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अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (ADHD) एक न्यूरोडेवलपमेंटल डिसऑर्डर है, जो बचपन में ही शुरू हो जाती है। इस बीमारी से पीड़ित लोगों को फोकस करने में मुश्किल, ज्यादा एनर्जी होना और बिना सोचे-समझे काम करना जैसे लक्षण नजर आते हैं, जिससे स्कूल, काम या रिश्तों से जुड़ी परेशानी का सामना करना लोगों के लिए काफी आम होता है। कई लोगों का अनुभव रहा है कि उन्हें ADHD से पीड़ित मरीजों में खाने को लेकर एक असामान्य व्यवहार देखने को मिलती है, जो उनकी शारीरिक सेहत और मानसिक स्थिति दोनों को प्रभावित कर सकता है। इसलिए आइए आज के इस लेख में हम नोएडा के प्रकाश अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट न्यूरोसर्जन डॉ. राजीव कुमार मजूमदार (Dr. Rajib Kumar Majumdar, Senior Consultant Neurosurgeon, Prakash Hospital) से जानते हैं कि क्या सच में ADHD से पीड़ित मरीजों में खाने-पीने से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं?
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क्या ADHD में खाने से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं?
डॉ. राजीव कुमार मजूमदार के अनुसार, ADHD सिर्फ ध्यान और व्यवहार को ही प्रभावित नहीं करता, बल्कि खाने-पीने की आदतों पर भी असर डालता है। दिमाग में इम्पल्स कंट्रोल और रिवॉर्ड प्रोसेसिंग से जुड़ी न्यूरोलॉजिकल गड़बड़ियों के कारण कई समस्याएं हो सकती हैं, जो अनुशासन की कमी ही नहीं, बल्कि दिमाग से जुड़ी समस्या भी है।
1. अनियमित समय पर खाना - Irregular Meal Timing
ADHD से पीड़ित लोगों में अक्सर "Time Blindness" यानी समय का बोध न होने की समस्या पाई जाती है। वे अक्सर किसी काम में इतनी गहराई से 'हाइपरफोकस' हो जाते हैं कि उनका दिमाग शरीर द्वारा भेजे गए भूख के संकेतों को पूरी तरह नजरअंदाज कर देता है। इसके कारण वे नाश्ता या दोपहर का भोजन करना अक्सर भूल जाते हैं। जब काम खत्म होता है, तो शरीर में एनर्जी का स्तर बहुत गिर चुका होता है, जिससे वे शाम को एक साथ बहुत सारा खाना खा लेते हैं, जिसके कारण मेटाबॉलिज्म पर बुरा असर पड़ता है और यह थकान का कारण बन सकता है।
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2. बार-बार स्नैकिंग करना - Frequent Snacking
ADHD के लक्षणों में बेचैनी और उत्तेजना की कमी आम बात होती है। कई बार खाने का इस्तेमाल पोषण के लिए नहीं, बल्कि इंद्रियों को एक्टिव करने के लिए किया जाता है। कुरकुरे या चबाने वाले स्नैक्स खाने से दिमाग को एक तरह की गतिविधि मिलती है, जो बोरियत दूर करने और फोकस बढ़ाने में मदद करती है।ADHD दिमाग में स्टॉप सिग्नल कमजोर होता है। अगर सामने चिप्स का पैकेट रखा है, तो बिना सोचे-समझे उसे पूरा खत्म कर देना एक आम आदत है, क्योंकि ये भविष्य के स्वास्थ्य के स्थान पर वर्तमान की संतुष्टि को चुनता है।
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3. मीठे और प्रोसेस्ड फूड की क्रेविंग - Cravings for Sugar And Processed Food
मीठे और प्रोसेस्ड फूड्स की क्रेविंग के पीछे का सबसे बड़ा कारण डोपामाइन की कमी है। ADHD में दिमाग के अंदर डोपामाइन का लेवल कम होता है, जो हमें खुशी और रिवॉर्ड का अहसास कराता है। चीनी और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट जैसे बिस्कुट, बर्गर, सोडा का सेवन दिमाग में डोपामाइन को तेजी से बढ़ाते हैं। इतना ही नहीं, प्रोसेस्ड फूड खाने से शुगर लेवल एकदम बढ़ता है और फिर तेजी से कम होता है। जब शुगर लेवल गिरता है, तो व्यक्ति में चिड़चिड़ापन और फोकस में कमी की समस्या हो सकती है, जिससे व्यक्ति फिर से मीठा खाने की कोशिश करता है।
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ADHD में खाने से जुड़ी समस्याओं को कैसे मैनेज करें?
ADHD की समस्या में खाने से जुड़ी समस्याएं होना काफी आम है, लेकिन इन परेशानियों से बचने के लिए आप इन टिप्स को फॉलो कर सकते हैं:
- अपनी डाइट में प्रोटीन का सेवन बढ़ाएं, क्योंकि ये डोपामाइन प्रोडक्शन में मदद करता है और लंबे समय तक पेट को भरा रखता है।
- भोजन करना अगर आप भूल जाते हैं तो अलार्म लगाकर रखें, ताकि टाइम ब्लाइंडनेस से बचा जा सके।
- अगर खाना बनाने भारी काम लगता है तो हेल्दी और रेडी-टू-ईट चीजों का सेवन करें। इसके अलावा फल, ड्राई फ्रूट्स या दही का सेवन कर सकते हैं।
निष्कर्ष
ADHD की समस्या में खाने से जुड़ी समस्या होना काफी आम है। यह एक दिमाग से जुड़ी समस्या है, जो आपके खानपान को प्रभावित कर सकता है। ऐसे में सही समय पर भोजन करना और संतुलित पोषण अपनाने से ADHD से जूझ रहे कई लोगों में एनर्जी, फोकस और संपूर्ण स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है। इसलिए, आप अपने खानपान का खास ध्यान रखें।
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FAQ
एडीएचडी के मुख्य लक्षण क्या है?
ADHD के मुख्य लक्षणों में असावधानी- फोकस करने में मुश्किल होना, आसानी से परेशान होना, भुलक्कड़पन, हाइपरएक्टिविटी के कारण बेचैनी, लगातार हिलना-डुलना, बहुत ज्यादा बात करना और एक जगह पर टिककर बैठ न पाना जैसे लक्षण शामिल हैं।एडीएचडी टेस्ट क्या है?
ADHD टेस्ट कोई एक सिंगल टेस्ट नहीं है, बल्कि यह अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर का पता लगाने के लिए एक प्रक्रिया है, जिसमें लक्षणों को समझने और उनके रोजाना की गतिविधियों का परीक्षण करना शामिल है।मस्तिष्क में एडीएचडी का क्या कारण है?
दिमाग में ADHD का कोई एक कारण नहीं है, बल्कि यह जेनेटिक, दिमाग की कार्यप्रणाली, पर्यावरणीय कारकों का एक मिश्रण है, जिसमें डोपामाइन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर का असंतुलन है।
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Dec 31, 2025 16:03 IST
Modified By : Katyayani TiwariDec 31, 2025 16:03 IST
Published By : Katyayani Tiwari
