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पीसीओएस वाली महिलाएं ट्राई करें सीड साइकिलिंग, सेहत को मिलेंगे ये 4 फायदे

Is Seed Cycling Best For PCOS: सीड्स साइकलिंग करने से पीरियड्स से जुड़ी समस्याएं ठीक होती हैं। जानें पीसीओएस की समस्या में यह कैसे फायदेमंद है।  
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पीसीओएस वाली महिलाएं ट्राई करें सीड साइकिलिंग, सेहत को मिलेंगे ये 4 फायदे

Is Seed Cycling Good For PCOS: पीसीओएस की समस्या में पीरियड्स साइकिल पर सबसे पहले असर पड़ता है। अगर आपको पीरियड्स लेट या जल्दी आ रहे हैं या पीरियड्स में ब्लड फ्लो में फर्क है। ऐसे में महिला को पीसीओएस/पीसीओडी होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इन समस्याओं में ओवरी में सिस्ट हो जाते हैं जिस कारण हर महिने ओव्यूलेशन होना मुश्किल होता है। इस समस्या को कंट्रोल करने में सीड साइकलिंग फायदेमंद होती है। सीड साइकलिंग एक प्रोसेस है जिसमें पीरियड्स साइकिल को रेगुलर करने के लिए सीड्स खाए जाते हैं। इसमें चार तरह के बीजों को दोनों फेज में सेवन किया जाता है जिससे ब्लड फ्लो और पीरियड्स साइकिल रेगुलर रहे। लेकिन क्या आप जानते हैं पीसीओएस की समस्या में सीड साइकलिंग करना कैसे फायदेमंद है? न्यूट्रिशनिस्ट और पीसीओएस डायटिशियन असिया अली ने इस बारे में इंस्टाग्राम के जरिए जानकारी शेयर की है। चलिए लेख में विस्तार से समझें इस बारे में। 

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सीड साइकलिंग कैसे काम करती है? How Does Seed Cycling Works 

सीड साइकलिंग हॉलिस्टिक प्रोसेस है जिससे हार्मोन्स को रेगुलेट करने पर काम किया जाता है। इससे इर्रेलुगर पीरियड्स, हार्मोनल एक्ने और एस्ट्रोजन व प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन्स बैलेंस होते हैं। सीड साइकलिंग में शुरुआत में पीरियड्स के पहले दिन से 14 दिन तक  रोज एक-एक चम्मच अलसी और कद्दु के बीज का सेवन किया जाता है। इसे फॉलिकुलर फेज कहा जाता है। सीड साइकलिंग के दूसरे फेज में पीरियड्स आने के 15 वें दिन से 28 वें दिन तक यानी अगले पीरियड्स शुरू होने तक 1 चम्मच तिल के बीज और 1 चम्मच सूरजमुखी के बीजों का सेवन किया जाता है। इस साइकिल को लगातार फॉलो करते रहने से इर्रेगुलर पीरियड्स की समस्या ठीक होती है। पीरियड्स समय से आते हैं और ब्लड फ्लो भी ठीक रहता है। 

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पीसीओएस में सीड साइकलिंग के फायदे- Benefits of Seed Cycling In PCOS 

हार्मोन्स बैलेंस होते हैं- Balance Hormones

पीसीओएस एक हार्मोनल इशु है इसलिए इसमें कई हार्मोन्स एक साथ इंबैलेंस हो जाते हैं। इससे एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन्स को बैलेंस रखने में मदद मिलती है। सीड्स में मौजूद न्यूट्रिएंट्स हार्मोन्स को नैचुरली बैलेंस करने में मदद करते हैं। 

रेगुलर ओव्यूलेशन होता है- Helps In Regular Ovulation 

सीड साइकलिंग से हार्मोन्स बैलेंस होते हैं जिससे पीरियड्स साइकिल रेगुलर होती है। पीरियड्स साइकिल रेगुलर होने से पीसीओएस से जुड़ी कई समस्याएं कंट्रोल रहती हैं। 

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पीएमएस के लक्षण कम होते हैं- Reduce PMS symptoms

पीरियड्स शुरु होने से पहले फिजिकल और मेंटल हेल्थ में आने वाले बदलाव पीएमएस के कारण होते हैं। लेकिन अगर आप सीड साइकलिंग फॉलो करते हैं, तो पीएमएस से जुड़े लक्षण भी कम होते हैं। इससे ब्लोटिंग, थकावट और मूड स्विंग्स जैसी समस्याओं से राहत मिलती है। 

फॉलो करना आसान है- Easy To Follow

सीड साइकलिंग के साथ आपको पीरियड्स लाने के लिए किसी दवा के सेवन की जरूरत नहीं होती है। क्योंकि यह बॉडी में नेचुरल तरीके से काम करती है जिससे हार्मोन्स बैलेंस होते हैं। इसमें सिर्फ सीड्स को रोज नियम के साथ खाना होता है। इसलिए इसे फॉलो करना भी आसान होता है। 

सीड साइकलिंग को काम करने में कुछ महीने का समय लगता है लेकिन यह पीरियड्स साइकिल को रेगुलर करने में मदद करती है। बेहतर रिजल्ट के लिए हेल्दी डाइट और लाइफस्टाइल पर भी ध्यान दें। 

 

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