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क्या 6 घंटे से कम सोने पर स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है? डॉक्टर से जानें

आजकल की बिजी लाइफस्टाइल और तेजी से बदलते वर्किंग कल्चर के कारण लोगों का डेली रूटीन बिगड़ रहा है और इसका असर नींद पर भी पड़ रहा है। यहां जानिए, क्या नींद की कमी से स्ट्रोक का रिस्क बढ़ता है?
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क्या 6 घंटे से कम सोने पर स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है? डॉक्टर से जानें


आज की तेज रफ्तार जिंदगी में नींद अक्सर इग्नोर कर दी जाती है। लंबे काम के घंटे, मोबाइल और लैपटॉप की स्क्रीन, सोशल मीडिया और घरेलू जिम्मेदारियों के चलते कई लोग रोजाना सिर्फ 5-6 घंटे की नींद लेते हैं। शुरुआत में यह समस्या थकान या चिड़चिड़ापन तक सीमित लगती है, लेकिन नींद की कमी हमारे दिमाग और दिल दोनों पर गंभीर असर डाल सकती है। नींद हमारे शरीर और दिमाग की रिकवरी का समय है। जब नींद पूरी नहीं होती, तो ब्लड प्रेशर, हार्मोन और मेटाबॉलिज्म असंतुलित हो जाते हैं। कोर्टिसोल हार्मोन का स्तर बढ़ता है, तनाव बढ़ता है और शरीर स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्याओं के लिए संवेदनशील हो जाता है। इस लेख में एनआईटी फरीदाबाद में स्थित संत भगत सिंह महाराज चैरिटेबल हॉस्पिटल के जनरल फिजिशियन डॉ. सुधीर कुमार भारद्वाज से जानिए, क्या नींद की कमी से स्ट्रोक का रिस्क बढ़ता है?

क्या नींद की कमी से स्ट्रोक का रिस्क बढ़ता है? - Does Sleeping Less Than 6 Hours Increase Stroke Risk

डॉ. सुधीर कुमार भारद्वाज बताते हैं कि स्ट्रोक एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जिसमें मस्तिष्क तक ब्लड का सही प्रवाह यानी फ्लो नहीं हो पाता। नींद हमारे शरीर के लिए रिकवरी का समय होती है। जब नींद कम होती है, तो शरीर में ब्लड प्रेशर, हार्मोन और ब्लड शुगर असंतुलित हो जाते हैं। रिसर्च के अनुसार, जो लोग नियमित रूप से 6 घंटे से कम सोते हैं, उनमें स्ट्रोक और हार्ट अटैक का रिस्क 20-30 प्रतिशत तक बढ़ जाता है।

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कम नींद लेने वाले लोगों में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या अधिक देखी जाती है। नींद शरीर को आराम देती है और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखती है। जब नींद पूरी नहीं होती, तो हार्ट पर स्ट्रेस बढ़ता है और ब्लड वाहिकाओं में दबाव अधिक हो जाता है। यह स्ट्रोक का एक प्रमुख कारण बन सकता है।

  1. बुजुर्ग और महिलाओं में नींद की कमी का असर ज्यादा देखा गया है।
  2. वृद्धावस्था में मस्तिष्क की कोशिकाएं पहले से कमजोर होती हैं और नींद की कमी इनके स्वास्थ्य पर गंभीर असर डाल सकती है।
  3. वहीं, महिलाएं हार्मोनल बदलाव के कारण नींद की कमी से स्ट्रोक की अधिक संवेदनशील होती हैं।

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sleeping less increase stroke risk

बचाव के उपाय

  • हर दिन एक ही समय पर सोएं और जागें।
  • सोने से पहले मोबाइल, टीवी और लैपटॉप का उपयोग कम करें।
  • योग, ध्यान और हल्की एक्सरसाइज तनाव कम करने में मदद करती है।
  • ताजे फल, सब्जियां और पर्याप्त पानी लेना नींद और स्वास्थ्य दोनों के लिए लाभकारी है।
  • यदि ब्लड प्रेशर या हार्ट डिजीज का खतरा है तो नियमित जांच कराएं।

निष्कर्ष

6 घंटे से कम नींद लेना सिर्फ थकान नहीं बल्कि स्ट्रोक और अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के लिए भी खतरा है। पर्याप्त नींद लेना, तनाव कम करना और हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना स्ट्रोक से बचाव के सबसे प्रभावी तरीके हैं। इसलिए अपनी नींद को प्राथमिकता दें।

All Images Credit- Freepik

FAQ

  • नींद की कमी से कौन-कौन सी समस्याएं हो सकती हैं?

    कम नींद लेने वाले लोगों में हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा, डायबिटीज और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।
  • स्ट्रोक से बचने के लिए कितनी नींद जरूरी है?

    7-8 घंटे की नींद हर दिन लेना स्ट्रोक और अन्य स्वास्थ्य जोखिमों को कम करने में मदद करता है।
  • नींद सुधारने और स्ट्रोक के खतरे को कम करने के लिए क्या उपाय हैं?

    नींद का नियमित शेड्यूल बनाना, सोने से पहले स्क्रीन टाइम कम करना, योग और ध्यान करना, बैलेंस डाइट लेना और नियमित स्वास्थ्य जांच कराना प्रभावी उपाय हैं।

 

 

 

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  • Current Version

  • Sep 24, 2025 13:35 IST

    Published By : Akanksha Tiwari

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