Does Smoking Cause Pulmonary Fibrosis In Hindi: पल्मोनरी फाइब्रोसिस लंग्स से जुड़ी गंभीर समस्या है। यह बीमारी होने पर लंग्स टिश्यूज मोटे हो जाते हैं, जिससे लंग्स में अकड़न आ जाती है। इस स्थिति में व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। पिछले दिनों दिल्ली-एनसीआर का प्रदूषण का स्तर 400 पार जा चुका था। इसका मतलब है कि हवा में प्रदूषित कणों की संख्या बहुत ज्यादा थी। अक्सर इस तरह का एन्वायरमेंट पल्मोनरी फाइब्रोसिस के होने का जोखिम कारक बन जाता है। वहीं, अगर कोई लगातार स्मोकिंग करता है, तो उन्हें भी पल्मोनरी फाइब्रोसिस होने का जोखिम अधिक रहता है। सवाल है, ऐसा क्यों होता है? पल्मोनरी फाइब्रोसिस और स्मोकिंग का आपस में क्या कनेक्शन है? आइए, जानते हैं नोएडा एक्सटेंशन स्थित यथार्थ अस्पताल में इंटरवेंशन पल्मोनोलॉजी और स्लीप मेडिसिन के प्रमुख-पल्मोनोलॉजी डॉ.पुनीत गुप्ता से।
धूम्रपान के कारण पल्मोनरी फाइब्रोसिस का रिस्क क्यों बढ़ जाता है?- Does Smoking Cause Pulmonary Fibrosis In Hindi
वैसे तो पल्मोनरी फाइब्रोसिस होने के पीछे कई तरह के कारक जिम्मेदार हैं। लेकिन, जो लोग स्मोकिंग करते हैं, उन्हें यह बीमारी होने का जोखिम काफी ज्यादा होता है। यहां सवाल उठता है कि आखिर पल्मोनरी फाइब्रोसिस और धूम्रपान का आपस में क्या कनेक्शन है? डॉ.पुनीत गुप्ता की मानें, "लंबे समय से स्मोकिंग करने के कारण लंग्स सेल्स डैमेज हो जाते हैं, लंग्स में सूजन हो जाती है और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस ट्रिगर हो जाता है। इसी तरह, स्मोकिंग की वजह से पल्मोनरी फाइब्रोसिस होने का जोखिम बढ़ जाता है।" इस बात की अनदेखी नहीं की जा सकती है कि स्मोकिंग कई गंभीर बीमारियों का कारण होता है। पल्मोनरी फाइब्रोसिस भी उनमें से एक है। ऐसे में जरूरी है कि आप स्मोकिंग से दूरी बनाए रखें, ताकि पल्मोनरी फाइब्रोसिस जैसी लंग से जुड़ी बीमारी के जोखिम को कम किया जा सके।
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स्मोकिंग लंग सेल्स को कैसे प्रभावित करती है?
सिगरेट में मौजूद केमिकल्स
जो लोग रेगुलर बेसिस पर स्मोकिंग करते हैं, वे यह जानते हैं कि सिगरेट में हजारों संख्या में केमिकल्स होते हैं। इसमें तार और निकोटिन भी शामिल हैं। इस तरह के तत्व लंग सेल्स को प्रभावित करते हैं, जो कि भविष्य में पल्मोनरी फाइब्रोसिस का कारण बनते हैं।
सूजन हो जाती है
लगातार स्मोकिंग करने की वजह से इंफ्लेमेटरी मोलिक्यूल्स रिलीज होते हैं और ये इम्यून सेल्स को सक्रिय करते देते हैं, जिससे कि लंग्स में सूजन पैदा हो जाती है। लंग्स में सूजन होना पल्मोनरी फाइब्रोसिस का ही एक लक्षण है।
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ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ता है
ऑक्सडेटिव स्ट्रेस का मतलब है कि बॉडी में बहुत सारे फ्री रेडिकल्स मौजूद हैं। जब कोई निरंतर स्मोकिंग करता है, तो इससे शरीर में मुक्त कणों की संख्या बढ़ जाती है, जिससे ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस ट्रिगर होता है। इसका बुरा असर लंग्स पर भी पड़ता है और पल्मोनरी फाइब्रोसिस होने के रिस्क को बढ़ा देता है।
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स्मोकिंग करने के अन्य नुकसान
जिन लोगों को पल्मोनरी फाइब्रोसिस का रिस्क अधिक होता है, उन्हें स्मोकिंग नहीं करना चाहिए। ऐसा न किए जाने पर कुछ अन्य नुकसान भी हो सकते हैं, जो पल्मोनरी फाइब्रोसिस को ट्रिगर कर सकते हैं, जैसे-
- म्यूकस प्रोडक्शन बढ़ सकता है।
- स्मोकिंग के कारण पल्मोनरी फाइब्रोसिस के लक्षणों की स्थिति गंभीर हो सकती है।
- स्मोकिंग के कारण लंग कैंसर का जोखिम भी बढ़ता है।
- स्मोकिंग हार्ट डिजीज और क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज के रिस्क को भी बढ़ा देता है।
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