नवजात शिशु की देखभाल में सबसे ज्यादा ध्यान उसकी स्किन पर दिया जाना चाहिए, क्योंकि जन्म के बाद शिशु की स्किन बेहद नाजुक और सेंसिटिव होती है। कई माता-पिता यह मानते हैं कि शिशु को मॉइश्चराइजर लगाने की जरूरत नहीं होती और उसकी स्किन नेचुरल रूप से ही कोमल बनी रहती है। लेकिन यह धारणा पूरी तरह सही नहीं है। दिल्ली स्थित सरीन स्किन क्लीनिक के डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. अंकुर सरीन बताते हैं कि शिशु की स्किन वयस्कों की तुलना में पतली होती है और उसका नेचुरल प्रोटेक्टिव बैरियर पूरी तरह विकसित नहीं होता। यही कारण है कि शिशु की स्किन जल्दी नमी खो (Is moisturizer needed for babies) देती है और रूखापन, लालिमा या खुजली जैसी समस्याएं होने लगती हैं। इस लेख में डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. अंकुर सरीन से जानिए, क्या नवजात शिशु के लिए मॉइश्चराइजर जरूरी है?
क्या नवजात शिशु के लिए मॉइश्चराइजर जरूरी है? - Do Newborns Need Moisturizer
दिल्ली स्थित सरीन स्किन क्लीनिक के डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. अंकुर सरीन बताते हैं, ''जो लोग यह मानते हैं कि शिशु को मॉइश्चराइजर की जरूरत नहीं होती, वे गलत सोचते हैं। नवजात शिशु की त्वचा वयस्कों से पतली होती है और उसका नेचुरल प्रोटेक्टिव बैरियर पूरी तरह विकसित नहीं होता। इस कारण वह जल्दी सूख जाती है और नमी खो देती है। ऐसे में शिशु की स्किन टाइप के अनुसार मॉइश्चराइजर लगाना बहुत जरूरी है।''
हर बच्चे की त्वचा अलग होती है। कुछ की स्किन बहुत ड्राई होती है तो कुछ की नॉर्मल या फिर ऑयली। जिन बच्चों को एटोपिक डर्मेटाइटिस (Atopic Dermatitis) या एक्जिमा जैसी समस्या होती है, उन्हें स्पेशल मेडिकेटेड मॉइश्चराइजर की जरूरत पड़ सकती है। इसलिए किसी भी प्रोडक्ट को लंबे समय तक इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना सुरक्षित (Is moisturizer necessary for babies) रहता है।
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कई परिवारों में परंपरागत रूप से नारियल तेल, सरसों का तेल या घी को शिशु की मालिश और त्वचा की नमी बनाए रखने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, डॉ. अंकुर सरीन कहते हैं कि इन तेलों में से कुछ हर बच्चे की स्किन के लिए उपयुक्त नहीं होते। जैसे सरसों का तेल कुछ बच्चों में एलर्जी और जलन का कारण बन सकता है।
बेबी को कब और कैसे लगाएं मॉइश्चराइजर? - Baby par moisturizer kaise use kare
- शिशु को नहलाने के तुरंत बाद हल्के हाथ से पूरे शरीर पर मॉइश्चराइजर लगाना चाहिए ताकि स्किन की नमी लॉक हो सके।
- डॉक्टर की सलाह से शिशु की स्किन टाइप के अनुसार बेबी-सेफ, pH बैलेंस्ड और बिना केमिकल्स वाला मॉइश्चराइजर (What moisturiser is safe for babies) चुनना चाहिए।
- मॉइश्चराइजर को बहुत मोटी परत में न लगाएं, बल्कि हल्के हाथ से मसाज की तरह अप्लाई करें।
- रोजाना दिन में कम से कम 2 बार मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल फायदेमंद रहता है।
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बच्चों के लिए कौन सा मॉइश्चराइजर सबसे अच्छा है? - What's the best moisturizer for baby skin
- शिशुओं के लिए फ्रेगरेंस-फ्री मॉइश्चराइजर चुनें, शिशु की त्वचा पर तेज खुशबू वाले प्रोडक्ट से जलन हो सकती है।
- पैराबेन और सल्फेट-फ्री मॉइश्चराइजर चुनें, ध्यान रखें कि शिशु का मॉइश्चराइजर हानिकारक केमिकल वाला न हो।
- डर्मेटोलॉजिस्ट-टेस्टेड सुरक्षित और क्लिनिकली अप्रूव्ड प्रोडक्ट का इस्तेमाल करना बेहतर है।
- नेचुरल इंग्रेडिएंट्स से युक्त क्रीम या लोशन शिशु की स्किन को कोमल बनाए रखते हैं।
निष्कर्ष
नवजात शिशु की स्किन बेहद नाजुक होती है और इसे हेल्दी बनाए रखने के लिए मॉइश्चराइजर का इस्तेमाल बेहद जरूरी है। केवल नहलाना या नेचुरल तेलों पर निर्भर रहना हमेशा पर्याप्त नहीं होता। हर शिशु की स्किन अलग होती है, इसलिए सही मॉइश्चराइजर का चयन और नियमित उपयोग उसकी त्वचा को लंबे समय तक सुरक्षित और कोमल बनाए रखता है।
डॉ. अंकुर सरीन के अनुसार, ''शिशु की त्वचा की सही देखभाल जीवन की शुरुआती अवस्था से ही जरूरी है। यदि मॉइश्चराइजर सही तरीके से लगाया जाए तो बच्चे की स्किन को ड्राईनेस, रैशेज और अन्य समस्याओं से आसानी से बचाया जा सकता है।''
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FAQ
छोटे बच्चों के चेहरे पर क्या लगाना चाहिए?
छोटे बच्चों के चेहरे पर केमिकल फ्री मॉइश्चराइजर या क्रीम लगानी चाहिए। बच्चों की स्किन का ख्याल भी वयस्कों की तरह हर मौसम के अनुसार रखना चाहिए।बच्चों के लिए कौन सा मॉइश्चराइजर सबसे अच्छा है?
बच्चों के लिए डर्मेटोलॉजिस्ट-टेस्टेड पैराबेन और सल्फेट-फ्री मॉइश्चराइजर या क्रीम चुनें। केमिकल वाले मॉइश्चराइजर या क्रीम से बच्चों की स्किन पर बुरा असर हो सकता है।कमजोर बच्चों को क्या खिलाएं?
कमजोर बच्चों को घर का बना पोषक तत्वों से भरपूर भोजन दें। ध्यान रखें कि बच्चों की डाइट में ऐसी चीजें शामिल हों जिनमें पोषक तत्व भरपूर मात्रा में हों। अगर बच्चा ज्यादा कमजोर है तो डॉक्टर से तुरंत सलाह लें।