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साइकिलिंग से घुटने बनते हैं मजबूत या हो जाते हैं खराब? ऑर्थोपेडिक डॉक्टर से जानें

सुबह की ताजी हवा में साइकिल चलाना न सिर्फ मन को तरोताजा करता है, बल्कि वजन घटाने, दिल को मजबूत रखने और फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने में भी मदद करता है। यहां जानिए, साइकिलिंग से घुटने मजबूत होते हैं या खराब?
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साइकिलिंग से घुटने बनते हैं मजबूत या हो जाते हैं खराब? ऑर्थोपेडिक डॉक्टर से जानें

आज दुनिया भर में फिटनेस का क्रेज बढ़ रहा है और इसी क्रेज का सबसे फेमस हिस्सा बन चुकी है साइकिल। सुबह की ठंडी हवा, सड़क पर दौड़ती साइकिल और मन में ताजगी का एहसास, यह किसी भी दिन की एक परफेक्ट शुरुआत बन सकती है लेकिन जितनी तेजी से लोग साइकिलिंग की ओर आकर्षित हो रहे हैं, उतनी ही तेजी से एक सवाल भी लोगों के मन में जगह बना रहा है कि क्या साइकिलिंग घुटनों को मजबूत बनाती है या फिर लंबे समय में उन्हें नुकसान पहुंचाती है? कई लोग मानते हैं कि पैडल चलाने से जांघों और घुटनों पर दबाव बढ़ता है, जिससे दर्द या अर्थराइटिस जैसी समस्याएं हो सकती हैं। वहीं दूसरी तरफ, कुछ लोगों का कहना है कि साइकिलिंग वास्तव में घुटनों को सुरक्षित रखती है, क्योंकि यह एक लो-इम्पैक्ट एक्सरसाइज है। इस लेख में दिल्ली के वसंतकुज स्थित फोर्टिस अस्पताल के ऑर्थोपेडिक डॉक्टर गुरिंदर बेदी से जानिए, साइकिलिंग से घुटने मजबूत होते हैं या खराब?


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साइकिलिंग से घुटने मजबूत होते हैं या खराब? - Does Cycling Strengthen Or Damage The Knees

डॉक्टर गुरिंदर बेदी बताते हैं कि साइकिलिंग को लो-इम्पैक्ट एक्सरसाइज माना जाता है, यानी इसमें जॉगिंग या रनिंग की तरह घुटनों पर जोरदार दबाव नहीं पड़ता। पैडलिंग के दौरान घुटने गोलाकार गति में चलते हैं, जिससे जोड़ों में लचीलापन बढ़ता है, मांसपेशियां एक्टिव रहती हैं, कार्टिलेज में ब्लड फ्लो बढ़ता है, इन कारणों से साइकिलिंग घुटनों में स्टिफनेस वाले लोगों के लिए भी सुरक्षित मानी जाती है। कई लोग साइकिलिंग शुरू करने के कुछ दिनों बाद घुटनों में दर्द की शिकायत करते हैं। इसका मुख्य कारण गलत तकनीक और गलत सेटिंग्स होती हैं, जैसे कि सीट बहुत ऊंची या बहुत नीचे होना, पैडल रेजिस्टेंस बहुत ज्यादा रखना, ओवर-स्पीड या लंबी दूरी अचानक शुरू करना और गलत एंगल में पैडलिंग करना।

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क्या साइकिल चलाने से घुटनों को मजबूती मिलेगी?

साइकिलिंग हैमस्ट्रिंग, काफ और ग्लूट्स मांसपेशियों को मजबूत बनाती है। ये सभी मांसपेशियां घुटनों को सपोर्ट करती हैं। जब थाई मसल्स मजबूत होते हैं, तो घुटनों पर पड़ने वाला भार कम होता है और चोट का खतरा घट जाता है। यही कारण है कि ओर्थोपेडिक डॉक्टर साइकिलिंग जैसी लो-इम्पैक्ट एक्सरसाइज की सलाह देते हैं।

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cycling effect on knees

डॉक्टर की सलाह

  • सीट हाइट सही रखें, घुटने न ज्यादा मुड़ें, न ज्यादा खिंचें।
  • हल्के रेजिस्टेंस से शुरुआत करें, बेहतर है शुरुआत में 10-15 मिनट की स्लो साइकिलिंग करें।
  • तेज चढ़ाई से बचें, ये घुटनों पर सीधे दबाव डालते हैं।
  • कोर और लेग मसल्स भी मजबूत करें और इसके लिए स्क्वॉट्स, ब्रिज और स्ट्रेचिंग करें।
  • दर्द होने पर ब्रेक लें, दर्द को इग्नोर करने से चोट बढ़ सकती है।

निष्कर्ष

साइकिलिंग घुटनों के लिए नुकसानदायक नहीं, बल्कि सही तरीके से की जाए तो यह घुटनों को मजबूत, लचीला और हेल्दी बनाती है। गलत तकनीक, गलत सीट हाइट और अत्यधिक दबाव से ही घुटनों में समस्या आती है इसलिए अगर आप फिटनेस के लिए साइकिलिंग शुरू करना चाहते हैं, तो सही पॉश्चर, सही सेटिंग और नियमित अभ्यास को प्राथमिकता दें।

All Images Credit- Freepik

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FAQ

  • क्या घुटनों में दर्द सामान्य है?

    उम्र बढ़ने के साथ घुटनों में हल्की जकड़न या अकड़न आम हो सकती है, लेकिन लगातार दर्द सामान्य नहीं माना जाता। ऐसा होने पर डॉक्टर या फिजियोथेरपिस्ट से जांच कराना जरूरी है।
  • घुटनों में दर्द का कारण क्या होता है?

    सबसे सामान्य कारणों में बैठने का गलत पॉश्चर, मोटापा, मांसपेशियों की कमजोरी, चोट, अर्थराइटिस शामिल हैं।
  • क्या वजन बढ़ने से घुटनों का दर्द बढ़ जाता है?

    हर 1 किलो अतिरिक्त वजन घुटनों पर लगभग 3-4 किलो का दबाव बढ़ा देता है। इसलिए वजन कम करना घुटनों के दर्द को काफी हद तक कम कर सकता है।

 

 

 

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  • Nov 23, 2025 17:55 IST

    Modified By : Akanksha Tiwari
  • Nov 23, 2025 17:55 IST

    Published By : Akanksha Tiwari

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