Rickets Disease Risk Factors: बच्चों में पोषण की कमी के चलते कई तरह की समस्या हो सकती है। विटामिन डी की कमी और आनुवांशिक कारणों के चलते बच्चों को हड्डियों से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। इस समस्या में बच्चों की हड्डियां नरम हो जाती है, जिसके बाद वह समय के साथ मुड़ जाती है। इस रिकेट्स कहते हैं। यह समस्या बच्चों के पैरों को प्रभावित करती है। इसकी वजह से बच्चों को चलने और खेलने-कूदने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। रिकेट्स की समस्या में बच्चों की हड्डियां कमजोर हो जाती है। कुछ जोखिम कारक रिकेट्स की समस्या का मुख्य कारण माने जाते हैं। कोकिलाबेन अस्पताल की सीनियर पीडियैक्ट्रिक डॉक्टर रुचिरा प्रहार से बच्चों में रिकेट्स के जोखिम कारकों के बारे में आगे विस्तार से बताया जानते हैं।
बच्चों को रिकेट्स रोग का जोखिम होने पर दिखाई देते हैं ये लक्षण - Signs That Your Child Might Be At Risk Of Rickets In Hindi
ग्रोथ में देरी
कुछ बच्चों की ग्रोथ उनकी उम्र के अनुसार नहीं हो पाती है, तो यह बच्चों की ग्रोथ में कमी का संकेत हो सकती है। इसमें बच्चों का अनुमानित वजन और हाईट भी उनकी उम्र के अन्य बच्चों की तुलना में बेहद कम होता है। मिनरल्स और पोषण की मकी बच्चों की ग्रोथ को प्रभावित करता है। साथ ही, यह रिकेट्स की समस्या का कारण हो सकता है।
मांसपेशियों की कमजोरी
बच्चों में या रिकेट्स के रोगियों में शरीर के निचले हिस्से पर दबाव पड़ता है। ऐसे में कमर से नीचे की मांसपेशियों में कमजोरी देखने को मिलती है। दरअसल, हड्डियों में कमजोरी के कारण बच्चों के मांसपेशियों में दर्द और कमजोरी हो सकती है। डॉक्टर की मानें तो मिनरल्स की कमी के कारण हड्डियां के साथ की मांसपेशियां बढ़ नहीं पाती है।
हड्डी में दर्द
विटामिन डी और मिनरल्स की कमी के कारण बच्चों की हड्डियों में दर्द और कमजोरी हो सकती है। इसमें मुख्य रूप से रीढ़ की हड्डी, जोड़, पेल्विक और पैरों प्रभावित होते हैं। हड्डियों में दर्द व असुविधा हो सकती है।
हड्डियों की बनावट में परेशानी
हड्डियों की बनावट में परेशानी जैसे बच्चों के पैर झुकाना और रीढ़ की हड्डी मुड़ना (स्कोलियोसिस) आदि के कारण बच्चों को रिकेट्स की समस्या का जोखिम बढ़ सकता है। इस समस्या में बच्चों को चलने में और किसी भी काम को करने में परेशानी हो सकती है।
दांतों देरी से आना
जिन बच्चों के दांत देरी से आते हैं उन्हें रिकेट्स की समस्या हो सकती है। इस दौरान बच्चों के दांत जल्दी नहीं निकलते हैं। उनकी ग्रोथ के साथ ही दांतों आने में अन्य बच्चों की अपेक्षा अधिक समय लगता है। इसकी वजह से बच्चों को मसूड़ों से जुड़ी परेशानी हो सकती है।
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इस समस्या से बचने के लिए आप बच्चों को धूप में बैठाएं या उन्हें सूर्य की रोशनी में खेलने के लिए प्रेरित करें। इसके अभिभावक खुद सुबह बच्चों के साथ पार्क में जा सकते हैं। साथ ही, बच्चे की डाइट में पौष्टिक आहार को शामिल करें। इसके लिए बच्चे को दूध, टोफू, दही, फल, अंडे व सब्जियों का सेवन कराएं। यदि, रिकेट्स की समस्या का जोखिम दिखाई दे तो तुरंत किसी बच्चों के डॉक्टर से संपर्क करें।