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ओवरटाइम करने वाले लोगों को हो सकती हैं ये 6 शारीरिक समस्याएं, जरूरत से ज्यादा काम करने से बचें

ओवर टाइम करने वाले लोग अक्सर डायबिटीज, कमर दर्द, पीठ दर्द और स्ट्रेस जैसी बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं।
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ओवरटाइम करने वाले लोगों को हो सकती हैं ये 6 शारीरिक समस्याएं, जरूरत से ज्यादा काम करने से बचें

Effects Of Long Working Hours On Health In Hindi: महंगाई आसमान छू रही है। बच्चों की एजुकेशन बहुत महंगी हो गई। लाइफस्टाइल को अप-टू-डेट रखना मुश्किल हो रहा है। इसी तरह के कारणों से कई लोग ओवर टाइम करते हैं। ओवर टाइम यानी डबल शिफ्ट काम करना। भले डबल शिफ्ट काम करने की वजह से ठीक-ठाक पैसे मिल जाते हैं, लेकिन इसके साथ ही कई समस्याएं भी घर आती हैं। दरअसल, जो लोग ओवर टाइम करते हैं, उन्हें कई तरह की शारीरिक समस्याएं और मानसिक समस्याएं होने लगती है। अगर समय रहते अपनी देखभाल नहीं की,तो भविष्य में गंभीर नतीजे झेलने पड़ सकते हैं। इस संबंध हमने झायनोवा शाल्बी हॉस्पिटल के ऑर्थोपेडिक एंड नी रिप्लेसमेंट सर्जन डॉ. धनंजय परब से बात की।

कमर और पीठ दर्द रहता है

जो लोग डबल शिफ्ट करते हैं, उन लोगों को अक्सर पीठ दर्द और कमर दर्द की समस्या बनी रहती है। वैसे भी इन दिनों सिटिंग जॉब ज्यादा हैं। ऐस में, अगर व्यक्ति एक ही जगह लंबे समय तक बैठा रहे, तो उसे हड्डियां अकड़ सकती हैं, मांसपेशियां स्टिफ हो सकती है। यही नहीं, अगर व्यक्ति समय-समय पर ब्रेक नहीं लेता है और लगातार इसी तरह की लाइफस्टाइल को जारी रखता है, तो कमर दर्द और पीठ दर्द के कारण गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।

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तनाव हो सकता है

stress

जब व्यक्ति डबल शिफ्ट काम करता है, तो उन्हें सोशल होने का और अपने परिवार के साथ समय बिताने का वक्त नहीं मिलता। नशेनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, "अगर व्यक्ति लगातार एक ही तरह का काम करता है, तो उसमें वर्क स्ट्रेस का स्तर बढ़ सकता है।" रिपोर्ट यह भी कहती है, "अगर व्यक्ति हर दिन 10 घंटे से ज्यादा ऑफिस में काम करता है, तो उसमें साइकोलॉजिकल स्ट्रेस होने का रिस्क बढ़ जाता है।’’ यही नहीं, वर्क स्ट्रेस का असर, निजी रिश्तों पर पड़ने लगता है।"

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डायबिटीज का रिस्क बढ़ जाता है

increase diabetes risk

जो लोग लंबे समय तक काम करते हैं यानी डबल शिफ्ट करते हैं, वे एक ही जगह पर बैठ कर अपना ज्यादातर समय बिताते हैं। यही नहीं, ऐसे लोगों की डाइट अच्छी नहीं होती है और फिजिकल एक्टिविटी भी न के बराबर होती है। विशेषज्ञों का मानना है कि जब व्यक्ति खराब डाइट और लाइफस्टाइल की बुरी आदतों के कारण डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है। इसलिए, लोगों को डबल शिफ्ट करने से बचना चाहिए।

नींद न आने की समस्या हो सकती है

disturb sleep pattern

डबल शिफ्ट करने की वजह से व्यक्ति को न चाहते हुए भी शारीरिक और मानसिक रूप से एक्टिव रहना पड़ता है। ऐसी स्थिति, लोगों की बायोलॉजिकल क्लॉक को इफेक्ट करती है। नतीजतन, इन लोगों को समय पर न सोने की आदत हो जाती है। धीरे-धीरे यह स्थिति उनके लिए समस्या बनकर खड़ी हो जाती है। ऐसे लोगों के सोने का पैटर्न बदल जाता है और कई बार चाहकर भी बिस्तर पर लेटने के बावजूद नींद नहीं आती है। डबल शिफ्ट करने वाले लोग अक्सर देर रात तक जगे रहते हैं।

इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है

कहने की जरूरत नहीं है कि डबल शिफ्ट करने की वजह से लोगों को ऑफिस में ही ज्यादातर समय बिताना पड़ता है। अगर इन दिनों का डेस्क जॉब है, इनका धूप से संपर्क लगभग खत्म हो जाता है। ऐसे में इम्यूनिटी भी प्रभावित होती है। इसके अलावा, कमजोर प्रतिरोधक क्षमता का एक बड़ा कारण बढ़ते स्ट्रेस को भी माना जाता है। इस तरह के लोग बहुत आसानी से बीमार हो जाते हैं। कई मामलों में देखा गया है कि डबल शिफ्ट करने वाले लोगों में अक्सर पेट से जुड़ी समस्या बनी रहती है।

अक्सर थकान से भरे रहते हैं

आमतौर पर, जो लोग 8 से 10 घंटे काम करके घर लौटते हैं, वे भी खुद को मेंटली और फिजिकली थका हुआ महसूस करते हैं। इसी तरह, अगर व्यक्ति लगातार डबल शिफ्ट करता है, निश्चित रूप से ऐसे लोग, नॉर्मल शिफ्ट करने वालों से ज्यादा थक जाते हैं। अगर कोई लंबे समय तक इसी लाइफस्टाइल को अपनाता है, तो एक समय बाद थोड़ा-बहुत काम करने में भी ये लोग थक जाते हैं। इससे उनके काम की क्वालिटी भी प्रभावित होने लगती है।

image credti: freepik

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