परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- शारीरिक रूप एक्टिव रहने की कोशिश करें।
- नियमित रूप से एक्सरसाइज करने की कोशिश करें। जोड़ों को बेहतर करने के लिए एक्सरसाइज करना बहुत ही जरूरी होता है।
- वजन को नियंत्रित रखें। ओवरवेट ना होने दें।
- स्वस्थ भोजन का सेवन करें।
- जोड़ों में दर्द की परेशानी को कम करने के लिए थेरैपी का सहारा भी ले सकते हैं।
- यदि आप पूरी तरह से हेल्दी रहना चहते हैं, तो नियमित रूप से अपना टेस्ट कराएं।
- जोड़ों की परेशानी से राहत पाने के लिए लहसुन, पालक, मछली और अंगूर जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
आर्थ्राल्जिया का उपचार
आर्थ्राल्जिया की परेशानी होने पर डॉक्टर निम्न उपचार अपनाते हैं-
- एंटीबायोटिक्स (Antibiotics)
- कॉर्टिकोस्टेरॉइड (Corticosteroids)
- दर्द निवारक दवाओं का सेवन
- स्प्रे या क्रीम का इस्तेमाल करना
- गंभीर स्थिति होने पर डॉक्टर आर्थ्रोप्लास्टी सर्जरी (Arthroplasty) करवाने की सलाह देते हैं।
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गठिया और आर्थ्राल्जिया के बीच अंतर
- अर्थराइटिस यानी गठिया की स्थिति होने पर जोड़ों में सूजन के साथ-साथ दर्द की परेशानी होती है। वहीं, आर्थ्राल्जिया की स्थिति में जोड़ों के सिर्फ मुख्य बिंदु में ही दर्द होता है।
- गठिया की स्थिति में अकड़न और सूजन की परेशानी होती है। वहीं, आर्थ्राल्जिया में जोड़ों में दर्द और सूजन के साथ जलन, जोड़ में सुन्न होना, खुजली, झुनझुनी जैसा महसूस होता है। यह परेशानी कम समय के लिए रहती है। लेकिन गठिया आपको लंबे समय तक होता है।
- गठिया होने की वजह जोड़ों में उपस्थित कार्टिलेज को नुकसान होने के कारण होता है। वहीं, आर्थ्राल्जिया होने का कारण जोड़ों में चोट लगना, प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होना, संक्रमण और एलर्जी हो सकता है।
- क्रोहन एंड कोलाइटिस फाउंडेशन ऑफ अमेरिका (CCFA) के मुताबिक, आर्थ्राल्जिया में जोड़ों में बिना सूजन के दर्द होता है। ये परेशानी शरीर के सभी जोड़ों में हो सकती है। बढ़ती उम्र के लोगों को आर्थ्राल्जिया की परेशानी ज्यादा होती है।
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