Andhvishwas or science: प्रेग्नेंसी महिलाओं के जीवन का सबसे अलग और मुश्किल फेज होता है। महिलाएं इस दौरान हर हफ्ते एक नए बदलाव को महसूस करती हैं। लेकिन, इसी दौरान काफी सारी भ्रामक बातों भी आस-पास होती हैं और घर के बड़े-बुजुर्गों के कहने पर गर्भवती महिलाओं को इसे मानना पड़ता है। कुछ चीजों के पीछे साइंस भी होता है तो कुछ चीजें तथ्यहीन होती हैं जिन्हें मानने के पीछे कोई भी तर्क नहीं होता। ऐसी ही एक बात है प्रेग्नेंसी के दौरान नदी पार करके सफर करना। दरअसल, सालों से भारतीय गांवों और बड़े-बुजुर्गों का मानना है कि गर्भवती महिलाओं को दही पार सफर नहीं करना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को नदी के पास नहीं जाना चाहिए। लेकिन, क्या इसमें कोई तर्क है या इसके पीछे कोई साइंस है? इस बारे में विस्तार से जानने के लिए हमने Dr. Rajni Bagai, Consultant - Gynaecology & Obstetrics, Narayana Hospital, Howrah & Chunavati से बात की।
प्रेग्नेंसी में नदी पार करने से गर्भपात का खतरा होता है-Crossing a river during pregnancy can lead to miscarriage?
Dr. Rajni Bagai कहती हैं कि गर्भावस्था के पहले 14 सप्ताह और आखिरी 8 सप्ताह सबसे नाजुक चरण माने जाते हैं, जहां ऐसे कारक हो सकते हैं जो गर्भपात या समय से पहले प्रसव के लिए पूर्वनिर्धारित हों। इस अवधि के दौरान अक्सर मरीजों को तनावपूर्ण लंबी दूरी की यात्रा से बचने की सलाह दी जाती है। गर्भावस्था में नदी पार करने पर प्रतिबंध का आधार गर्भावस्था से जुड़ी किसी भी स्वाभाविक बात के बजाय, इसमें शामिल 2 लोगों की सामान्य सुरक्षा चिंताओं पर आधारित हो सकता है।
इसे ऐसे समझे कि भारत के तमाम शहर और गांव नदियों के किनारे ही हैं और आपको एक जगह से दूसरे जगह जाने के लिए स्वाभाविक रूप से एक नदी बीच में पार करनी ही पड़ती है। पहले आज की तरह यातायात की इतनी व्यवस्था भी नहीं थी। लोग अलग-अलग जरियों से, खराब रोड से सफर करके अपने गंतव्य तक पहुंचते हैं। कुछ गांव तक पहुंचने के लिए लोग नाव की मदद से नदी भी पार करते थे। रेलवे की भी व्यवस्था इतनी अच्छी नहीं थी। ऐसे में कुछ मिलाकर कहा जाए तो एक गर्भवती महिला के लिए सफर करना काफी मुश्किलों से भरा हो सकता है।
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डॉ. रजनी बताती हैं कि हवाई परिवहन में खराब दबाव वाले केबिन की वजह से भी शुरुआती दिनों में, दूसरी तिमाही के बाद हवाई यात्रा को मना किया जाता है। हालांकि, बेहतर तकनीक के साथ, केबिन का दबाव अब कोई मुद्दा नहीं है। दरअसल, हवाई यात्रा और गर्भावस्था दोनों निचले अंगों (deep vein thrombosis), में थक्के विकसित करने के जोखिम कारक हैं, जो मस्तिष्क, फेफड़े या हृदय (thromboembolism) तक जा सकते हैं, इसलिए इस जोखिम पर विचार किया जाना चाहिए। साथ ही विमान में अन्य यात्रियों से संक्रमण होने के जोखिम पर भी विचार किया जाना चाहिए क्योंकि इस दौरान महिला की इम्यूनिटी कमजोर होती है और इससे बच्चे को भी खतरा हो सकता है।
इसके अलावा बात अगर ट्रेन की करें तो ट्रेन की भीड़ भाड़ से लेकर चलने की स्पीड और फ्रीक्वेंसी तक गर्भाशय संकुचन को ट्रिगर कर सकता है खासकर कि लंबे समय में। इसके अलावा महिला को सफर में असुविधा होने पर सेहत से जुड़ी कई समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है। इससे भी बच्चे की सेहत को खतरा हो सकता है। तो इन तमाम कारणों प्रेग्नेंसी में ट्रेवल करना परेशानी का सबब हो सकता है।
इन स्थिति में भी सफर करने की होती है मनाही
अगर महिला में पहले से ही गर्भपात का इतिहास रहा है तो भी सफर करने से मना किया जाता है। इसके अलावा अगर कोई अन्य गंभीर समस्या है तब भी महिला तो ट्रेवल करने से मना किया जाता है। कभी-कभी, अगर डॉक्टर को लगता है कि किसी मरीज को समय से पहले प्रसव होने का जोखिम है तब भी लंबे सफर करने की मनाही होती है। ऐसे में एहतियात के तौर पर प्रोजेस्टेरोन या स्मूथ मसल रिलैक्सेंट निर्धारित किया जा सकता है।
गर्भावस्था में यात्रा की योजना बनाते समय बरती जाने वाली सामान्य सावधानियां-General precautions to take while planning travel in pregnancy
1. यात्रा की सुरक्षा के बारे में अपने डॉक्टर से सलाह लें और यह भी कि क्या कोई दवा लेने की जरूरत है। ट्रेवल करने से पहले इस बात पर खास ध्यान दें।
2. आपकी गर्भावस्था को उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था माना जाता है, तो मनोरंजक यात्रा न करें यानी कि जिसमें ज्यादा क्रिएटिविटी हो।
3. गर्भावस्था में मोशन सिकनेस मतली को बढ़ा सकती है, इसलिए हल्का भोजन करें और गर्भावस्था में सुरक्षित एंटी-सिकनेस गोलियां साथ रखें।
4. ऐसी जगहों पर यात्रा की योजना बनाएं जहां आपातकालीन स्थिति में पर्याप्त चिकित्सा सहायता उपलब्ध हो।
5. भीड़-भाड़ वाले सार्वजनिक स्थानों पर अच्छी गुणवत्ता वाला मास्क पहनें।
6. अपने हाथों को बार-बार धोएं या सैनिटाइज करें।
7. सुरक्षित और स्वच्छ भोजन और पानी का सेवन करें।
8. खुद को हमेशा अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रखें और लंबी दूरी में ट्रेवल करते समय वॉक करते रहें।
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हालांकि, यह तमाम टिप्स सफर में सुरक्षित रहने के लिए है लेकिन बिना अपने डॉक्टर की मर्जी के प्रेग्नेंसी में ट्रेवल करने से बचें। ऐसा करना आपके और आपके बच्चे के लिए खतरनाक हो सकता है। इसलिए जब भी ट्रेवल करने की प्लानिंग करें तो अपने एक्सपर्ट की राय जरूर लें।
FAQ
प्रेगनेंसी की शुरुआत में क्या नहीं करना चाहिए?
प्रेगनेंसी की शुरुआत में सीढ़ियां चढ़ना, ज्यादा मेहनत वाली एक्सरसाइज और फिर बाहर के फ्राइड फूड्स खाने से बचना चाहिए। इससे बच्चा अस्वस्थ हो सकता है।प्रेगनेंसी में कौन से घरेलू काम नहीं करने चाहिए?
प्रेगनेंसी में बैठकर झाडू लगाने और पोछा लगाने से बचना चाहिए। किचन में लंबे समय तक खड़े होकर काम करने से बचना चाहिए। कपड़े धोने, भारी सामान उठाने जैसे बार-बार झुकने वाली चीजों से बचना चाहिए।प्रेगनेंसी में क्या-क्या परहेज करना चाहिए?
प्रेग्नेंसी में ज्यादा चीनी और नमक से बचना चाहिए। नारियल पानी और नींबू पानी पीना चाहिए। जंक या प्रोसेस्ड फूड खाने से बचना चाहिए।