Mental Health In Hindi: पिछले दिनों इंस्टा रील्स में हमने देखा कि एक्ट्रेस काजोल कढ़ाई-बुनाई करती हुई नजर आ रही हैं। हमारे यहां सालों से घरेलू महिलाएं कढ़ाई-बुनाई करती हैं। खासकर, सर्दियों की दोपहर में मोहल्ले की तमाम महिलाएं साथ बैठती हैं और कढ़ाई-बुनाई के खूबसूरत डिजाइंस एक-दूसरे के साथ शेयर करती हैं। साथ ही साथ अपने घर-परिवार और दोस्तों के लिए ऊन से बने डिजाइनर स्वेटर बनुती हैं। इस तरह, देखा जाए तो महिलाएं न सिर्फ कढ़ाई-बुनाई के जरिए यार-दोस्तों के साथ हंसी-ठिठोली करती हैं, बल्कि इससे उनकी मेंटल हेल्थ पर भी बहुत गहरा असर पड़ता है। जी, हां! मनपसंद कोई भी काम या हॉबी का हमारी मेंटल हेल्थ पर बहुत गहरा असर पड़ता है। हाल के सालों में हमने देखा है कि लोग ऑफिस और घर में इतने उलझ गए हैं, जो हॉबीज को टाइम नहीं दे पाते हैं। नतीजतन, ज्यादातर लोग किसी न किसी तरह की मेंटल हेल्थ डिसऑर्डर का शिकार हो रहे हैं। खराब जीवनशैली और ओवर वर्क के कारण एंग्जाइटी, स्ट्रेस और डिप्रेशन जैसी समस्याओं में इजाफा हो रहा है। यहां हम जानेंगे कि आखिर हॉबीज का हमारी मेंटल हेल्थ पर क्या असर पड़ता है? इससे कैसे मेंटल हेल्थ में सुधार हो सकता है। इस बारे में हमने क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट और सुकून साइकोथैरेपी सेंटर की फाउंडर दीपाली बेदी से बात की।
हॉबीज किस तरह मेंटल हेल्थ में सुधार करती?- How Does Hobbies Impact Mental Health In Hindi
स्ट्रेस कम होता है
हर व्यक्ति को किसी न किसी तरह का शौक होना चाहिए यानी सबकी अपनी एक खास हॉबी होनी चाहिए। अपने मन का कुछ करने से स्ट्रेस कम होता है। दरअसल, हॉबीज में आमतौर पर क्रिएटिव काम शामिल होते हैं, जैसे पेंटिंग, डांसिंग या सिंगिंग। जब आप स्ट्रेस में इस तरह के क्रिएटिव काम करते हैं, तो आपके मन में चल रही उथल-पुथल रुकती है, मन शांत होता है और समस्या का समाधान निकालने में मदद मिलती है। इस तरह, स्ट्रेस के स्तर में कमी आती है।
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सोशल कनेक्शन बेहतर होता है
जब आप अपने हॉबीज को टाइम देते हैं, तो ऐसे लोगों से भी मुलाकात करना पसंद करते हैं, जिनके शौक आप जैसे हैं। इस तरह, आपके कनेक्शन बेहतर होते हैं। आप ऐसे लोगों के साथ अपने मन की बात बेबाक होकर शेयर करते हैं ऐसा करने से आपका मन हल्का रहता है। एक्सपर्ट्स की राय है कि जो लोग दूसरों से अपने मन की बातें शेयर करते हैं, उन्हें टेंशन कम होती है। ऐसे लोगों की मेंटल हेल्थ उन लोगों की तुलना में बेहतर होती है, जो अपनी बातें दिल में ही दबाकर रखते हैं।
डिप्रेशन या एंग्जाइटी कम होती है
अपने मन का कुछ करने से न सिर्फ स्ट्रेस में कमी आती है, बल्कि डिप्रेशन में भी गिरावट नोटिस की जा सकती है। डब्लूएचओ की रिपोर्ट की मानें, तो हर व्यक्ति अपने जीवनकाल में कभी न कभी मेंटल हेल्थ डिसऑर्डर का शिकार होता है। वहीं, अगर आप नियमित रूप से अपने मन का कुछ करते हैं, जैसे राइटिंग, डांसिंग या कुकिंग, तो डिप्रेशन या एंग्जाइटी से डील करने में मदद मिलती है। दरअसल, जब आप अपने मन का करते हैं, तो इससे आपका सोशल नेटवर्क बनता है। ऐसे में आप लोगों से ज्यादा से ज्याद बातचीत करते हैं। कई बार, सोशल नेटवर्क की बदौलत आपको बेहतर अवसर भी प्राप्त होते हैं, जो डिप्रेशन दूर करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। इसी तरह, अगर आप कोई टीम वर्क करते हैं, तो इससे एंग्जाइटी से डील करना भी आप सीख जाते हैं।
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मेंटल हेल्थ में सुधार होता है
जैसा कि हमने कुछ देर पहले बताया है कि हॉबी की मदद से आप स्ट्रेस, डिप्रेशन या एंग्जाइटी जैसी समस्याओं से डील करना सीख जाते हैं। इसी तरह, हॉबीज बनाने से आपकी मेंटल हेल्थ में सुधार भी होता है यानी आप हर चीज के पॉजिटिब पहलू की ओर देखने लगते हैं। जैसे अगर आपको स्पोर्ट्स खेलने का शौक है। ऐसे में आप फिजिकली एक्टिव रहते हैं। फिजिकली एक्टिव रहने से आपकी लाइफस्टाइल बेहतर तरीके से मैनेज होती है। यह कंडीशन आपकी मेंटल हेल्थ में सुधार करती है, मूड को बेहतर रखती है और ओवर ऑल हेल्थ पर भी अच्छा असर डालती है।
रिश्तों में सुधार होता है
शायद आपको यह जानकर हैरानी हो, लेकिन यह सच है कि हॉबीज की मदद से आपके रिश्तों में भी सुधार हो सकता है। दरअसल, जब आप अपने पार्टनर के साथ कुछ उसके मन का, तो कभी अपने मन की एक्टिविटी में हिस्सा लेते हैं, तो दोनों एक-दूसरे के साथ क्वालिटी टाइम बिता रहे होते हैं। इस दौरान, अंजाने में पार्टनर्स एक-दूसरे के संग हैप्पी मोमेंट शेयर करते हैं। इस तरह, आपसी रिश्तों में आई खटास दूर होती है और किसी तरह की समस्या हो, तो उस पर भी पॉजिटिव एंगल से बात करते हैं। इसलिए, विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि पार्टनर्स को कोई कॉमन हॉबीज जरूर रखनी चाहिए। यह उनके वैवाहिक जीवन में सुधार के लिए जरूरी है।
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