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फेफड़ों से जुड़ी बीमारी है पल्मोनरी फाइब्रोसिस, क्या वायु प्रदूषण के कारण यह समस्या हो सकती है

Can Air Pollution Cause Pulmonary Fibrosis In Hindi: वायु प्रदूषण के कारण पल्मोनरी फाइब्रोसिस की समस्या हो सकती है। इनके बीच क्या कनेक्शन है, जानने के लिए लेख पूरा पढ़ें-
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फेफड़ों से जुड़ी बीमारी है पल्मोनरी फाइब्रोसिस, क्या वायु प्रदूषण के कारण यह समस्या हो सकती है


Can Air Pollution Cause Pulmonary Fibrosis In Hindi: पल्मोनरी फाइब्रोसिस फेफड़ों से जुड़ी गंभीर समस्या है। यह समस्या होने पर फेफड़ों के आसपास मौजूद टिश्यूज मोटे और सख्त हो जाते हैं। पल्मोनरी फाइब्रोसिस के कारण फेफड़ों के पास के टिश्यूज में दाग भी हो जाता है। यूं तो पल्मोनरी फाइब्रोसिस के होने के कई कारण जिम्मेदार माने जा सकते हैं। इसमें मेडिसिन, विषैले पदार्थ के संपर्क में आना आदि शामिल हो सकते हैं। ध्यान रखें कि पल्मोनरी फाइब्रोसिस के कारण लंग्स पूरी तरह काम करना बंद कर सकते हैं, जो कि मरीज के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। बहरहाल, आजकल प्रदूषण का स्तर बढ़ा हुआ है, ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या वायु प्रदूषण के कारण पल्मोनरी फाइब्रोसिस की समस्या हो सकती है? आइए, मुंबई स्थित जिनोवा शाल्बी अस्पताल में पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. तन्वी भट्ट से जानते हैं इस लेख में।

क्या वायु प्रदूषण के कारण पल्मोनरी फाइब्रोसिस हो सकता है?- Can Air Pollution Cause Pulmonary Fibrosis In Hindi

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यह बात हम सभी जानते हैं कि वायु प्रदूषण में कई ऐसे तत्व मौजूद होते हैं, जो सांस के जरिए हमारे लंग्स तक पहुंच जाते हैं। इससे हमारे लंग्स पर निगेटिव असर पड़ता है। जाहिर है यह स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है। देखा जाए, तो इसी तरह वायु प्रदूषण पल्मोनरी फाइब्रोसिस का कारण भी बन सकता है। इस संबंध में डॉ. तन्वी भट्ट स्पष्ट करती हैं, "यह सच है कि वायु प्रदूषण की वजह से इडियापैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस हो सकता है। यह पल्मोनरी फाइब्रोसिस का एक ही पार्ट है। इस समस्या के कारण न सिर्फ फेफड़ों की क्षति होती है, बल्कि यह लगातार बढ़ती रहती है।" डॉ. तन्वी भट्ट आगे बताती हैं, "पल्मोनरी फाइब्रोसिस के कारण लंग्स शॉर्ट टर्म के लिए सुचारू ढंग से काम करना बंद कर सकता है और कई बार इसका प्रभाव लॉन्ग टर्म में भी देखने को मिलता है। यही नहीं, कभी-कभी वायु प्रदूषणमें मौजूद कण से इतना ज्यादा एक्सपोजर हो जाता है कि स्थिति गंभीर हो जाती है, जिससे व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती होना पड़ जाता है।" वास्तव में वायु प्रदूषण ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को प्रभावित करता है, जिससे एयरवेज में सूजन हो सकती है। पल्मोनरी फाइब्रोसिस होने पर इस तरह की समस्या भी देखने को मिल जाती है।

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पल्मोनरी फाइब्रोसिस का कारण- Causes Of Pulmonary Fibrosis In Hindi

वायु प्रदूषण के अलावा, पल्मोनरी फाइब्रोसिस के कई अन्य कारण जिम्मेदार हैं, जैसे-

  • टॉक्सिंस के संपर्क में आना, जैसे कोल डस्ट, ग्रेन डस्ट आदि
  • दवाइयां, जैसे कीमोथेरेपी के दौरान इस्तेमाल होने वाले ड्रग्स
  • हृदय अतालता (कार्डियक एरिथमिया) यानी हृदय की धड़कन का अनियमित धड़कने के दौरान इस्तेमाल होने वाली दवाएं
  • चेस्ट या कैंसर में इस्तेमाल होने वाली रेडिएशन थेरेपी 
  • ऑटो इम्यून कंडीशन, जैसे सिस्टेमेटिक ल्यूपस, रूमेटाइड अर्थराइटिस आदि

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पल्मोनरी फाइब्रोसिस के लक्षण- Symptoms Of Pulmonary Fibrosis In Hindi

वायु प्रदूषण के कारण पल्मोनरी फाइब्रोसिस होने पर आपको जो लक्षण नजर आते हैं, वे इस प्रकार हैं-

सांस लेने में मुश्किल होना

पल्मोनरी फाइब्रोसिस होने पर व्यक्ति को सबसे पहले सांस लेने की दिक्क्त होने लगती है। यह पल्मोनरी फाइब्रोसिस का सबसे कॉमन लक्षण है। पल्मोनरी फाइब्रोसिस होने पर शुरुआती समय में व्यक्ति को एक्सरसाइज करने के दौरान सांस लेने में दिक्कत हो सकती है, जो कि एक समय बाद रोजमर्रा के कामकाज में भी हस्तक्षेप करती है।

सूखी खांसी होना

पल्मोनरी फाइब्रोसिस का अन्य लक्षण है सूखी खांसी होना। इस तरह की खांसी अक्सर खाने, बातचीत करने और एक्सरसाइज करने के दौरान ट्रिगर हो सकती है।

अचानक वजन कम होना

पल्मोनरी फाइब्रोसिस होने पर मरीज का अचानक वजन कम हो जाता है। व्यक्ति को यह समझ ही नहीं आता है कि ऐसा क्यों हो रहा है। जबकि, खानपान या लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव भी नहीं करते हैं।

थकान महसूस होना

पल्मोनरी फाइब्रोसिस होने पर व्यक्ति अक्सर थोड़ा-बहुत काम करते हुए थकान महसूस करने लगता है। कई बार उन्हें यह समझ नहीं आता है कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है।

All Image Credit: Freepik

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