
low sodium side effects: शरीर में नमक की कमी, कई अंगों के काम काज को प्रभावित कर सकती है। नमक, शरीर में न्यूरॉन्स के काम काज को बेहतर बनाने के साथ ब्रेन को हेल्दी रखने के लिए जरूरी है। इसके अलावा नमक की कमी से शरीर का ब्लड सर्कुलेशन भी प्रभावित है और इससे हाई बीपी की दिक्कत हो सकती है। ऐसे में जरूरी है कि आप अपने शरीर में सोडियम का लेवल सही रखें। सोडियम लेवल की बात करें तो कई शोध बताते हैं कि कम नमक खाने से इंसुलिन बढ़ता है और ये डायबिटीज के मरीजों को भी प्रभावित करता है। कैसे और क्यों? क्या है इनके बीच कनेक्शन, जानते हैं इस बारे में डॉ. संचयन रॉय, सीनियर - कंसल्टेंट इंटरनल मेडिसिन अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल, दिल्ली से।
क्या कम नमक इंसुलिन बढ़ाता है-Does low salt increase insulin?
शरीर में नमक की कमी से शरीर में इंसुलिन का लेवल प्रभावित हो सकता है। डॉ. संचयन रॉय बताते हैं कि बहुत कम नमक का सेवन शरीर के मेटाबॉलिक संतुलन को प्रभावित कर सकता है। जब सोडियम का स्तर बहुत घट जाता है, तो शरीर में तनाव हार्मोन यानी एड्रेनालिन और कोर्टिसोल बढ़ने लगते हैं, जिससे इंसुलिन रेजिस्टेंस की स्थिति बन सकती है। यानी, शरीर में मौजूद इंसुलिन ठीक से काम नहीं करता और ब्लड शुगर लेवल बढ़ने लगता है। कई रिसर्च में पाया गया है कि लंबे समय तक कम सोडियम वाला आहार इंसुलिन की संवेदनशीलता को घटा देता है, खासकर उन लोगों में जो पहले से डायबिटीज या प्री-डायबिटीज से ग्रस्त हैं।
American Heart Association Journals की मानें तो कम नमक वाला आहार इंसुलिन प्रतिरोध को बढ़ा सकता है, जिससे इंसुलिन का स्तर बढ़ सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कम सोडियम की भरपाई के लिए, आपका शरीर एल्डोस्टेरोन और नॉरएपिनेफ्रिन जैसे हार्मोन बढ़ाता है। ये हार्मोन इंसुलिन प्रतिरोध में योगदान कर सकते हैं। इस बढ़े हुए प्रतिरोध का मतलब है कि आपके शरीर को ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने के लिए अधिक इंसुलिन का उत्पादन करना पड़ता है, जो कि ग्लूकोज लोड के बाद उच्च उपवास इंसुलिन और अन्य उपायों में देखा जा सकता है।

हालांकि नमक का अधिक सेवन भी ब्लड प्रेशर बढ़ाकर हृदय रोग का जोखिम बढ़ाता है, इसलिए इसका संतुलित सेवन ही सबसे बेहतर है। डायबिटीज मरीजों को पूरी तरह ‘लो-सोडियम’ डाइट पर जाने के बजाय डॉक्टर की सलाह के अनुसार मध्यम मात्रा में नमक लेना चाहिए। विशेषकर गर्मी या पसीना आने वाली स्थितियों में सोडियम की कमी शरीर में इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन और थकान पैदा कर सकती है।
डायबिटीज में लो सोडियम के नुकसान-low sodium side effects in diabetic patients
डायबिटीज के रोगियों में सोडियम का निम्न स्तर मतली, भ्रम, थकान और मांसपेशियों में ऐंठन जैसे लक्षण पैदा कर सकता है। अधिक गंभीर मामलों में इंसुलिन का असंतुलन दौरे, कोमा और अनियंत्रित हाइपरग्लाइसेमिया जैसी स्थितियों के कारण डायबिटीज के रोगियों में सोडियम की कमी का खतरा अधिक हो सकता है, जो कोशिकाओं से पानी खींच सकता है और खून में सोडियम के स्तर को कम कर सकता है। इसके अलावा इंसलिन असंतुलन की वजह से आपको सिरदर्द, बेचैनी, चिड़चिड़ापन और थकान की समस्या हो सकती है।
इसलिए डायबिटीज के मरीजों को यह समझना जरूरी है कि कम नमक हमेशा बेहतर नहीं होता बल्कि सही मात्रा में नमक लेना ही शरीर की ऊर्जा और शुगर नियंत्रण दोनों के लिए जरूरी है। इसलिए अपनी डाइट में नमक की सही मात्रा का ध्यान जरूर रखें और सोडियम की कमी से बचें।
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FAQ
क्या नमक का पानी पीने से सोडियम का स्तर बढ़ सकता है?
नमक का पानी पीने से शरीर में सोडियम का लेवल तेजी से बैलेंस करने में मदद मिल सकती है। हालांकि, ज्यादा मात्रा में इसका सेवन न करें। मात्र छोटी चम्मच नमक भी शरीर के लिए कारगर है।सोडियम की कमी के लिए क्या खाना चाहिए?
सोडियम की कमी में आपको सोडियम से भरपूर चीजों का सेवन करना चाहिए जैसे कि सूप, अचार, नमकीन स्नैक्स और तेज नमक वाली चीज का सेवन करें।सोडियम की कमी से कौन सा रोग होता है?
सोडियम की कमी से आपको लो बीपी की बीमारी हो सकती है। हाइपोनेट्रेमिया और तंत्रिका संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इतना ही नहीं ये मांसपेशियों में ऐंठन, मरोड़ और थकान की भी वजह बन सकती है। ज्यादा दिक्कत होने पर व्यक्ति कोमा में जा सकता है और किडनी फेल हो सकते हैं।
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Nov 06, 2025 17:32 IST
Published By : Pallavi Kumari