आगे बढ़ने की भागदौड़ और आपसी मतभेद ने लोगों को खुद में व्यस्त रहना सीखा दिया है। वहीं आज के दौर में काम का तनाव, रिश्तों में दूरी, आर्थिक परेशानी और सेहत से जुड़े मुद्दे भी इतने आम हो चुके हैं कि लोग इन्हें अपनी जिंदगी का हिस्सा मान बैठे हैं। आपको अपने आसपास ऐसे लोग जरूर मिल जाएंगे, जो हर समय तनाव, परेशानी और दुख में रहते हैं। ऐसे लोगों में सेहत से जुड़ी समस्याएं भी अधिक पायी जाती हैं। एंग्जायटी मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डालती है, जो हमारा अपनी भावनाओं पर नियंत्रण भी खो सकती है। इसलिए जरूरी है इस स्थिति से जल्द से जल्द बाहर आया जा सके। इस बारे में जानने के लिए हमने बात कि सर गंगाराम हॉस्पिटल की सीनियर क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ आरती आनंद से, जो हम इस लेख के माध्यम से आपसे साझा करेंगे।
एंग्जायटी क्या है (What Is Anxiety)
शरीर में तनाव बढ़ने पर हमारा शरीर जिस प्रकार की प्रक्रिया करता है उसे एंग्जायटी कहा जाता है। इस स्थिति में बैचेनी महसूस होना, हार्ट रेट बढ़ना, लगातार सांसे बढ़ना जैसी समस्याएं होने लगती हैं। यह मानसिक स्वास्थ्य के साथ हमारे शारीरिक स्वास्थ्य पर भी गहरा प्रभाव डाल सकता है।
चलिए अब जानते हैं इस स्थिति पर कैसे नियंत्रण पाया जाए-
एंग्जायटी से कैसे बाहर आएं (How To Reduce Anxiety Naturally in Hindi)
खुद को एक्टिव बनाए रखें
अगर आपको तनाव और चिंता से दूर रहना है, तो आपको खुद को एक्टिव रखने की जरूरत होगी। व्यायाम न सिर्फ आपको शारीरिक रूप से स्वस्थ रखेगा, बल्कि मानसिक रूप से तरोताजा रहने में भी मदद करेगा। यह आपको मानसिक रूप से रिलैक्स करेगा और अपनी भावनाओं पर नियंत्रण करने में भी आपकी मदद करेगा।
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शरीर को पर्याप्त आराम दें
शरीर के साथ मस्तिष्क को भी पर्याप्त आराम की आवश्यकता होती है। लेकिन काम के तनाव और बिजी लाइफस्टाइल के कारण हम अपने शरीर को पर्याप्त आराम नहीं दे पाते, जो तनाव और एंग्जायटी की समस्या को बढ़ा सकता है। इसके कारण बैचेनी, चिड़चिड़ाहट, गुस्सा और इरिटेशन जैसी परेशानियां हो सकती हैं।
किसी करीबी की मदद लें
अगर आपके लिए भावनाओं पर नियंत्रण करना मुश्किल हो रहा है, तो अपने किसी करीबी से अपनी परेशानी शेयर करना आपको बेहतर महसूस करा सकता है। अपनी परेशानी किसी ऐसे व्यक्ति से शेयर करें जिस पर आप भरोसा करते हैं। इससे आपको मानसिक रूप से रिलैक्स होने और तनाव से बाहर आने में मदद मिलेगी।
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समस्या नहीं समाधान पर बात करें
जब हम किसी परेशानी में फंसे होते हैं, तो हम न चाहते हुए भी बार-बार समस्या के बारे में ही सोचते हैं। समस्या के बारे में सोचने के बजाय उसके समाधान पर ध्यान देना हमें एंग्जायटी से जल्द बाहर ला सकता है। आपको अपनी भावनाओं पर नियंत्रण करना सीखना होगा, जिससे तनाव और चिंता आपके स्वास्थ्य पर हावी न हो पाए।
एंग्जायटी हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर बूरा असर डाल सकती है, इसलिए इस पर समय से कंट्रोल करना बेहद जरूरी है। एक्सपर्ट की बताई इन खास टिप्स के जरिए आप एंग्जायटी और डिप्रेशन पर नियंत्रण कर सकते हैं।
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