How To Cure Pulmonary Fibrosis In Hindi: पल्मोनरी फाइब्रोसिस लंग्स से जुड़ी एक तरह की गंभीर समस्या है। इस बीमारी के होने पर लंग्स टिश्यूज में थिकनेस हो जाती है, जिस वजह से व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। इसके होने का एक कारण यह भी है कि लंग्स टिश्यूज की थिकनेस के कारण फेफड़े ऑक्सीजन को एब्सॉर्ब नहीं कर पाते हैं। इस स्थिति सांस लेना मुश्किल हो जाता है। अगर समय रहते इस स्थिति का इलाज न किया जाए, तो यह गंभीर समस्या बन सकती है। यहां हम आपको कुछ ऐसे टिप्स दे रहे हैं, जिनकी मदद से पल्मोनरी फाइब्रोसिस से राहत पाने में मदद मिल सकती है। इस बारे में हमने नॉएडा एक्सटेंशन स्थित यथार्थ अस्पताल में इंटरवेंशन पल्मोनोलॉजी और स्लीप मेडिसिन के प्रमुख - पल्मोनोलॉजी डॉ.पुनीत गुप्ता से बात की। इन्हें आप भी जरूर फॉलो करें।
पल्मोनरी फाइब्रोसिस से राहत पाने के टिप्स- Tips To Cure Pulmonary Fibrosis In Hindi
स्मोकिंग से रहें दूर
विशेषज्ञों की मानें, तो जो लोग स्मोकिंग करते हैं, उन्हें पल्मोनरी फाइब्रोसिस होने का रिस्क अधिक रहता है। यहां तक कि रेगुला स्मोकिंग के कारण इसकी कंडीशन भी बिगड़ सकती है। विशेषज्ञों की सलाह है कि अगर आप स्मोकिंग करते हैं, तो बेहतर है कि इस आदत को छोड़ दें। इससे अपने आप पल्मोनरी फाइब्रोसिस का रिस्क कम हो जाता है।
इसे भी पढ़ें: पल्मोनरी फाइब्रोसिस क्या है? जानें फेफड़ों की इस गंभीर बीमारी के कारण, लक्षण और इलाज
हेल्दी डाइट लें
जो लोग पल्मोनरी फाइब्रोसिस से पीड़ित हैं, उन्हें अपनी डाइट में सुधार करना चाहिए। विशेषज्ञों की मानें, तो अनहेल्दी डाइट लेने के कारण पल्मोनरी फाइब्रोसिस की स्थिति बिगड़ सकती है। वहीं, हेल्दी डाइट की मदद से इस कंडीशन में सुधार किया जा सकता है। यहां तक कि इसके होने के जोखिम को भी कम किया जा सकता है। खराब डाइट में हाई फैट डाइट, शराब आदि चीजें शामिल हैं। इनकी वजह से लंग्स अकड़ जाती हैं, जिससे उसे प्रॉपर तरीके से काम करने में मुश्किलें आने लगती हैं। इसके विपरीत, हेल्दी डाइट लेने से वजन संतुलित रहता है। बैलेंस्ड डाइट का लंग्स हेल्थ पर भी अच्छा असर पड़ता है।
इसे भी पढ़ें: Pulmonary Fibrosis: सांस लेने में परेशानी हो, तो जरूर करें ये 3 ब्रीदिंग एक्सरसाइज, मिलेगा आराम
नियमित रूप से एक्सरसाइज करें
पल्मोनरी फाइब्रोसिस होने पर हर व्यक्ति को लगातार एक्सरसाइज करना चाहिए। असल में, फिजिकली एक्टिव रहने से तनाव का स्तर कम होता है, सांस फूलने की समस्या दूर होती है और ब्रीदिंग मसल्स भी मजबूत होते हैं। इस तरह देखा जाए, तो एक्सरसाइ और वर्कआउट की मदद से पल्मोनरी फाइब्रोसिस की स्थिति में सुधार होता है। हां, अगर पल्मोनरी फाइब्रोसिस के मरीजों को एक्सरसाइज करने में कठिनाई हो, तो बेहतर होगा कि एक बार डॉक्टर से संपर्क कर लें।
ट्रीटमेंट करवाएं
ध्यान रखें कि बीमारी छोटी हो या बड़ी। हर तरह हेल्थ डिजीज के लिए डॉक्टर से अपना प्रॉपर ट्रीटमेंट करवाना जरूरी होता है। इससे बीमारी का समय से पहले ही पता चल जाता है। कई बार मामूली सा चेस्ट इंफेक्शन बढ़कर पल्मोनरी फाइब्रोसिस में बदल सकता है। इसलिए, जब भी छाती में भारीपन या संक्रमण का जोखिम लगे, तो तुरंत अपना इलाज करवाएं। पल्मोनरी फाइब्रोसिस होने पर भी अपना ट्रीटमेंट अवश्य करवाएं। इससे आपको भविष्य में होने वाली परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है।