Doctor Verified

क्या मेनोपॉज का त्वचा और बालों पर असर पड़ता है? जानें डॉक्टर की राय

मेनोपॉज के दौरान महिलाओं में हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिसका असर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है।
  • SHARE
  • FOLLOW
क्या मेनोपॉज का त्वचा और बालों पर असर पड़ता है? जानें डॉक्टर की राय


महिलाओं में मेनोपॉज आमतौर पर 45 से 55 साल की उम्र के बीच होता है। यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिसके दौरान महिलाओं में हार्मोनल बदलाव होते हैं और मासिक धर्म (पीरियड्स) बंद हो जाते हैं। महिलाओं के शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलावों का सीधा असर न केवल महिलाओं के शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ता है, बल्कि उनकी मानसिक स्थिति पर भी गहरा प्रभाव होता है। दरअसल, मेनोपॉज के दौरान महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन का लेवल कम हो जाता है, जिससे महिलाओं को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे हड्डियों की कमजोरी, दिल की बीमारियां, वजन बढ़ना आदि। इसके अलावा, अचानक गर्मी महसूस होना, रात को पसीना आना, नींद न आना और मूड स्विंग जैसी समस्याएं भी होती हैं। इस लेख में दिल्ली, वसंत कुंज के फोर्टिस अस्पताल की सीनियर कंसल्टेंट, त्वचा विशेषज्ञ डॉक्टर रश्मि शर्मा से जानते हैं कि क्या मेनोपॉज का त्वचा और बालों पर प्रभाव पड़ता है?

मेनोपॉज का त्वचा और बालों पर प्रभाव

डॉक्टर रश्मि का कहना है कि मेनोपॉज के दौरान महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का लेवल बिगड़ने लगता है। ऐसे में शरीर में जब इन हार्मोन का लेवल घटता है, तो इसका सीधा असर त्वचा और बालों पर पड़ता है।

इसे भी पढ़ें: प्रेग्नेंसी की पहली त‍िमाही में होता है डेट‍िंग स्‍कैन, डॉक्‍टर से जानें क्‍यों जरूरी है यह जांच

त्वचा पर मेनोपॉज का प्रभाव

हार्मोन की कमी से त्वचा की नमी कम हो सकती है, जिससे त्वचा ड्राई हो सकती है। इसके अलावा, त्वचा की इलास्टिसिटी भी कम हो जाती है, जिससे चेहरे पर झुर्रियां और लाइन्स बनने लगती हैं।

Menopause

  • मेनोपॉज के बाद त्वचा पतली होने लगती है, जिससे त्वचा पर जल्दी कट्स लगने का खतरा बढ़ जाता है। इसके साथ ही, त्वचा की हीलिंग प्रोसेस भी धीमी हो जाती है।
  • त्वचा की इलास्टिसिटी कम होने और नमी की कमी से चेहरे पर झुर्रियां और फाइन लाइन्स तेजी से आने लगती हैं। खासकर आंखों के आसपास झुर्रियां ज्यादा दिखती हैं।
  • मेनोपॉज के दौरान त्वचा की सेल्स के बनने की प्रोसेस धीमी हो जाती है, जिससे त्वचा बेजान और फीकी लगने लगती है। 

बालों पर मेनोपॉज का प्रभाव

इसे भी पढ़ें: प्रेग्नेंसी में पानी की थैली का फटना बन सकता है परेशानी का कारण, जानें कैसे पहचानें यह खतरनाक स्थिति?

  • मेनोपॉज के दौरान हार्मोनल बदलाव के कारण बालों की मोटाई कम हो सकती है और बाल पतले दिखने लगते हैं। 
  • मेनोपॉज के दौरान बालों का झड़ना एक आम समस्या है। हार्मोन की कमी के कारण बालों की ग्रोथ धीमी हो जाती है, जिससे बालों का झड़ना भी बढ़ सकता है।
  • हार्मोनल असंतुलन के कारण बाल रूखे और बेजान दिखने लगते हैं, इसके साथ ही बालों की शाइन कम हो जाती है।
  • मेनोपॉज के दौरान बालों की देखभाल में कमी आने से बाल कमजोर होकर दोमुंहे होने लगते हैं।

डॉक्टर की सलाह

मेनोपॉज के दौरान त्वचा और बालों की देखभाल के लिए जरूरी है कि आप पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, जिससे त्वचा हाइड्रेट रहे और शरीर से टॉक्सिंस भी दूर हो सकें। इसके अलावा धूप की हानिकारक किरणों से बचने के लिए सनस्क्रीन का उपयोग जरूर करें और त्वचा को मॉइश्चराइज रखें। बालों के लिए बैंलेंस डाइट लें और हफ्ते में 2-3 बार माइल्ड शैंपू से बाल धोएं। बालों को डीप कंडीशनिंग देने के लिए हफ्ते में एक बार हेयर मास्क का प्रयोग करें।

निष्कर्ष

मेनोपॉज का त्वचा और बालों पर असर होना एक सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन सही देखभाल और लाइफस्टाइल में बदलाव के साथ इन समस्याओं से निपटा जा सकता है। डॉक्टर की सलाह के अनुसार अपने स्किन और हेयर केयर रूटीन में बदलाव करना और पौष्टिक डाइट लेना आपकी त्वचा और बालों को हेल्दी बनाए रखने में मदद कर सकता है।

All Images Credit- Freepik

Read Next

क्या पेरिमेनोपॉज फेज में हैवी ब्लीडिंग हो सकती है? जानें एक्सपर्ट की राय

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version