
उत्तराखंड में इस मौसम डेंगू ने एक हजार से ज्यादा लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है और छह लोगों की मौत भी हो चुकी है। पिछले वर्षों की तुलना में डेंगू ने इस मौसम उत्तराखंड में अपना कहर बरपाया हुआ है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने आंकड़ों की पुष्टि करते हुए कहा कि राज्य में इस बीमारी से करीब 1,024 लोग पीड़ित पाए गए हैं। जिसमें से 712 से ज्यादा मामले देहरादून और 286 मामले नैनीताल में सामने आए हैं। राज्य सरकार ने हालांकि दावा किया है कि इस बीमारी से लड़ाई के लिए तैयारी पूरी है लेकिन लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। वहीं डेंगू के मरीजों की लगतारा संख्या बढ़ने पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि सरकार इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा रही है।

उन्होंने कहा कि राज्य के ज्यादातर इलाकों में डेंगू का डंक फैल चुका है लेकिन सरकार ने पर्याप्त कदम नहीं उठाएं हैं। उनका कहना है कि देहरादून के एकमात्र सरकारी अस्पताल में जहां डेंगू के मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है वहां भी अधिक डॉक्टरों को तैनात नहीं किया गया। इतना ही नहीं अन्य सरकारी अस्पतालों में हालात और भी ज्यादा खराब है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य के सरकारी अस्पतालों के हालात भी बेहद खराब है कहीं मशीन खराब पड़ी है तो कहीं दवाईयों की भारी कमी है। इतना ही नहीं मरीजों की संख्या के मुकाबले अस्पतालों में डॉक्टरों, चिकित्सकीय कर्मियों एवं दवाओं की भी व्यवस्था सही नहीं है।
दरअसल बारिश के मौसम में डेंगू का प्रकोप भारत जैसे राज्यों में बढ़ जाता है। डेंगू बुखार, एडीज इजिप्टी नामक मच्छर के काटने से फैलता है। डेंगू का मच्छर ज्यादातर सुबह के वक्त काटता है। यह मच्छर साफ रुके हुए पानी जैसे कूलर व पानी की टंकी आदि में पनपता है। डेंगू एक तरह का वायरल इंफेक्शन है। मच्छर के काटने से इसका संक्रमण खून तक पहुंच जाता है। मच्छर के काटने पर अगर आपको य लक्षण दिखाई दे तो अपने खून की जांच जरूर करवाएं।
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डेंगू के लक्षण
- सिरदर्द होना।
- आंखों में दर्द होना।
- सर्दी लगकर तेज बुखार आना।
- उल्टी आना।
- शरीर में सूजन होना।
- सांस लेने में तकलीफ होना।
- शरीर, जोड़ों व पेट में दर्द होना।
- त्वचा पर लाल निशान आ जाना।
- मुंह व नाक से और मसूढ़ों से खून आना।
- पेशाब लाल रंग का आना, काले दस्त आना।
- दौरे आना और बेहोशी छा जाना।
- ब्लड प्रेशर का कम (लो) होना।
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डेंगू का इलाज
शरीर में पानी की कमी नहीं होनी चाहिए। विटामिन डी और ई से भरपूर भोजन या डॉक्टर द्वारा सुझाए इनके सप्लीमेंट्स लेने वालों के स्वस्थ्य में तेजी से सुधार आता है। शरीर में पोषक तत्वों की कमी न होने दें क्योकि जिन लोगों में विटामिन डी, बी 12 और ई की कमी होती है वो मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द की शिकायत अधिक करते हैं। अगर किसी को डेंगू का अंदेशा हो, तो वह पैरासिटामोल जैसी दर्द निवारक गोलियां ले सकता है और एस्परिन के इस्तेमाल से बचना चाहिए। व तुरंत डॉक्टर से दिखाएं।
दोबारा डेंगू होने पर क्या करें
- बुखार कम रखने (शरीर का तापमान) की कोशिश करें।
- चिकित्सक के निर्देशानुसार दवा खायें।
- ठंडे पानी की पट्टियां शरीर पर रखें।
- फलों का रस, शिकंजी या नींबू, चीनी, नमक का घोल पीएं।
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