आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और बदलती लाइफस्टाइल के कारण महिलाओं में पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (पीसीओएस) की समस्या तेजी से बढ़ रही है। यह एक हार्मोनल समस्या है, जो महिलाओं में कई शारीरिक और मानसिक समस्याओं को जन्म देती है। पीसीओएस के लक्षणों में अनियमित पीरियड्स, वजन बढ़ना, मुंहासे, चेहरे पर अनचाहे बालों का बढ़ना और गर्भधारण में कठिनाई जैसी दिक्कतें होती हैं। पीसीओएस केवल शारीरिक स्वास्थ्य को ही नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करता है। पीसीओएस से ग्रसित महिलाओं में अक्सर तनाव, चिंता और डिप्रेशन की शिकायतें देखी जाती हैं। सही खान-पान, नियमित एक्सरसाइज और डॉक्टर की सलाह से यह स्थिति कंट्रोल की जा सकती है। इस लेख में लखनऊ के मा-सी केयर क्लीनिक की आयुर्वेदिक डॉक्टर और स्तनपान सलाहकार डॉ. तनिमा सिंघल से जानिए पीसीओएस के अलग-अलग लक्षणों को कंट्रोल करने में कौन से सप्लीमेंट्स मदद कर सकते हैं।
1. इंसुलिन रेसिस्टेंस- मायो-इनोसिटोल
इंसुलिन रेसिस्टेंस पीसीओएस से प्रभावित महिलाओं के लिए एक सामान्य समस्या है। मायो-इनोसिटोल एक सप्लीमेंट है जो इंसुलिन सेंसिटिविटी को बेहतर करता है और ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करता है। इसके उपयोग से पीसीओएस के लक्षणों में राहत मिलती है, खासकर उन महिलाओं को जिनमें इंसुलिन रेसिस्टेंस का खतरा अधिक होता है।
इसे भी पढ़ें: PCOS में बढ़ सकता है एंड्रोजन हार्मोन का स्तर, कंट्रोल में करने के लिए खाएं ये 7 फूड्स
2. वजन बढ़ना- एप्पल साइडर विनेगर
पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं में वजन बढ़ना एक सामान्य लक्षण है। एप्पल साइडर विनेगर, ब्लड शुगर को स्थिर रखने और मेटाबॉलिज्म को सुधारने में मदद करता है। यह वजन को कंट्रोल करने में भी सहायक हो सकता है, खासकर उन महिलाओं में जिनमें इंसुलिन रेसिस्टेंस होता है।
3. मूड स्विंग्स- मैग्नीशियम ग्लाइसिनेट
मूड स्विंग्स और तनाव पीसीओएस से जुड़े आम लक्षण होते हैं। मैग्नीशियम ग्लाइसिनेट एक प्राकृतिक सप्लीमेंट है, जो तनाव कम करने और मूड को स्थिर करने में मदद करता है। यह शरीर में हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने में भी सहायक होता है।
इसे भी पढ़ें: PCOS वाली महिलाएं पिएं ये 3 वेजिटेबल जूस, संतुलित होंगे हार्मोन्स और घटेगा वजन
4. चेहरे पर अनचाहे बाल- मिंट चाय
पीसीओएस से ग्रसित महिलाओं में चेहरे पर अनचाहे बाल एक सामान्य समस्या है। मिंट की चाय एंड्रोजन लेवल को कम करने में मदद कर सकती है, जिससे चेहरे पर बालों की ग्रोथ को कंट्रोल किया जा सकता है।
5. मुंहासे: जिंक और कॉड लीवर ऑयल
मुंहासे पीसीओएस से प्रभावित महिलाओं में सामान्य लक्षण हैं। जिंक एक प्रभावी सप्लीमेंट है जो सूजन को कम करता है और स्किन को हील करने में मदद करता है। वहीं, कॉड लीवर ऑयल में ओमेगा-3 फैटी एसिड होते हैं, जो हार्मोन को कंट्रोल करने और मुंहासों को कम करने में सहायक होते हैं।
6. बाल झड़ना- जिंक, सेलेनियम और आयरन
पीसीओएस में बाल झड़ने की समस्या भी काफी आम है। जिंक, सेलेनियम और आयरन जैसे जरूरी न्यूट्रिएंट्स बालों की जड़ों को पोषण देते हैं और बालों के झड़ने की प्रक्रिया को रोकने में मदद करते हैं। ये सप्लीमेंट्स बालों की ग्रोथ को प्रमोट करने में भी सहायक होते हैं।
निष्कर्ष
पीसीओएस के लक्षणों को कंट्रोल करने के लिए सही सप्लीमेंट्स का चुनाव करना जरूरी होता है। इन सप्लीमेंट्स का उपयोग न केवल पीसीओएस के लक्षणों को कम करता है, बल्कि हार्मोनल संतुलन को भी बनाए रखता है। हालांकि, किसी भी सप्लीमेंट का सेवन करने से पहले डॉक्टर या हेल्थ एक्सपर्ट से सलाह लें।
All Images Credit- Freepik