मेनोपॉज के दौरान हार्मोनल परिवर्तन के कारण महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं। इन बदलावों का सीधा असर त्वचा पर भी पड़ता है, जिसके कारण कई महिलाओं की त्वचा ड्राई होने लगती है, जिससे झुर्रियां और बेजान त्वचा जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं। दरअसल, मेनोपॉज के दौरान एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर गिरने से त्वचा की इलास्टिसिटी कम होने लगती है, जिससे त्वचा का ग्लो कम हो सकता है। इसके अलावा, बढ़ती उम्र के साथ कोलेजन का प्रोडक्शन कम होने के कारण त्वचा पतली और कमजोर हो सकती है, जिसके कारण त्वचा पर झुर्रियां और फाइन लाइन्स ज्यादा दिखने लगती हैं। लेकिन सही देखभाल और उपायों के जरिए महिलाएं त्वचा को हेल्दी और हाइड्रेटेड रख सकती हैं। इस लेख में डर्मेटोलॉजिस्ट डॉक्टर चित्रा से जानिए, मेनोपॉज के दौरान रूखी त्वचा से छुटकारा पाने के लिए 4 असरदार टिप्स।
मेनोपॉज के दौरान ड्राई स्किन से कैसे छुटकारा पाएं - How To Get Rid Of Menopausal Dry Skin
1. हायलूरोनिक एसिड और ग्लिसरीन से त्वचा को हाइड्रेट करें
मेनोपॉज के दौरान हार्मोनल बदलावों के कारण त्वचा में नमी की कमी हो सकती है। त्वचा की हाइड्रेशन को बनाए रखने के लिए हायलूरोनिक एसिड और ग्लिसरीन वाले सीरम का उपयोग करें। ये दोनों तत्व ह्यूमेक्टेंट होते हैं, जो त्वचा में लंबे समय तक नमी बनाए रखते हैं। हायलूरोनिक एसिड त्वचा को गहरी नमी प्रदान करने के साथ-साथ उसे सॉफ्ट और स्मूद बनाता है। हायलूरोनिक एसिड के साथ ग्लिसरीन का मिक्स त्वचा की नमी को लॉक करने में मदद करता है, जिससे त्वचा में सॉफ्ट बनी रहती है। यह त्वचा को झुर्रियों से बचाने (how to remove wrinkles from face) में भी सहायक होता है। आप इसे अपनी स्किनकेयर रूटीन में नाइट क्रीम के रूप में भी इस्तेमाल कर सकती हैं।
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2. ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड
ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। मेनोपॉज के दौरान त्वचा का बैरियर कमजोर हो जाता है, और इन फैटी एसिड्स की मदद से त्वचा की रक्षा की जा सकती है। अपनी डाइट में ओमेगा-3 जैसे सैल्मन, अखरोट, फ्लैक्ससीड्स और चिया सीड्स को शामिल करें, जो त्वचा को अंदर से पोषण देते हैं और उसे हाइड्रेटेड रखते हैं। इसके साथ ही, ओमेगा-6 फैटी एसिड वाले तेलों का उपयोग स्किनकेयर में करें। ये तेल त्वचा को नमी प्रदान करते हैं और त्वचा को ड्राई और बेजान होने से बचाते हैं।
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3. सेरामाइड्स और पेप्टाइड्स का उपयोग करें
मेनोपॉज के दौरान त्वचा का प्राकृतिक बैरियर कमजोर हो जाता है, जिससे त्वचा में नमी की कमी और ड्राईनेस बढ़ सकती है। इस स्थिति से निपटने के लिए सेरामाइड्स और पेप्टाइड्स जैसे सक्रिय तत्वों यानि एक्टिव्स को अपनी स्किनकेयर रूटीन में शामिल करें। सेरामाइड्स त्वचा की बाहरी परत को मजबूत करते हैं और नमी को अंदर बनाए रखते हैं। यह त्वचा को बेहतर बनाता है और उसे पराबैंगनी किरणों और अन्य हानिकारक तत्वों से बचाता है। पेप्टाइड्स, त्वचा की बनावट को सुधारते हैं और कोलेजन के उत्पादन को बढ़ावा देते हैं। इससे त्वचा में लचीलापन बना रहता है।
4. एक्सफोलिएशन के लिए रेटिनॉइड्स का उपयोग
जब त्वचा ड्राई और संवेदनशील हो जाती है, तो एक्सफोलिएशन करने से त्वचा में और जलन हो सकती है। इसलिए मेनोपॉज के दौरान त्वचा की देखभाल करते समय एक्सफोलिएशन को सीमित करें। इसके बजाय, माइल्ड रेटिनॉइड्स जैसे रेटिनल्डिहाइड का उपयोग करें। यह हार्श एक्सफोलिएटिंग प्रोडक्ट्स की तुलना में माइल्ड होता है और त्वचा को ड्राई (how to treat dry skin on face) नहीं करता। यह त्वचा के रंग को समान करने और उसे जवां रखने में मदद करता है।
निष्कर्ष
मेनोपॉज के दौरान त्वचा में बदलाव आना स्वाभाविक है, लेकिन सही देखभाल और प्रोडक्ट्स के चयन से इन समस्याओं को कम किया जा सकता है। हायलूरोनिक एसिड और ग्लिसरीन से त्वचा को हाइड्रेट करने, ओमेगा फैटी एसिड को अपनी डाइट में शामिल करके आप अपनी त्वचा को हेल्दी रख सकती हैं।
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