
शरीर में आंतरिक रूप में कोई भी बदलाव होने पर उसका असर पूरे शरीर पर पड़ता है। उदाहरण के लिए बुखार होने पर शरीर में थकावट, कमजोरी ज्यादा होती है, जो बाहरी रूप से शरीर में नजर आने लगती हैं। लेकिन कई समस्याएं ऐसी होती हैं जिनके लक्षण बाहरी रूप से नजर नहीं आते हैं। ऐसी ही एक समस्या है ओवरएक्टिव थायराइड। इस समस्या में शरीर के थायराइड ग्लैंड बहुत ज्यादा हार्मोन बनाने लगते हैं, जिसका समय पर पता न लगता कई समसयाओं का कारण बन सकता है। यह समस्या शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकती है, इसलिए इसके लक्षणों पर शुरूआत से गौर करना बेहद जरूरी है। वहीं समस्या बढ़ने पर ओवरएक्टिव थायराइड हमारी हड्डियों को प्रभावित भी कर सकती है। इस विषय पर जानने के लिए हमने बात की डीपीयू प्राइवेट सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर पिंपरी (पुणे) के चिकित्सा विभाग की प्रमुख डॉ शुभांगी कानिटकर से, जिन्होनें इस बारे में हमसे खास जानकारी साझा की।
ओवरएक्टिव थायराइड का बोन हेल्थ पर असर जानने से पहले इसके लक्षणों को समझना भी जरूरी है। आइए पहले जानते हैं इसके लक्षणों के बारे में।
ओवरएक्टिव थायराइड के लक्षण (Symptoms of Overactive Thyroid In Hindi)
ओवरएक्टिव थायराइड की समस्या होने पर व्यक्ति से शरीर में इन खास लक्षणों को देखा जा सकता है -
1. अक्सर चिड़चिड़ापन, घबराहट, बैचेनी और चिंता महसूस करना।
2. बार-बार मूड स्विंग होना और सोने में परेशानी होना।
3. अधिकतर समय थकावट, कमजोरी महसूस करना।
4. बहुत ज्यादा गर्मी लगना और शरीर में कंपना महसूस होना।
5. वजन का घटना और अचानक भूख बढ़ जाना।
6. गर्दन में सूजन होना।
7. शरीर में अत्यधिक पसीना आना
चलिए अब जानते हैं, यह समस्या हमारी बोन हेल्थ को कैसे प्रभावित कर सकती है।
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ओवरएक्टिव थायराइड का हड्डियों पर असर (How Overactive Thyroid Affects Our Bone Health)
हड्डियों का ढ़ाचा प्रभावित कर सकता है
एक्सपर्ट के मुताबिक ओवरएक्टिव थायराइड हमारी बोन हेल्थ के लिए काफी नुकसानदायक हो सकता है। दरअसल, थायराइड हार्मोन हड्डियों के ढ़ाचे के लिए आवश्यक माना जाता है, जो किसी व्यक्ति के हड्डियों के ढ़ाचे और हड्डी स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। वहीं ओवरएक्टिव थायराइड की स्थिति होने पर हड्डियों के ढ़ाचे पर प्रभाव पड़ सकता है।
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बोन मेटाबोलिज्म के लिए नुकसानदायक
शरीर में सही बोन मेटाबोलिज्म के लिए थायरोक्सिन जरूरी माना जाता है, लेकिन थायरॉइड डिसफंक्शन की समस्या होने पर व्यक्ति के बोन स्ट्रक्चर पर हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है। अगर इस समस्या पर समय पर ध्यान न दिया जाए, तो यह बोन मास को प्रभावित भी कर सकता है, जो ऑस्टियोपोरोसिस की समसस्या का कारण भी बन सकता है। यह समस्या बुजुर्गों और मेनोपॉज के बाद महिलाओं में ज्यादा देखी जाती है।
एक्सपर्ट की सलाह के मुताबिकत इस समस्या के इलाज के् लिए रोगियों को है उन्हें थायराइड की सप्लिमेंट्स दिए जाते हैं। इसके साथ ही इस समस्या पर शुरूआत से ध्यान देना बेहद जरूरी है, क्योंकि थायराइड हार्मोन के बढ़ने से ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या होने का खतरा बन सकता है।